ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का कार्यालय लगभग 400 करोड़ रुपये की लागत से तैयार कर इको फ्रैंडली का दंभ भरा गया था। दावा किया गया था कि ऊर्जा (बिजली) की कम खपत होगी। आप को जानकर आश्चर्य होगा कि प्राधिकरण कार्यालय का एक-एक माह का बिजली बिल चालीस लाख रुपये तक का है।

डेढ़ साल में फूंकी 4 करोड़ से ज्यादा की बिजली

प्राधिकरण के एक माह के बिल में एक परिवार को जीवन भर के लिए आशियाना मिल जाए। वातानुकूलित कार्यालय में बैठ अधिकारियों ने मात्र डेढ़ साल में चार करोड़ अस्सी लाख रुपये की बिजली का उपयोग कर लिया।

दो साल में 71 लाख रुपये की चाय-नाश्ता, डेढ़ साल में चार करोड़ अस्सी लाख बिजली की बिजली सहित अन्य अनाप-शनाप खर्चों ने प्राधिकरण को कर्जें में डाल दिया है। प्रतिमाह आने वाले भारी भरकम बिजली बिल की जानकारी प्राधिकरण ने सामाजिक कार्यकर्ता सागर खारी के द्वारा मांगी गई आरटीआई में दिया है।
सात साल में बना अलीशान ऑफिस

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का अस्थाई कार्यालय पिछले कई वर्षों से गामा दो सेक्टर में संचालित हो रहा था। शासन स्तर से बजट स्वीकृत होने के बाद सात वर्ष पूर्व प्राधिकरण का नया आलीशान कार्यालय नालेज पार्क चार में बन कर तैयार हुआ।

अधिकारियों व कर्मचारियों की सुविधा का ध्यान रखते हुए उन्हे कार्यालय के लिए बड़े-बड़े कमरे दिए गए। दावा किया गया था कि बिल्डिंग की डिजाइन इस प्रकार से तैयार की गई कि ऊर्जा की बहुत कम खपत होगी, लेकिन अब बिजली का एक-एक माह का बिल बीस से लेकर चालीस लाख रुपये तक का है।

जनवरी में मई से ज्यादा आया बिल

अमूमन गर्मी के समय बिजली का बिल ज्यादा और ठंड में कम आता है, लेकिन यहां उल्टा है। जनवरी में पड़ने वाली कड़ाके की ठंड में भी बिजली का बिल 28 लाख रुपये तक का है। जनवरी व फरवरी 2021 में कार्यालय का बिजली बिल 27 व 28 लाख रुपये का है।

वहीं, मई में पड़ने गर्मी में बिल 21 लाख का है। जो कि समझ से परे है। जून 2022 में सर्वाधिक बिल 39 लाख रुपये का है। भारी भरकम बिल से ही पता चल जाता है बिजली की बचत करने को लेकर अधिकारी कितने संजीदा हैं।