RTI से पता चला 10 साल में दिल्ली में 857 को मिली जॉब

LG ने 1500 को ज्वाइनिंग लेटर दिए, विभाग पता नहीं:RTI से पता चला 10 साल में दिल्ली में 857 को मिली जॉब

दिल्ली सरकार के रोजगार निदेशालय के आंकड़ों में विसंगति सामने आई है। निदेशालय में पिछले 10 साल में ऑनलाइन एंप्लॉयमेंट पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने वालों की संख्या दोगुनी से भी अधिक हो चुकी है, लेकिन रोजगार देने के नाम पर सिर्फ आंकड़ों की मानें तो यह ‘ऊंट के मुंह में जीरा’ वाली कहावत चरितार्थ करती है।

निदेशालय के ऑनलाइन एंप्लॉयमेंट पोर्टल पर 2013 से 2023 के बीच रजिस्ट्रेशन कराने वाले आवेदकों की संख्या 6 लाख 87 हजार 182 बताई गई है। वर्तमान में इनकी संख्या बढ़कर 15 लाख 93 हजार 557 रिकॉर्ड हो चुकी है। वहीं, दस साल में सिर्फ 857 को नौकरी मिली, जबकि LG वीके सक्सेना ने 19 अप्रैल को विज्ञान भवन में 1500 लोगों को ज्वाइनिंग लेटर बांटे। इसकी सूचना विभाग को नहीं है।

रोजगार निदेशालय का फंड लगातार बढ़ता रहा
रोजगार निदेशालय को आवंटित फंड भी हर साल लगातार बढ़ रहा है। 2013 से 2023 के दौरान दिए गए अनुदानों की बात करें तो 8 लाख 32 हजार 547 रुपए की बजट राशि इन कार्यालयों पर खर्च की जा चुकी है। इसके बावजूद निदेशालय और यह सभी कार्यालय बड़ी संख्या में बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराने की दिशा में असफल रहे हैं।

2019 से 2023 तक किसी को नौकरी नहीं
रोजगार निदेशालय के रिकॉर्ड के मुताबिक, 2019, 2021, 2022 और 2023 में किसी को नौकरी नहीं दी जा सकी है। वहीं 2017 से लेकर 2023 के बीच में मात्र 857 लोगों को ही रोजगार निदेशालय के जरिए नौकरी मिली है। वर्तमान में चार रोजगार कार्यालय में तीन रोजगार निदेशालय पूसा, आर के पुरम में कार्य कर रही है।

विभागों में रिक्त पदों की जानकारी का मेकेनिज्म नहीं
निदेशालय ने RTI एक्टिविस्ट भूपेन्द्र पांचाल के सवाल के जवाब में बताया कि 10 साल में सिर्फ 857 को नौकरी दी है। हालांकि, निदेशालय अपने जबाव में खुद का बचाव करता दिखा। वह ये भी कह रहा कि उसके पास मेकेनिज्म सिस्टम नहीं है, जिससे उसको रिक्त पदों पर भर्ती किए जाने वाले लोगों की कोई समग्र सूचना दी जा सके या इस बारे में कोई सूचना विभाग को प्राप्त हो सके।

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