प्रतियोगी परीक्षा में घोटाले ग्वालियर अंचल पर दाग !

प्रतियोगी परीक्षा में घोटाले ग्वालियर अंचल पर दाग
प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ियों ने प्रदेश के साथ ग्वालियर-चंबल अंचल को किया कलंकित

प्रतियोगी परीक्षाओं हुुए घोटालों में मध्यप्रदेश को देशभर में बदनाम कर दिया है। प्रदेश आयोजित होने वाली प्रतियोगी परीक्षों में बीते वर्षों में कई घोटाले सामाने आए है व्यापमं, संविदा और पुलिसभर्ती जैसे चर्चित घोटालों ने प्रदेश के साथ ग्वालियर चंबल अंचल की छवि को भी कलंकित किया है। इन परीक्षाओं में हुई गड़बड़ियोँ में कहीं न कहीं ग्वालियर-चंबल अंचल का नाम उछलकर सामाने आया है।चयन परीक्षाओं के घोटालों में अंचल पर उठती उंगलियां शर्मसार करती हैं। हाल की पटवारी भर्ती परीक्षा के चयनितों में ग्वालियर-चंबल से एक ही परिवार के आधा दर्जन से अधिक अभ्यर्थियों और एक ही कॉलेज से सैकड़ाभर से ज्यादा अभ्यर्थियों का नाम आया। टॉपर लिस्ट भी अंचल के ही अभ्यर्थियों से भरी थी। यह पहली बार नहीं था। व्यापमं की परीक्षाओं में भी लंबे समय तक पीईटी, पीएमटी, पीएटी और पीपीटी जैसी परीक्षाओं में सबसे अधिक टॉपर इसी अंचल के होते थे। तब भी इस पर सवाल उठे, आखिर में व्यापमं घोटाले ने इस गड़बड़ी पर मुहर लगा दी। अब इस मामले में जांच समिति ने शिकायत करने वालों और आपत्तिकर्ताओं को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया है। उम्मीद है जांच समिति दूध का दूध और पानी का पानी कर देगी, लेकिन बदनामी का जो दाग अंचल के दामन पर लगा है उसे कैसे धोया जा सकेगा। बिचौलियों, दलालों और इन घोटालों का नेटवर्क चलाने वालों को इस अंचल पर जगह कैसे मिल जाती है? कैसे यहां के लोग इनके जाल में फंस जाते हैं और पैसों के दम पर उन होनहारों का हक मारने तैयार हो जाते हैं जो वास्तव में उस भर्ती या चयन के अधिकारी हैं। सोचना होगा कि गरिमामय इतिहास, स्वतंत्रता आंदोलन में भूमिका और देश सेवा का जो जज्बा इस अंचल में है उसका कोई सानी नहीं, लेकिन देशभर में भर्ती परीक्षाओं के घोटाले कलंकित करते हैं तो अंचल के लोगों की नजरें झुक जाती हैं। इन गड़बड़ियों से पहले ग्वालियर-चंबल अंचल आपराधिक पृष्ठ भूमि के कारण बदनाम का दंश झेल रहा था। सामूहिक प्रयासों ने धीरे-धीरे अंचल ने यह दाग लगभग मिट गया है। लेकिन प्रतियोगी परीक्षा में हुई गड़बड़ियों ने अंचल को फिर चर्चा में ला दिया है। भविष्य में इस प्रकार की गड़बड़ियां रोकने के लिए शासन प्रशासन के साथ राजनीति में दखल रखने वाले जिम्मेदारों को आगे आना होगा। किसी प्रतियोगी परीक्षा को आयोजित करने से गड़बड़ी रोकने की पूरी तैयार का होमवर्क करना होगा। तभी इस प्रकार की गड़बड़ी रूक पाएंगी और योग्य प्रतिभागियों को न्याय मिल सकेगा।

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