बर्खास्त इंजीनियर हेमा के 30 प्रोजेक्ट की होगी जांच ..?

बर्खास्त इंजीनियर हेमा के 30 प्रोजेक्ट की होगी जांच

क्वालिटी जांचने के लिए बनाई कमेटी; 15 दिन में मांगी रिपोर्ट

आय से अधिक संपत्ति के आरोपों में उलझी पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन की बर्खास्त असिस्टेंट इंजीनियर हेमा मीणा की मुश्किल और बढ़ने वाली है। लोकायुक्त पुलिस के साथ अब पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन ने भी हेमा के सुपरविजन में हुए कामों की जांच शुरू करवा दी है। एमडी पुलिस हाउसिंग ने एक कमेटी गठित की है। इसमें इंदौर के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर किशन विधानी और प्रोजेक्ट इंजीनियर ज्ञानेश्वर यादव को रखा गया है। ये कमेटी भोपाल और इसके आसपास हेमा के सुपरविजन में अब तक हुए 30 प्रोजेक्ट की गुणवत्ता जांचेगी। एमडी ने इसकी जांच रिपोर्ट 15 दिन के भीतर कॉर्पोरेशन में पेश करने के निर्देश दिए हैं। बता दें, इस मामले में नाम सामने आने के बाद हेमा के बॉस रहे जनार्दन सिंह को भी बर्खास्त कर दिया गया है।

दरअसल, 30 हजार रुपए वेतन पाने वाली हेमा मीणा की करोड़ों की संपत्ति चर्चा में है। इस साम्राज्य के पीछे पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के इंजीनियर जनार्दन की कृपा बताई जा रही है। दोनों के करीबी रिश्तों की तो चर्चा पहले से है। जनार्दन की कृपा की तमाम कड़ियां हेमा की प्रॉपर्टी से जुड़ रही हैं।

निर्माण सामग्री सरकारी नहीं

मंगलवार को लोकायुक्त पुलिस ने एक पत्र पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन को लिखा था। इसमें पूछा था कि हेमा के ठिकानों पर बहुत सारी निर्माण सामग्री मिली है, जो सरकारी लगी रही है। कॉर्पोरेशन ने इसकी पड़ताल के लिए एक टीम हेमा के ठिकानों पर भेजी थी। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वहां मिली निर्माण सामग्री सरकारी नहीं है। इसके मुताबिक कॉर्पोरेशन किसी निर्माण के लिए कोई भी कॉन्ट्रैक्ट देता है तो इसके लिए निर्माण सामग्री खरीदने का काम कॉन्ट्रैक्टर का ही होता है। कॉर्पोरेशन कोई निर्माण सामग्री खरीदकर नहीं देता। इसलिए ये सामग्री हमारी नहीं है। यही जवाब कॉर्पोरेशन ने लोकायुक्त पुलिस को भी भेज दिया है।

मप्र पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के इंजीनियर जनार्दन सिंह को गुरुवार को सस्पेंड कर दिया गया।

8 दिन बाद भी न खातों की जानकारी, न इन्वेंट्री रिपोर्ट

लोकायुक्त पुलिस ने हेमा के ठिकानों पर 11 मई की सुबह रेड की थी। इस दौरान हेमा के भोपाल में तीन और रायसेन में दो खातों की जानकारी मिली थी। लेकिन, 8 दिन बाद भी टीम खातों की पूरी जानकारी नहीं जुटा पाई है। हेमा के घर से मिले 450 सामान की असल कीमत की भी जांच अब तक पूरी नहीं हुई है।

जनार्दन के जरिये प्रॉपर्टी निर्माण की चर्चा

हेमा के मामले में नाम आने पर इंजीनियर जनार्दन सिंह को सस्पेंड कर दिया गया। गुरुवार को जारी जनार्दन के निलंबन आदेश के मुताबिक हेमा उनके अधीनस्थ काम करती थी। ऐसे में हेमा का पर्यवेक्षण करना उनकी ड्यूटी थी, जो उन्होंने ठीक ढंग से नहीं निभाई। इससे विभाग की छवि खराब हुई है। सूत्रों के मुताबिक हेमा के वेयर हाउस और डॉग फार्म समेत तीन प्रॉपर्टी का निर्माण जनार्दन के जरिये हुआ।

हेमा और जनार्दन ने कराए तीन प्रॉपर्टी के काम, ठेकेदार का पेमेंट रोका

लोकायुक्त जांच के बीच भास्कर ने यह निर्माण करने वाले ठेकेदार अमर पंडित से बातचीत की तो पता चला कि हेमा और जनार्दन ने उनसे तीन प्रॉपर्टी पर काम कराया। जनार्दन रोज फोन कॉल्स और वॉट्सऐप पर इनका अपडेट लेता था, लेकिन निर्माण कार्य का 53 लाख रुपए नहीं दिया। इस संबंध में डीजीपी और सीएम तक जनार्दन और हेमा के नाम से शिकायत की, पर कार्रवाई नहीं हुई। हालांकि, जनार्दन ने इससे इनकार किया है। वह कितना पावरफुल है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लोकायुक्त को जो शिकायतें मिली हैं, उनमें जनार्दन का भी नाम था, लेकिन अब तक वह जांच के दायरे में नहीं आया है। हालांकि, लोकायुक्त टीम का कहना है कि हम कनेक्शन खंगाल रहे हैं।

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