ग्वालियर : अमृत की पाइप लाइनों से “स्मार्ट रोड” बर्बाद ..?
ग्वालियर । स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन द्वारा शहर में 300 करोड़ रुपए की लागत से तैयार की जाने वाली स्मार्ट रोड परियोजना में अब 14 सड़कें तैयार नहीं की जाएंगी। पहले बिजली कंपनी के अड़ंगे के चलते इस परियोजना की आधी दम निकल गई। इसके बाद अमृत योजना के तहत डाली गईं पानी की लाइनें फूटने से रही-सही कसर भी पूरी हो गई। इस परियोजना के तहत राजपायगा रोड, आमखो रोड, कंपू रोड, छत्री मंडी, जिंसी नाला सभी जगह पर जहां-जहां काम शुरू किया गया, वहां-वहां लाइनें फूटीं। इसका कारण यह है कि इन लाइनों को गहराई में डालने के बजाय ऊपर ही बिछा दिया गया। इसके चलते स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन ने रिस्क लेने के बजाय कदम वापस खींच लिए और सड़कों को डि-स्कोप कर दिया। इस परियोजना के अंतर्गत थीम रोड पर काम करने में ज्यादा समस्या नहीं आई।
जैसे ही कार्पोरेशन ने राजपायगा रोड पर काम शुरू किया, वैसे ही लाइनें फूटने की समस्या शुरू हो गई। यहां दो से ढाई फीट गहराई में ही पानी की लाइनें डली हुई थीं। जब रोड को खोदकर काम्पैक्शन के लिए वाइब्रेटर चलाए गए, तो लाइनें फूटने लगीं। स्थिति यह रही कि रोड पर डामर बिछाने के लिए मौके पर मशीनें मंगा ली गईं और काम शुरू होने से पहले ही मुख्य पाइप लाइन में लीकेज हो गए। इस समस्या का नतीजा यह है आठ माह में भी सड़क निर्माण पूरा नहीं हो पाया है। यही स्थिति आमखो रोड, कंपू रोड पर हुई है। अन्य सड़कों पर काम शुरू करने पर यदि डक्ट नहीं भी बनाई जाती, तो भी पानी की लाइनों का अड़ंगा लगा ही रहता। इसके चलते कार्पोरेशन ने इन सड़कों का निर्माण न करने का विकल्प उचित समझते हुए ऐसे ही छोड़ दिया।
जरूरत पड़ने पर निगम कराएगा निर्माण
जिन सड़कों को डिस्कोप किया गया है, उनमें कुछ सड़कें ऐसी हैं जहां निर्माण की आवश्यकता है। वहीं सराफा बाजार और दौलतगंज जैसी कुछ सड़कों पर कोई काम करने की जरूरत नहीं है। कार्पोरेशन द्वारा इनका निर्माण किया जाता, तो इन्हें खोदकर दोबारा से तैयार किया जाता। इसके चलते निर्माण कार्य में समय लगता, लेकिन सड़क की गुणवत्ता बहुत अच्छी होती। अब भविष्य में जब भी इन सड़कों की स्थिति खराब होगी, तो नगर निगम इनका निर्माण कराएगा।
जिंसी नाला पर बनी बनाई सड़क खोदी
अमृत योजना की लाइनों की स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिंसी नाला पर माधव प्लाजा के सामने स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन के ठेकेदार ने सड़क बनाकर तैयार कर दी। एक-दो दिन बाद ही पीएचइ के अमले ने लाइन फूटने का आरोप लगाते हुए इस सड़क को खोद दिया। वहीं कुछ जनप्रतिनिधियों ने भी आपत्ति जताई कि क्यों स्मार्ट सिटी द्वारा अच्छी सड़कों को खोदकर दोबारा बनाया जा रहा है। यह आखिरी ऐसा कारण रहा, जिसने इस परियोजना को बंद करने पर मजबूर कर दिया।
पाइप लाइनों की दिक्कत से निर्णय लिया गया है जिन सड़कों को डि-स्कोप किया गया है, उनमें से कुछ में अमृत फेज-2 के तहत काम होने थे। जिन सड़कों का निर्माण अभी चालू है, वहां भी पाइप लाइनों की दिक्कत आ रही है। इसके चलते आगे अन्य सड़कें तैयार नहीं करने का निर्णय लिया गया।
नीतू माथुर, सीइओ स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन