नशे का अड्डा चलाने : चीन के ठगों के केस में वर्दीवालों पर नहीं आई आंच ..?

– बीट के सिपाही से लेकर थानेदारों की भूमिका थी संदेह के घेरे में
– अब ड्रग्स फैक्टरी को लेकर फिर शुरू हुई पुलिसकर्मियों की जांच
ग्रेटर नोएडा। चीन के ठगों के नशे का अड्डा चलाने और करोड़ों का फर्जीवाड़ा करने के मामले में बीट के सिपाही से लेकर थानेदारों तक की जांच एक साल बीतने के बाद तक उजागर नहीं की गई है। बल्कि जो कुछ पुलिस अधिकारी जांच के दायरे में थे उन्हें एक के बाद एक बेहतर तैनाती मिलीं।
इस मामले में तत्कालीन डीसीपी डॉ. मीनाक्षी कात्यायन ने एक चौकी प्रभारी व दो सिपाही को लाइन हाजिर कर बीटा-2 थाने और ईकोटेक-1 थाने के पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच तत्कालीन एडीसीपी विशाल पांडे को सौंपी थी। अब इसी बीटा-2 थाना क्षेत्र और इसके करीब दो ड्रग्स फैक्टरियों का खुलासा होने के बाद पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने नोएडा जोन के एडीसीपी को सौंपी है। अब यह देखने वाली बात होगी कि जांच रिपोर्ट कब तक सामने आएगी और किसी पुलिसकर्मी पर कार्रवाई होगी या नहीं।

हर थाना क्षेत्र में थाना प्रभारी से लेकर बीट के सिपाहियों पर उनके क्षेत्र के अपराध और अवैध गतिविधियों पर निगरानी व कार्रवाई की जिम्मेदारी तय होती है। इसके बावजूद ग्रेटर नोएडा को बिना वीजा के रहने वाले विदेशियों ने आरामगाह बना लिया है। इसकी खबर न तो एलआईयू को होती है और न ही जिम्मेदार पुलिसकर्मियों को या फिर वह सबकुछ जानकार मौन साधे रहते हैं। अगर हम कम आबादी के शहर की बात करें तो एनसीआर में कई ऐसे शहर, कस्बे और उसके आसपास का एरिया है जहां ग्रेनो से अधिक एकांत है। इसके बावजूद ग्रेटर नोएडा को ही अवैध रूप से रहने वाले विदेशी अपना अड्डा क्यों बनाते हैं।
लगभग एक साल पहले 11 जून 2022 को एसएसबी के नेपाल बार्डर पर बिहार के सीतामढ़ी क्षेत्र से दो चीनी नागरिक लु लैंग और यूं हेलंग की गिरफ्तारी के बाद ग्रेनो में चीनी नागरिकों के अवैध रूप से रहकर करोड़ों का फर्जीवाड़ा करने का खुलासा हुआ। तभी ईकोटेक-1 थाना क्षेत्र के घरबरा गांव में नशे के अड्डे का खुलासा हुआ। आरोपी यहां रहकर लोन, ट्रेडिंग, गेम एप आदि के जरिये देश भर के लोगों से करोड़ों की ठगी कर चुके थे। भारतीय मददगारों के जरिए आरोपियों ने फर्जी कंपनियां बनाकर लेनदेन किया। एनसीआर से मोबाइल स्क्रैप एकत्रित कर चिप आदि निकालकर चीन भेजे। इस मामले में तत्कालीन पुलिसकर्मियों की भूमिका व लापरवाही की जांच रिपोर्ट अब तक उजागर नहीं की गई है।

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खुलासा टीम में शामिल पुलिसकर्मियों की पूर्व में भी रही तैनाती
ड्रग्स फैक्टरी मामले में खास बात यह भी है कि अधिकांश खुलासे बीटा-2 थाने या इसके इर्द-गिर्द हुए हैं। खुलासे की टीम में शामिल स्वाट टीम प्रभारी यतेंद्र यादव व दादरी कोतवाली प्रभारी सुजीत उपाध्याय की बीटा-2 थाना क्षेत्र में लंबी तैनाती रही है। बीटा-2 थाने के अलावा यतेंद्र यादव ऐच्छर चौकी प्रभारी भी रहे हैं और सुजीत उपाध्याय कासना थाने के प्रभारी भी रहे हैं। इनके अलावा भी खुलासे में शामिल कुछ अन्य पुलिसकर्मी उस दौरान बीटा-2 थाने पर तैनात थे।
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ग्रेनो में ड्रग्स ही नहीं मकानों में अवैध शराब की फैक्टरी भी पकड़ीं
18 मई 2019 – पी-4 सेक्टर में एनसीबी ने 400 करोड़ की 1818 किलो ड्रग्स बरामद कर तीन विदेशी पकड़े
11 जनवरी 2021 – कासना औद्योगिक क्षेत्र में अवैध शराब की फैक्टरी से बुलंदशहर पुलिस की निशानदेही पर दो शव बरामद
22 जनवरी 2021 – सिग्मा-4 सेक्टर पर हापुड़ पुलिस ने स्थानीय पुलिस को साथ लेकर शराब फैक्टरी और चार आरोपी पकड़े
28 अगस्त 2021 – अल्फा-2 सेक्टर के मकान से मेरठ सर्विलांस टीम की मदद से शराब फैक्टरी और सेल्समैन समेत चार गिरफ्तार
14 मई 2022 – दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ग्रेनो से दो करोड़ की कोकीन समेत दो आरोपी दबोचे।
23 मई 2023 – थीटा-2 सेक्टर के मकान से 300 करोड़ की एमडीएमए के बरामद, नौ नाइजीरियाई गिरफ्तार।
30 मई 2023 – मित्रा सोसाइटी के मकान से 150 किलो ड्रग्स बरामद, तीन नाइजीरियाई गिरफ्तार।

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