नोएडा :  किताबों ने बदल दिया कैदियों का जीवन दर्शन ..!

किताबों ने बदल दिया कैदियों का जीवन दर्शन …

– मेरठ के कैदी पढ़ाई में सबसे आगे, गौतमबुद्धनगर के 189 कैदियों ने कराया उच्च शिक्षा के लिए पंजीकरण
गाजियाबाद में 323 और आगरा में 24 का पंजीकरण, पांच साल में 9628 कैदियों ने ली उच्च शिक्षा

नोएडा। लुकसर जेल में बंद हत्या के आरोपी 30 वर्षीय अनिल इन दिनों इतिहास के सवालों में उलझे हुए हैं। राजाओं महाराजाओं के सियासी दांव पेच पढ़ रहे हैं। प्लासी से लेकर बक्सर के युद्ध की कहानी इनको रट गई हैं। यह सिर्फ एक कैदी की कहानी नहीं है, बल्कि सैकड़ों कैदी जेल में रहकर उच्च शिक्षा ग्रहण कर अपने कल को संवारने में जुटे हैं। इस मामले में मेरठ जेल के कैदी सबसे आगे हैं। इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) में जनवरी सत्र में मेरठ जेल के 452 कैदियों ने पढ़ाई के लिए पंजीकरण कराया है। जबकि गौतमबुद्ध नगर की लुकसर जेल में 189 और गाजियाबाद की डासना जेल के 323 कैदियों ने उच्च शिक्षा में दिलचस्पी दिखाई है। पिछले पांच सालों में 9628 कैदियों ने जेल में रहकर पढ़ाई की है।

इग्नू के नोएडा क्षेत्रीय कार्यालय की ओर से आगरा, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद और मेरठ की जेल में स्टडी सेंटर चल रहे हैं। इसका उद्देश्य कैदियों को शिक्षा देना है, ताकि वो जेल से बाहर निकलने पर रोजगार कर जीवन यापन कर सकें। इसके अलावा बहुत से कैदी हैं, जिनकी पढ़ाई बीच में ही छूट गई है। अब वह ग्रेजुएशन और मास्टर्स की पढ़ाई पूरी करना चाहते हैं। उनको इन सेंटरों की मदद से पढ़ाई का मौका मिल रहा है। यह सभी कैदी सेल्फ स्टडी के जरिए पढ़ाई कर रहे हैं। अगर इस दौरान कोई दिक्कत आ रही है तो एक दूसरे की मदद भी कर रहे हैं। खासबात है कि इग्नू की ओर से कैदियों की पढ़ाई निशुल्क है।

जेल प्रबंधकों का कहना है कि बहुत से कैदी जेल से छूटने के बाद मुख्यधारा में लौटकर सम्मान से जीवन जीना चाहते हैं। पढ़ाई के बाद कैदियों की सोच में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है।

सबसे ज्यादा सर्टिफिकेट इन फूड एंड न्यूट्रिशन प्रोग्राम में ले रहे दाखिला

इग्नू कैदियों को ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन समेत कई सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स करा रहा है। लेकिन सबसे ज्यादा कैदी फूड एंड न्यूट्रिशन प्रोग्राम में दाखिला ले रहे हैं। गाजियाबाद की जेल के 261, मेरठ में 404 , गौतमबुद्धनगर में 178 और आगरा में 14 कैदियों ने इस कोर्स में दाखिला लिया है। इसके अलावा बीए और बीकॉम में भी कैदियों की दिलचस्पी दिख रही है।

आगरा के कैदी पढ़ाई में सबसे पीछे

आगरा की सेंट्रल जेल में इग्नू का सेंटर चल रहा है। यहां पर 2385 कैदी हैं। जनवरी सत्र के लिए सिर्फ 25 कैदियों ने पंजीकरण कराया है। अगर पिछले साल का रेकॉर्ड देखें तो अन्य जिलों की तुलना में सबसे कम 125 कैदियों ने पढ़ाई की है। जबकि गाजियाबाद में यह आंकड़ा 3541, मेरठ में 3656, नोएडा में 2306 है।

कैदी पढ़ाई के लिए पंजीकरण कराने वालों की संख्या

मेरठ – 2409 452
गाजियाबाद – 4600 323
नोएडा – 2932 189

आगरा सेंट्रल जेल- 2385 25

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क्षेत्रीय केंद्र नोएडा के आगरा, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद और मेरठ जेल में स्टडी सेंटर चल रहे हैं। यहां पर कैदियाें की निशुल्क पढ़ाई कराई जा रही है। कुछ कैदी अच्छा प्रदर्शन भी कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य है कि कैदी जेल से छूटने के बाद अपना जीवन यापन कर सकें।

डॉ अमित चतुर्वेदी, वरिष्ठ क्षेत्रीय निदेशक

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