ग्रेटर नोएडा : यमुना प्राधिकरण के लापरवाह अधिकारियों पर गिर सकती है गाज …!

11 जुलाई को लखनऊ में होने बोर्ड बैठक में की जाएगी कार्रवाई …

ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण में कई लापरवाही के प्रकरणों को लेकर अधिकारी-कर्मचारियों पर गाज गिरने वाली है। 11 जुलाई को लखनऊ में होने बोर्ड बैठक में इन अफसरों पर कार्रवाई की जाएगी। इनमें कई निलंबित हो सकते हैं और कई की संविदा समाप्त कर दी जाएगी। इसके अलावा एक अन्य मामलें में यीडा के पूर्व प्रबंधक के खिलाफ भी शासन को फिर से चिट्ठी लिखी जाएगी और उसकी वजह से हुए नुकसान की भरपाई अधिकारी के वेतन से की जाएगी।

दरअसल, पिछले कुछ दिनों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें यीडा के अधिकारी-कर्मचारियों की घोर लापरवाही सामने आई है। इन अधिकारियों की वजह से यमुना प्राधिकरण को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। अब ऐसे अधिकारियों के खिलाफ प्राधिकरण और शासन मिलकर चाबुक चलाने की योजना बना रहा है। इसमें कई अधिकारियों की संविदा समाप्त होगी तो कुछ का निलंबित होना तय माना जा रहा है। इस खबर के बाद अधिकारियों और कर्मचारियों में अफरा-तफरी का माहौल है। उधर, यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि बोर्ड बैठक में तीन ऐसे मामले लंबित चल रहे हैं, जिनकी वजह से प्राधिकरण को नुकसान हुआ है। एक मामले में पूर्व प्रबंधक के खिलाफ वसूली का नोटिस जारी कर रखा है। अब इस तरह के दो और प्रकरणों में अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है।

केस एक-
औद्योगिक आवंटी ने अपना पता बदलवाया और उसे प्राधिकरण के दस्तावेज में भी चढ़ा दिया गया, लेकिन अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा बदलवाए गए पते पर चिट्ठी नहीं भेजी गई। इससे आवंटी डिफाल्टर हो गया और 3.80 लाख रुपये पेनल्टी लग गई। इस पर 11 जुलाई को कार्रवाई होगी। मगर इस नुकसान की भरपाई लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ की जाएगी।
केस दो-
औद्योगिक आवंटी को प्राधिकरण की ओर से दो बार आवंटन पत्र भेजा गया, आवंटी ने दूसरे आवंटन को आधार माना तो प्राधिकरण अधिकारियों ने पहले पत्र को आधार माना। अधिकारियों ने इस आवंटी का प्लॉट निरस्त करने की मांग की। जबकि इसे भी 11 जुलाई को सुना जाएगा। इसमें भी कई लाख रुपये की पेनल्टी रखी गई है। इस पर भी कई अधिकारियों-कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है।

केस तीन-
प्राधिकरण के पूर्व प्रबंधक बसी खान ने एक फ्लैट आवंटित को पत्र भेजकर 94 की जगह 54 वर्गमीटर का पैसा जमा करा लिया। इससे प्राधिकरण को कई लाख रुपये का नुकसान हुआ। इस नुकसान की भरपाई के लिए सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने यूपीसीडा में तैनात अधिकारी के वेतन से वसूली करने के लिए पत्र लिखा है। अभी तक शासन और यूपीसीडा से कोई जवाब नहीं आया है। एक बार फिर रिमांडर भेजा जाएगा।

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