प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए बड़ा केंद्र बन गया इंदौर
पारंपरिक और व्यावसायिक पाठ्यक्रम के अलावा विद्यार्थियों के लिए अब इंदौर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी का केंद्र बन गया है। हर साल हजारों युवा यहां कोचिंग पढ़ने आते हैं। सरकारी नौकरी की तरफ युवाओं का रुझान बढ़ा है। वे पीएससी-यूपीएससी, बैंक पीओ और रेलवे की परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। कुछ अंग्रेजी तो कुछ गणित या रीजनिंग के लिए कोचिंग जाते हैं, जबकि अधिकांश युवा अपने स्तर पर इन परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। सिर्फ माक टेस्ट के लिए कोचिंग में पढ़ते हैं। बीते एक दशक में इंदौर में 500 से ज्यादा कोचिंग क्लासेस खुल गई हैं।
बीई-बीटेक, एमबीए, बीकाम-एमकाम, एमए-बीए करने के बाद युवा निजी कंपनियों के बजाय सरकारी विभागों में नौकरी करना चाहते हैं। यही वजह है कि पढ़ाई पूरी करने के बाद तीन-चार साल तक युवा प्रतियोगी परीक्षाएं देते हैं। इसके लिए कोचिंग क्लास या फिर खुद घर पर तैयारी कर परीक्षा उत्तीर्ण करते हैं।
भंवरकुआं में सर्वाधिक कोचिंग संस्थान
भंवरकुआं क्षेत्र में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले सबसे ज्यादा संस्थान हैं। यहां संचालित 300 से ज्यादा छोटे-बड़े कोचिंग संस्थान हैं, जहां पीएससी-रेलवे और बैंक के बारे में पढ़ाया जाता है। इसके अलावा विजय नगर, सुदामा नगर, अन्नपूर्णा, नौलखा, पलासिया, गीताभवन में संस्थान संचालित होते हैं। शहरभर में एक हजार कोचिंग हैं, जिसमें 80-90 हजार विद्यार्थी है। ये देवास, उज्जैन, महू, धार, झाबुआ, अलीराजपुर, खंडवा से पढ़ने आते हैं।
सुरक्षित नौकरी की चाह
शिक्षाविद डा. नरेंद्र सोलंकी ने कहा कि इंदौर में शिक्षा का स्तर काफी अच्छा है। अब कोचिंग क्लासेस में अनुभवी शिक्षक पढ़ा रहे हैं। इस कारण प्रदेश के अलग-अलग जिलों से विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने आते हैं। इनमें से कई युवा चयनित भी हो रहे हैं। वे बताते हैं कि कुछ साल में ट्रेंड काफी बदला है। 2015 से पहले पढ़ाई पूरी करने के बाद युवा निजी कंपनियों में नौकरी करना चाहते थे, लेकिन जाब सिक्यूरिटी नहीं है। सुरक्षित भविष्य की चाह में युवा सरकारी विभागों में नौकरी करना पसंद करते हैं।
छात्रावास भी खुले …
बाहर से पढ़ाने आने वाले युवाओं को ठहरने की चिंता नहीं है, क्योंकि इंदौर में छात्रावासों की भरमार है। शहरभर में पांच हजार से ज्यादा छात्रावास संचालित हो रहे हैं। भंवरकुआं, इंद्रपुरी, विष्णुपुरी, नौलखा, विजय नगर, गीता भवन सहित अन्य इलाकों में छात्रावास खुल गए हैं। वहां इनके सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाता है।