इंदौर,  पलासिया चौराहे पर 15 जून को नशे के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं पर हुए लाठीचार्ज के बाद सोमवार को एडीजी विपिन माहेश्वरी के समक्ष मरीमाता स्थित पुलिस आफिसर्स मेस में बयान हुए। इसमें विश्व हिंदू परिषद (विहिप), बजरंग दल के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने आपबीती सुनाई। बयान दोपहर एक से शाम पांच बजे तक चले।

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शाम सात बजे एसीपी पूर्ति तिवारी और टीआइ संजय सिंह बैस को बयान के लिए बुलाया। हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने बयान दिया कि हम पलासिया चौराहे पर टीआइ बैस के कहने पर बैठे थे, क्योंकि हमें कमिश्नर मकरंद देऊस्कर से मिलना था।

एडीजी ने चार घंटे तक लिए हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं के बयान, लगाए गंभीर आरोप

इसके साथ ही सभी ने बयानों में बताया कि हम पलासिया थाने पर कमिश्नर से न्याय मांगने गए थे। हमने पलासिया थाना क्षेत्र में उन्हें ज्ञापन देना इसलिए उचित समझा, क्योंकि इस थाना क्षेत्र में सबसे ज्यादा नशाखोरी होती है। यहां छोटी बच्चियों को नशा करवाकर लव जिहाद जैसा कृत्य करवाया जाता है। थोड़े दिन पहले ही पब में हिंदू युवतियों को मुफ्त में प्रवेश देकर उनके साथ दुष्कर्म जैसी घटना हुई थी। हम ऐसी चीजों का विरोध कर रहे थे। हम ज्ञापन देने पहुंचे।

स्थिति नियंत्रित करने के लिए कमर पर मारा जाता है, लेकिन हमारे सिर पर लट्ठ से मारा, हत्या का प्रयास किया

विभाग संयोजक तन्नु शर्मा की थाना प्रभारी से फोन पर बात हुई। हमने कहा था कि कमिश्नर को बुला लीजिए। विरोध स्वरूप पलासिया चौराहे पर धरना दिया, क्योंकि हमें थाना प्रभारी ने कहा था कि कमिश्नर यहां नहीं आएंगे। चौराहे पर जाकर प्रदर्शन करो। शायद आपकी सुन लें, इसलिए हम वहां गए। हम वहां बैठे तो एसीपी ने धमकी दी कि यहां से उठिए, नहीं तो लाठीचार्ज होगा।

कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी भी दी, लेकिन चिह्नित 40-50 लोग बैठे थे। मीडिया को बाइट दे रहे थे, तभी डीसीपी, एसीपी ने थाना प्रभारी को निर्देश दिए कि इन पर लाठीचार्ज करो।

कई कार्यकर्ता हुए थे घायल

बयानों में यह भी बताया कि स्थिति नियंत्रित करने के जो लाठीचार्ज किया जाता है, उसमें कमर के नीचे मारा जाता पर मारा जाता है, लेकिन हमारे सिर पर लट्ठ से मारा गया है। इसमें कई कार्यकर्ता घायल हुए। हमारी हत्या का प्रयास किया गया है। मांग है कि ऐसे दोषी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करें। इन पर हत्या के प्रयास का केस दर्ज करें।यहां भी न्याय नहीं मिलता है, तो हम बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करवाकर रहेंगे।

थाना प्रभारी और डीसीबी पर गंभीर आरोप

कार्यकर्ताओं ने बयान में कहा कि नशा माफिया ने थाना प्रभारी, डीसीपी को सुपारी दी, जिसके बाद हमारी हत्या का प्रयास किया गया। शहर में अवैध धंधों के कारण लाखों की जो वसूली हो रही थी, वह बंद हो गई थी। हमें कमिश्नर पर भरोसा था, लेकिन वे आए नहीं। इससे हमारा मनोबल टूटा। पलासिया टीआइ और डीसीपी धर्मेंद्र सिंह भदौरिया, एसीपी पूर्ति तिवारी और अन्य थाना प्रभारियों ने जो हमारे साथ कृत्य किया है, ऐसा देशभर में कहीं नहीं हुआ।

सरकार को बदनाम करने का षड्यंत्र

विभाग संयोजक तन्नु शर्मा ने बताया कि इंदौर ही नहीं, पूरे प्रदेश में सरकार को बदनाम करने का षड्यंत्र चल रहा है। हमारी भाजपा के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा हुई है। उन्होंने कहा है कि लाठीचार्ज का आदेश हमारी ओर से नहीं दिया गया, लेकिन अधिकारियों को सुपारी दी गई कि हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं को इस तरह से मारो की शहर की फिजा खराब हो और दंगे हों। शहर में वातावरण बिगड़े और भाजपा व बजरंग दल बदनाम हो जाएं। अभी आठ लोगों के बयान हुए हैं। 10 को नोटिस दिया है, एक को अभी नहीं मिला है।

एडीजी ने पूछा- तुमने बिना अवगत कराए किया प्रदर्शन

बयान में एडीजी माहेश्वरी ने हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं से पूछा कि थाना प्रभारी ने हमें बताया कि बिना किसी जानकारी के प्रदर्शन किया जा रहा था। इस पर विभाग संयोजक शर्मा ने उन्हें रिकार्डिंग सुनाई। सभी कार्यकर्ताओं ने एक जैसा ही बयान दिया है। बयान देने के लिए विभाग संयोजक तन्नु शर्मा, संगठन मंत्री अभिषेक, यश, आकाश ठाकुर, जितेंद्र आदि पहुंचे। राजेश बिंजवे अस्पताल में भर्ती हैं। अमन करोड़े के परिवार में गमी हो गई थी, इसलिए वे नहीं आ पाए।

जांच चल रही है

जांच चल रही है। बयान लिए जा रहे हैं। बयानों के आधार पर तय होगा कि अन्य लोगों के बयान होंगे या नहीं।

– विपिन माहेश्वरी, एडीजी

अब तक यह हुआ

जोन-3 के डीसीपी धर्मेंद्रसिंह भदौरिया को हटा दिया गया है। पलासिया टीआइ बैस को लाइन अटैच करने के आदेश दिए गए हैं। डीसीपी को सेनानी (आरएपीटीसी) बनाया है। गृहमंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा द्वारा घटनाक्रम की एडीजी स्तर के अफसर से जांच करवाई जा रही है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा भी कह चुके हैं कि बजरंग दल कार्यकर्ताओं पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज करने वाले दोषी अधिकारी नहीं बचेंगे।

यह हुआ था घटनाक्रम

विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल कार्यकर्ता गुरुवार रात नशाखोरी के विरोध में एवं कार्यकर्ता पर दर्ज प्रकरण वापस लेने की मांग को लेकर पलासिया चौराहे पर प्रदर्शन कर रहे थे। वे पुलिस आयुक्त मकरंद देऊस्कर को ज्ञापन देना चाहते थे। उन्होंने आयुक्त को बुलाने की जिद की और नारेबाजी कर चौराहे पर आए गए। इस पर जोन-3 के डीसीपी धर्मेंद्र सिंह भदौरिया ने मामले को सुलझाने का प्रयास किया। इस पर झूमाझटकी हो गई। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।