दो सालों में 71 लाख का नाश्ता खा गए प्रधिकारण अधिकारी ..?
दो सालों में 71 लाख का नाश्ता खा गए प्रधिकारण अधिकारी, लॉकडाउन में भी पी गए दो लाख की चाय
ग्रेटर नोएडा प्रधिकारण ने एक आरटीआइ के जवाब में बताया कि पिछले दो सालों प्रधिकारण की होने वाली बैठकों में इकहत्तर लाख रुपये के चाय-नाश्ता हुआ है। इतना ही नहीं बल्कि लॉकडाउन के दौरान भी दो-दो लाख रुपये की चाय पी गई है।
- RTI में चाय-नाश्ते पर हुए खर्च का दिया जवाब
- लॉकडाउन अवधि में भी पी गए दो-दो लाख की चाय
- 21 दिसंबर में सर्वाधिक 3,84,746 रुपये का हुआ चाय-नाश्ता
- एक महीने में पौने चार लाख रुपये तक का विभाग में बनाया गया बिल
ग्रेटर नोएडा। दो साल में इकहत्तर लाख रुपये का चाय-नाश्ता। आप को सुनकर आश्चर्य होगा कि चाय-नाश्ते का यह भारी भरकम बिल ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का है। इतना ही नहीं लाकडाउन के दौरान भी दो-दो लाख रुपये की चाय पी गई।
प्राधिकरण ने RTI में दिया जवाब
यह बिल क्षेत्रीय किसानों व अन्य लोगों के साथ बैठकों में आने वाले चाय-नाश्ते का है। एक-एक माह में पौने चार लाख रुपये तक का बिल बनाया गया। चाय-नाश्ते के बिल का जवाब प्राधिकरण ने सामाजिक कार्यकर्ता सागर खारी द्वारा लगाई गई आरटीआइ में दिया है।
बिल का ठीकरा किसानों के साथ होने वाली बैठक पर भी फोड़ दिया गया है, जबकि किसान संगठनों का दावा है कि अधिकारियों के साथ साल में यदा-कदा ही बैठक होती है। बैठक में गिनती के किसानों को ही बुलाया जाता है। पानी के अलावा चाय कभी-कभार ही पिलाई जाती है।
लॉकडाउन में पी दो लाख की चाय
जवाब में प्राधिकरण ने कहा है कि अप्रैल 2020 से जून 2022 तक चाय-नाश्ते का बिल सत्तर लाख 98 हजार 564 रुपये का है। कोरोना वायरस की वजह से फैली महामारी के कारण मार्च 2020 से मई 20 तक लॉकडाउन लगाया गया था। उस समय अप्रैल व मई में भी दो-दो लाख रुपये की चाय पी गई।
अप्रैल में 1,74,670 व मई में 2,26,335 रुपये की चाय पी गई। सर्वाधिक चाय-नाश्ते का बिल 3,84,746 रुपये का दिसंबर 21 का बना है। मार्च 2022 में 3,69,444 रुपये का बिल बना है। 2022 मार्च, अप्रैल, मई व जून में सभी माह का बिल तीन लाख रुपये से अधिक का है।
मुख्यमंत्री कार्यालय को लिखेंगे पत्र: सागर खारी
सागर खारी का कहना है दोबारा अपील करने के बाद जवाब दिया गया है। बिल तैयार करने में घोटाला हुआ है। मुख्यमंत्री कार्यालय व लोकायुक्त को पत्र लिखकर बिल की जांच कराने की मांग की जाएगी।
अपने चाय-नाश्ता का बिल किसानों पर डाल रहे हैं अधिकारी: किसान नेता
इस मामले पोल खुलने के बाद भारतीय किसान यूनियन अंबावता के राष्ट्रीय प्रवक्त, बृजेश भाटी ने कहा- बैठक में अधिकारियों के द्वारा सिर्फ पानी ही उपलब्ध कराया जाता है। स्वयं के चाय-नाश्ते का बिल अधिकारियों के द्वारा किसानों पर डाला जा रहा है। मामले की जांच होनी चाहिए, प्राधिकरण का एक और घोटाला खुलेगा।
वहीं, भारतीय किसान यूनियन, पश्चिमी यूपी के अध्यक्ष पवन खटाना ने कहा- दो साल में प्राधिकरण अधिकारियों के साथ दो बार ही वार्ता हुई है। वार्ता में गिनती के किसान ही जाते हैं। पानी के अलावा चाय कभी कभार ही आती है। चाय-नाश्ते का बिल फर्जी तैयार कराया गया है।