मुश्किल में बचपन : बस्ते का वजन कर रहा बीमार, स्कूलों के आगे सरकारें लाचार!
मुश्किल में बचपन: स्कूल बैग पॉलिसी 2020 लागू, लेकिन अमल नहीं
राजस्थान और कर्नाटक में हर शनिवार नो बैग डे…
स्कूल खुलते ही बच्चों के बस्तों का वजन अचानक बढ़ गया है। बच्चों की पीठ, कंधे, गर्दन और सिर दर्द को लेकर अभिभावक डॉक्टरों के पास पहुंच रहे हैं। शिकायतें स्कूल प्रशासन तक भी पहुंच रही हैं, लेकिन निजी प्रकाशनों की मोटी-मोटी किताबों से कमाई में जुटे स्कूल कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हैं। देश में स्कूल बैग पॉलिसी 2020 लागू है, लेकिन स्कूलों की लॉबिंग के आगे सरकारें कुछ करने को तैयार नहीं हैं। जुलाई 2023 में प्रकाशित अध्ययन-स्कूल बैग वेट एंड लो बैक पेन में 45% बच्चों के बैग का वजन उनके वजन के 15% से अधिक पाया गया। 23% बच्चों ने कमर में तेज दर्द की शिकायत की। कई राज्यों के सरकारी स्कूलों में शुरुआत हो चुकी है, निजी स्कूल मनमानी पर अड़े हैं। यूरोपीय देशों में 8 साल तक के बच्चे को किताब की जगह खेल-खेल में पढ़ाते हैं।
बच्चे भारोत्तोलक, बैग लदे कंटेनर नहीं
मई 2018 में मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि ‘बच्चे न तो भारोत्तोलक हैं ना ही बैग लदे कंटेनर’। अप्रेल 2019 में उड़ीसा हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर राज्य को बैग का वजन कम करने का आदेश दिया। वहीं, भोपाल कोर्ट ने 2022 में जिला शिक्षा विभाग को नोटिस दिया।
दिल्ली, कर्नाटक, श्रीनगर, उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में बैग नीति 2020 लागू कर दी गई है। महाराष्ट्र में कक्षा एक के बच्चों के लिए एक ही किताब में पूरा कोर्स समायोजित है। राजस्थान और कर्नाटक ने सरकारी स्कूलों में हर शनिवार को नो बैग डे घोषित कर दिया है। पश्चिम बंगाल स्कूलों में किताबों के लिए लॉकर योजना पर काम कर रहा है। इनमें बच्चों की किताबें रखी जाएगी।
शिक्षा निदेशालय ने एनसीईआरटी द्वारा जारी नई ‘स्कूल बैग नीति, 2020’ की अनुपालना को नवंबर 2020 में ही आदेश जारी किया था। नीति के अनुसार छात्रों के स्कूल बैग का वजन उनके शरीर के वजन का 10 प्रतिशत ही होना चाहिए। शिक्षकों को बताना होगा कि किस दिन कौन सी किताब- नोटबुक लानी हैं। कक्षा 2 तक होमवर्क नहीं दिया जाएगा। कक्षा 3, 4, 5 के लिए प्रति सप्ताह 2 घंटे होमवर्क, कक्षा 6,7, 8 के लिए प्रतिदिन 1 घंटा होमवर्क तथा कक्षा 9 से 12 के लिए प्रतिदिन दो घंटे से ज्यादा का होमवर्क नहीं दिया जाएगा।
कक्षा 6-10 के बच्चे इस तरह झेल रहे तकलीफ
05 किलो अधिकतम होगा कक्षा 12 तक के बच्चों का स्कूल बैग
54.4%
छात्राएं
45.6%
छात्र
कक्षा
1.6-2.2
64%
शहरी
स्कूल बैग नीति और बस्ते का वजन
53.2%
1-2
निजी स्कूल
36%
ग्रामीण
46.8%
सरकारी स्कूल
1.7-2.5
3,4,5
2.0-3.0
6-7
बैग का वजन (कि ग्रा.)
8
कंधे का दर्द
2.5-4.0
9-10
घुटने का दर्द
3.5-5.0
11-12
पीठ दर्द
स्रोत: एनसीईआरटी
10.4%
सिरदर्द
स्रोत: फ्रंटियर्स इन पेन रिसर्च 2022
दर्द से परेशान
39.2%
18.0%
19.6%