केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट

 केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट, याचिका में क्या है मांग?

 केंद्र सरकार ने दिल्ली में ग्रुप-ए अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग के लिए एक प्राधिकरण बनाने के लिए अध्यादेश जारी किया था. आप सरकार इसका विरोध कर रही है.

 दिल्ली की आप सरकार अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग पर केंद्र सरकार के अध्यादेश को चुनौती देने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गई है. दिल्ली सरकार ने शुक्रवार (30 जून) को कहा कि केंद्र सरकार का अध्यादेश असंवैधानिक है. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में आप (AAP) सरकार ने कहा कि केंद्र सरकार के अध्यादेश पर तुरंत रोक लगाई जाए.

केंद्र सरकार ने बीते महीने दिल्ली में ग्रुप-ए अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण गठित करने के लिए एक अध्यादेश जारी किया था. जिसका अरविंद केजरीवाल की सरकार विरोध कर रही है.

केंद्र ने जारी किया था अध्यादेश

इस अध्यादेश को जारी किए जाने से कुछ दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पुलिस, कानून-व्यवस्था और भूमि को छोड़कर अन्य सभी सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंप दिया था. आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी नहीं मान रही और ये अध्यादेश असंवैधानिक है.

अरविंद केजरीवाल मांग रहे विपक्षी दलों का समर्थन

इस मसले पर समर्थन के लिए आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल कई विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात भी कर चुके हैं. बिहार के सीएम नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, एनसीपी चीफ शरद पवार, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन समेत कई विपक्षी नेता आप का समर्थन करने की बात कह चुके हैं.

आप नेता जलाएंगे अध्यादेश की कॉपी

आम आदमी पार्टी ने शुक्रवार को कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 3 जुलाई को आम आदमी पार्टी कार्यालय में इस अध्यादेश की प्रतियां जलाएंगे. आप प्रवक्ता और दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 3 जुलाई को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कैबिनेट मंत्री और सभी विधायक आईटीओ पार्टी कार्यालय पर काले अध्यादेश की प्रतियां जलाएंगे. फिर 5 जुलाई को सभी 70 संसदीय क्षेत्रों में अध्यादेश की प्रतियां जलाई जाएंगी.

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