भोपाल । मुख्यमंत्री हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण में मध्यप्रदेश की राजधानी ही लगातार पिछड़ती जा रही है। भोपाल प्रदेश भर के 52 जिलों में शिकायतों का निराकरण करने में 32वें स्थान पर है। साथ ही जिले की बी ग्रेडिंग बनी हुई है। राजधानी में मई महीने की अब तक 10 हजार शिकायतें लंबित हैं जिनका निराकरण नहीं हुआ है। इसी वजह से कलेक्टर आशीष सिंह ने सोमवार को कलेक्ट्रेट में हुई टीएल बैठक के दौरान अधिकारियों को सख्त हिदायत देते हुए जून महीने में सभी लंबित शिकायतों का निराकरण करने के निर्देश दिए हैं।
शिकायतों के निराकरण में राजस्व विभाग फिसड्डी
कलेक्टर ने टीएल बैठक में राजस्व अधिकारियों को इसलिए फटकार लगाई है, क्योंकि शिकायतों का निराकरण करने में राजस्व विभाग ही सबसे अधिक फिसड्डी है। मई के महीने में मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के माध्यम से राजस्व विभाग को कुल 861 शिकायतें मिली हैं, जिनमें से विभाग सिर्फ 162 मतलब 18 प्रतिशत शिकायतों का ही निराकरण कर सका है।
मई में आईं कुल 17 हजार 880 शिकायतें
भोपाल में मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के माध्यम से अलग- अलग विभाग को आवेदकों के माध्यम से कुल 17 हजार 880 शिकायतें मई के महीने में प्राप्त हुई हैं। इनमें से 42 प्रतिशत शिकायत मतलब 7,585 का निराकरण किया जा चुका है। जबकि 10 हजार से अधिक शिकायतें अब भी लंबित हैं।
इनका कहना है
मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के द्वारा मिलने वाली शिकायतों को प्रमुखता से लेते हुए उनका जल्द से जल्द निराकरण करने के निर्देश सभी अधिकारियों को दिए गए हैं। खासतौर से राजस्व संबंधी शिकायतें समय पर निराकृत की जानी चाहिए। इसके अलावा अन्य लंबित मामलों को भी समयसीमा में निपटाने के लिए कहा गया है।
– आशीष सिंह, कलेक्टर, भोपाल