ग्रेटर नोएडा :  30 प्रोजेक्ट पर लगेगा 230 करोड़ का जुर्माना, आज होगा फैसला ..!

केंद्रीय भूजल प्राधिकरण ने आकलन के बाद की है जुर्माना लगाने की सिफारिश

आज कलेक्ट्रेट में होगी उच्चस्तरीय समिति की बैठक, होगा जुर्माने पर फैसला

एनजीटी में 13 जुलाई को होगी अगली सुनवाई, समिति दाखिल करेगी अपनी रिपोर्ट

ग्रेटर नोएडा। भूजल दोहन करने पर ग्रेटर नोएडा और ग्रेनो वेस्ट के 30 प्रोजेक्ट पर 230 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। केंद्रीय भूजल प्राधिकरण ने एनजीटी में रिपोर्ट दाखिल कर जुर्माना लगाने की सिफारिश की है। इस पर आज एनजीटी के आदेश पर बनी उच्चस्तरीय समिति फैसला लेगी। जुर्माना तय करने के बाद समिति एनजीटी में रिपोर्ट दाखिल करेगी। एनजीटी में अगली सुनवाई 13 जुलाई को होगी।

ग्रेनो वेस्ट और ग्रेटर नोएडा के 63 प्रोजेक्ट पर बोरवेल से भूजल दोहन होने का दावा कर प्रदीप डाहलिया और प्रसून पंत ने एनजीटी में शिकायत की थी। एनजीटी के आदेश पर जिलास्तरीय समिति ने जांच की। दो अलग-अलग चरणों की जांच में 41 प्रोजेक्ट पर बोरवेल से भूजल दोहन मिला। एनजीटी के आदेश पर यूपीपीसीबी ने 38 प्रोजेक्ट की कुल कीमत का 0.5 प्रतिशत अंतरिम जुर्माना लगाया और रिपोर्ट एनजीटी में दाखिल की। 38 प्रोजेक्ट पर 76.56 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है। वहीं अब केंद्रीय भूजल प्राधिकरण ने प्रोजेक्ट की पूरी कीमत और अन्य बिंदुओं का आकलन कर प्रोजेक्ट पर जुर्माना लगाया है। एनजीटी में रिपोर्ट दाखिल कर 30 प्रोजेक्ट पर 230 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की सिफारिश की है। एनजीटी ने केंद्रीय भूजल प्राधिकरण की रिपोर्ट उच्चस्तरीय समिति को सौंपी है। बुधवार को कलेक्ट्रेट के सभागार में उच्चस्तरीय समिति की बैठक होगी। एडीएम प्रशासन की अध्यक्षता में बनी समिति में केंद्रीय भूजल प्राधिकरण, यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी शामिल हैं। साथ ही प्राधिकरण के एक अधिकारी को भी शामिल किया गया है। समिति फैसला लेगी कि किस पर कितना जुर्माना लगेगा।

बिल्डर के प्रोजेक्ट में प्राधिकरण के बोरवेल
सीजीडब्ल्यूए ने 41 में से 30 प्रोजेक्ट पर जुर्माना लगाया है। जिन प्रोजेक्ट पर जुर्माना नहीं लगाया है, उनमें कुछ ने हवाला दिया है कि बोरवेल ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के हैं। याचिकाकर्ता प्रदीप डाहलिया ने बताया कि बिल्डर के प्रोजेक्ट पर प्राधिकरण बोरवेल नहीं लगा सकता है। एनजीटी ने इसकी जांच कराने को कहा है। वहीं तीन प्रोजेक्ट का रिकॉर्ड कार्यालय में उपलब्ध नहीं मिला है। ये तीनों प्रोजेक्ट प्राधिकरण की बिना अनुमति के गांवों में बने है।

प्रोजेक्ट में भूजल दोहन के संबंध में बुधवार को बैठक होगी, जिसमें केंद्रीय भूजल प्राधिकरण के जुर्माने की रिपोर्ट को रखा जाएगा। बैठक में होने वाले फैसलों को एनजीटी में रखा जाएगा।

डाॅ. नितिन मदान, अपर जिलाधिकारी प्रशासन

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