रेत माफिया का खाैफ

ठेकेदाराें ने तीन जिलों में 91 करोड़ की रेत खदानें छोड़ीं; किस्तें जमा करने से इनकार, काॅर्पोरेशन ने ठेके निरस्त किए

प्रदेश में अवैध रेत माफिया इस कदर हावी हैं कि उनके खाैफ से कराेड़ाें का राजस्व देने वाले ठेकेदार अब काम समेटने लगे हैं। तीन जिलों रायसेन, आलीराजपुर और मंदसौर के रेत ठेकेदारों ने किस्तें भरने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते सरकार को 91 करोड़ रु. की खदानों के ठेके निरस्त करने पड़े। अभी 15 जिलों के ठेकेदार नियमित किस्तें जमा नहीं कर रहे हैं, क्याेंकि ये भी खदानें छाेड़ने की तैयारी में हैं।

अवैध रेत खनन के कारण अब तक 250 कराेड़ रु. से अधिक की रेत खदानें छाेड़ने के नाेटिस खनिज काॅर्पोरेशन को मिल चुके हैं। तेलंंगाना की पावर-मेक ने सीहोर की रेत खदानें 109 करोड़ और भिंड जिले की 20.50 करोड़ में हासिल की थी। कंपनी अब दोनों खदानें चलाने की इच्छुक नहीं हैं। कंपनी ने नियमानुसार छह महीने पहले नोटिस देने की प्रक्रिया की है।
ठेके महंगे लिए, अवैध खनन बढ़ा
प्रदेश में सालाना रेत के ठेके पर 200 से 250 करोड़ राजस्व आता था। कांग्रेस सरकार ने राजस्व बढ़ाने के लिए सिंगल खदान पैटर्न खत्म किया। इसकी जगह वर्ष 2019-2020 में एक जिले की सारी खदान एक ग्रुप को दी गई। मोनोपॉली पैटर्न के चलते खदानों की बोली कई गुना बढ़ गई। रेत खदानें 1534 करोड़ रुपए में नीलाम हुई। रेत ठेकेदारों ने ऑफसेट प्राइज से ढाई गुना ज्यादा कीमत पर खदानें ले ली। इससे 250 रुपए प्रति घनमीटर रॉयल्टी वाली खदानें 600 रुपए तक ठेकेदारों को मिली। अब ये खदानें 1 हजार प्रति घनमीटर पर सबलेट की जा रही है। खदानों को किराए पर लेने वाले 1500 रुपए घनमीटर रेत बेच रहे है। अवैध रेत खनन करने वाले पुलिस से मिलकर फायदा उठा रहे है।
15 जिले के ठेकेदारों ने हाथ खींचे
अभी दतिया, शिवपुरी, खरगौन, छतरपुर के ठेकेदार भी नियमित जमा नहीं करा रहे है। खनिज निगम राशि जमा नहीं कराने पर ईटीपी बंद कर चुका था। इसके बाद दोबारा कुछ राशि जमा कराने पर पोर्टल शुरू किए गए।

सख्ती : तीनाें ठेकेदाराें पर 50 कराेड़ रुपए की पेनाल्टी लगाने की तैयारी
रायसेन की खदान राजेंद्र रघुवंशी चला रहे थे। इसे 71.71 करोड़ में लिया गया था। इसकी फरवरी और मार्च माह की लगभग 16 करोड़ की किस्तें जमा नहीं हुई। आलीराजपुर में वीरेंद्र सिंह जादौन के पास खदान है। ये 27 करोड़ रुपए में ली गई है। ठेकेदार ने 3 करोड़ की किस्त फरवरी की जमा नहीं की है। मंदसौर की खदान 3 करोड़ में गोविंद सिंह ने ली थी। इसके 45 लाख रुपए जमा नहीं कराए गए हैं। शासन को राजस्व का नुकसान होने की वजह से तीनों जिले के ठेके निरस्त करने के साथ ही 50 करोड़ की पेनाल्टी लगाने की तैयारी की जा रही है।

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