भोपाल: 2408 सब इंजीनियरों की ज्वाइनिंग अटकी, नई नौकरी दी नहीं ..?

कर्मचारी चयन मंडल:2408 सब इंजीनियरों की ज्वाइनिंग अटकी, नई नौकरी दी नहीं, पुरानी से इस्तीफा दिलवाया, इनमें ग्वालियर के 2
नई नौकरी मिली नहीं। संविदा और निजी क्षेत्रों में जो काम कर रहे थे …

जिम्मेदारों द्वारा युवाओं से कहा गया कि ओबीसी आरक्षण की उलझन है, जबकि चार नगर निगमों के साथ सात जगहों पर 87 सब इंजीनियरों को नियुक्तियां दे दीं। भोपाल समेत 11 नगर निगमों के साथ 22 जगहों पर 2408 सब इंजीनियरों की नियुक्ति अटकी हुई है। अब ये लोग बुधवार को भोपाल में जुटने जा रहे हैं।

इतने पदों पर यहां ज्वाइनिंग हो गई

  1. मप्र अर्बन डेवलपमेंट कंपनी में 14 पद।
  2. वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन में 22 पद।
  3. नगर निगम देवास में 7, बुरहानपुर में 17, सतना में 11 और मुरैना में 9 पद।
  4. प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड में 7 पद।

350 लोगों ने प्राइवेट जॉब छोड़े

सब इंजीनियरों का कहना है कि संंबंधित विभागों में जाओ तो कहते हैं कि फाइल सामान्य प्रशासन विभाग में है। कोई विभाग बताता है, सीएम के यहां से समय नहीं दिया जा रहा है। जबकि जल संसाधन विभाग ने संविदा पर मप्र शासन में काम कर रहे 50 सब इंजीनियरों से इस्तीफा दिलवा दिया है। 350 निजी क्षेत्रों में काम करने वाले भी नौकरी छोड़ चुके हैं।

जिम्मेदारों के तर्क- जीएडी ने कहा… हमारे यहां विचाराधीन नहीं
जीएडी सचिव डॉ. श्रीनिवास शर्मा ने कहा कि सब इंजीनियरों की नियुक्तियों का कोई मसला जीएडी में विचाराधीन नहीं है। जहां तक मेरिट बनने का सवाल है तो यह कम से कम एक साल और अधिकतम 18 महीने तक मान्य रहती है।

विभाग ने कहा- हाईकोर्ट के फैसले के कारण अटके
पीएचई के इंजीनियर इन चीफ संजय अधवान का कहना है कि ऊपर से निर्देशों का इंतजार है। 27 मार्च 2023 को हाईकोर्ट का निर्णय आया है कि ओबीसी आरक्षण 14% से अधिक नहीं होना चाहिए। इसी को लेकर चीजें क्लियर नहीं हैं।

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