क्या ..संसद के मानसून सत्र में पेश हो सकता है यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल ..!

संसद के मानसून सत्र में पेश हो सकता है यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल: सूत्र

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, यूनिफॉर्म सिविल कोड का बिल केंद्र सरकार की ओर से संसदीय स्थायी समिति को भेजा जा सकता है. जो इस पर तमाम हितधारकों से उनके विचार मांगेगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से यूनिफॉर्म सिविल कोड का जिक्र किए जाने के बाद से ही इसे लेकर बहस जारी है. इन सबके बीच सूत्रों के हवाले से जानकारी सामने आई है कि मोदी सरकार मानसून सत्र में यूनिफॉर्म सिविल कोड का प्रस्ताव पेश कर सकती है. मानसून सत्र जुलाई में बुलाया जाएगा और इसको लेकर अंतिम फैसला कैबिनेट कमेटी ऑन पार्लियामेंट्री अफेयर्स की बैठक में होगा.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, यूनिफॉर्म सिविल कोड का बिल केंद्र सरकार की ओर से संसदीय स्थायी समिति को भेजा जा सकता है. जो इस पर तमाम हितधारकों से उनके विचार मांगेगी. समान नागरिक संहिता (UCC) के मानसून सत्र में पेश होने पर संसद में सियासी घमासान मचना तय है. पीएम मोदी के यूसीसी का जिक्र किए जाने के बाद से ही बीजेपी पर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल लगातार हमलावर है.

संसदीय स्थायी समिति करेगी बैठक
संसदीय स्थायी समिति ने हाल ही में लॉ कमीशन के प्रतिनिधियों और केंद्रीय कानून मंत्रालय को 3 जुलाई को बुलाया है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, स्थायी समिति के शेड्यूल बताता है कि 14 जून को जारी किए गए नोटिस में हितधारकों से उनके विचार मांगे गए थे, जिस पर अब पर्सनल लॉ का रिव्यू किया जाएगा.

जुलाई के तीसरे सप्ताह में शुरू हो सकता है मानसून सत्र
संसद का मानसून सत्र जुलाई के तीसरे हफ्ते में शुरू होने की संभावना है. जानकारी के मुताबिक 2023 का मानसून सत्र 17 जुलाई से शुरू हो सकता है. सत्र के 10 जुलाई तक चलने की संभावना है. ये नए संसद भवन में पहला मानसून सत्र होगा. सूत्रों का कहना है कि संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति (CCPA) की बैठक जुलाई महीने की शुरुआत में हो सकती है. इस बैठक में मानसून सत्र की तारीखों को लेकर फैसला किया जाएगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सीसीपीए की बैठक की अध्यक्षता करेंगे.

पीएम मोदी ने किया था यूसीसी का जिक्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (27 जून) को मध्य प्रदेश के दौरे पर एक कार्यक्रम के दौरान यूनिफॉर्म सिविल कोड का जिक्र किया था. उन्होंने कहा कि इस संवेदनशील मुद्दे को लेकर मुस्लिमों को भड़काया जाता है. पीएम मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी सभी समुदायों के लिए एक कानून लाने की बात कही है, लेकिन वोट बैंक की राजनीति करने वाले इसका विरोध करते हैं.

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