जहरीली शराब के धंधे और सौदागरों पर शिकंजा कब?

प्रदेश का कमोबेश हर जिला जहरीली शराब के कारोबार की चपेट में है, लेकिल फिर भी इस पर लगाम नहीं लगी रही है ..

बुदेलखंड की तरह प्रदेश का कमोबेश हर जिला जहरीली शराब के कारोबार की चपेट में है। इसका साक्षात उदाहरण हाल ही में छतरपुर जिले में शराब के सेवन से दो लोगों की मौत होना है। इनमें एक व्यक्ति की मौत से पहले आंखें खराब हो गई थी। हर साल कई लोग जहरीली शराब पीने से मर जाते हैं और इतने ही आंखों की रोशनी खो बैठते हैं। सवाल है कि आखिर क्यों राज्य सरकार जहरीली और अवैध शराब के कारोबार और उसकी तस्करी पर रोक नहीं लगा पा रही? छतरपुर का यह कोई पहला मौका नहीं है, जब जहरीली शराब से मौतें हुई हों। सिलसिला लगातार जारी है। बुंदेलखंड अंचल में बड़े पैमाने पर महुआ लहान व नौसादर से कच्ची शराब बनाने का कारोबार चल रहा है। प्रदेश के आदिवासी और दूरस्थ दुर्गम अंचलों सहित कई जगह डेरों पर खुलेआम कच्ची शराब बनाकर बेची जा रही है। पुलिस यहां अकसर छापामार कार्रवाई करती है मगर एक दो दिन बाद फिर भट्टियां शुरू हो जाती हैं। शराब में नशा बढ़ाने के लिए उसमें यूरिया, ऑक्सीटोसिन, बेसरम मिलाते हैं, जो जहरीले होते हैं। यूरिया में नाइट्रोजन होता है, जो शरीर को नुकसान पहुंचाता है। लगातार सेवन से शरीर के अंदरूनी अंग काम करना बंद कर देते हैं। ज्यादा मात्रा होने पर मौत भी हो जाती है। इसे रोक न पाने के लिए सीधे-सीधे आबकारी विभाग जिम्मेदार है। पुलिस की लापरवाही और मिलीभगत भी इस कारोबार को खाद पहुंचा रही है। अन्यथा पुलिस और आबकारी विभाग ऐसे लाचार नहीं हैं और उनके सूचना तंत्र इतने खोखले नहीं हैं कि कहीं जहरीली और अवैध शराब बन रही हो और उन्हें इसका पता ही नहीं हो। जब शराब से कोई मौत होती है तो या फिर टारगेट पूरा करने के लिए अवैध व कच्ची शराब पकड़ने व नष्ट करने का दिखावे के लिए अभियान जरूर चलाया जाता है। मगर मामला ठंडा पड़ते ही अवैध शराब की निगरानी बंद कर दी जाती है। इस कारण फिर से अवैध शराब गांव-गांव में बिकना और कच्ची शराब बनाने का काम शुरू हो जाता है। धरपकड़ भी ज्यादातर छिटपुट स्तर पर ही होती है। बड़े खिलाड़ियों को तो पुलिस बेनकाब करती ही नहीं है। इसी कारण अवैध शराब का धंधा फलफूल रहा है। इसे सिर्फ राज्य सरकार की सख्ती ही रोक सकती है। सरकार को जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी मानते हुए इसकी व्यवस्था भी करनी चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *