मांडू में पर्यटकों को नहीं मिल रहीं सुविधाएं

मांडू में पर्यटकों को नहीं मिल रहीं सुविधाएं

-देश-विदेश से मांडू घूमने आते हैं सैलानी, रात में रुकने के लिए नहीं हैं बड़े होटल और रिसोर्ट-पेजयल, पार्किंग की समस्या, सकरे मार्गों पर होती है जाम की परेशानी

मांडू. मांडू की पहचान विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल के रूप में होती है। यहां पूरे साल देशी-विदेशी पयर्टक और सैलानी घूमने आते हैं।एक ओर मांडू जी-20 के विशिष्ट मेहमानों की मेजवानी पहले कर चुका है और अब फिर मेजवानी करने की तैयारी कर रहा है। वहीं दूसरी ओर आम पर्यटकों के लिए सुविधाएं नहीं है।
मांडू के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर आज भी सुविधाओं का अभाव है। पत्रिका ने मांडू के जहाज महल, रूपमती महल ,नीलकंठ महादेव पर पर्यटकों से चर्चा की तो कई समस्याएं उभरकर सामने आई। पेयजल, पार्किंग, शौचालय, बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाएं, सकरे मार्ग की वजह से ट्रैफिक जाम, अपर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था, मांडू का मानचित्र का ना होना, संकेतक बोर्ड का अभाव, साथ-साथ कहीं संरक्षित इमारतों पर आज तक पहुंच मार्ग तक नहीं है। मांडू में आए दिन वीवीआइपी वीआइपी का आना-जाना लगा रहता है। पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व राष्ट्रपति के साथ-साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कई मर्तबा मांडू आ चुके हैं, लेकिन पर्यटन स्थल की तस्वीर नहीं बदली। नर्मदा परियोजना भी अधर में लटकी है।
पर्यटकों की परेशानी-उनकी जुबानी
सुविधाओं पर ध्यान देने की जरुरत
मांडू का बहुत नाम सुना था, लेकिन यहां के बारे में जितना सुना था यह उससे भी खूबसूरत है। मांडू जैसी जगह पर प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है। शौचालय के लिए बच्चों और हमें परेशान होना पड़ा। खास करके रानी रूपमती पर बड़ी परेशानी हुई है। मांडू का मानचित्र कहीं भी दिखाई नहीं दिया। संकेतक बोर्ड पर्यटन स्थलों की सूची, पर्यटक सुविधा केंद्र जैसी कोई भी व्यवस्था यहां देखने को नहीं मिली। इस और ध्यान दिया जाना चाहिए।
मानसी दिलीप आप्टे, इंदौर
पार्किंग और जाम की समस्या
10 साल पहले मांडू आए थे। यह पहले जैसा था आज भी वैसा ही है। इसकी तस्वीर नहीं बदली। असुविधाएं बरकरार है। पेयजल स्वास्थ्य व्यवस्था पार्किंग जाम जैसी समस्याओं के साथ-साथ अन्य पर्यटन स्थलों पर मिलने वाली सुविधाएं यहां दिखाई नहीं देती। मांडू में विश्व के चतुर्भुज श्रीराम विराजमान हैं। मां नर्मदा रेवा कुंड में साक्षात है फिर भी यह स्थान उपेक्षित है दु:ख होता है। असंख्य धरोहरों के इस शहर का नाम है, लेकिन धरातल पर यह अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है।
रात में ठहरने की जगह नहीं
मांडू में आमतौर पर महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र ,कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल ,राजस्थान, दिल्ली और भी आसपास के प्रदेशों से पर्यटक पहुंचते हैं। इसके साथ ही विदेशी पर्यटक भी बड़ी संख्या में मांडू पहुंचते हैं। पर्याप्त ठहरने की व्यवस्था नहीं होने के कारण पर्यटक उसी दिन लौट जाते हैं। शासन की उपेक्षा के चलते मांडू आज भी उपेक्षित है। पर्यटकों को रात्रि रोकने के लिए कोई बड़ी योजना नहीं बनाई गई। इससे मांडू के पर्यटन को बढ़ाया जा सके और स्थानीय लोगों के रोजगार को बढ़ावा मिले।
एक्सर्ट व्यू…
ट्रैफिक के लिए रूट प्लॉन बने
मांडू में ट्रैफिक जाम, पेयजल और शौचालय अभी मूल समस्या है। इसके लिए प्रशासन को मोर्चा संभालना चाहिए। पार्किंग स्थलों पर वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए। पार्किंग स्थलों पर स्वचालित शौचालय की व्यवस्था की जा सकती है। ट्रैफिक के लिए रूट प्लॉन और वाहनों की टाइमिंग सेट करना होगी। मांडू नाके से पहले पुलिस जवान लगाकर टाइम से गाडिय़ों को निकलना पड़ेगा। इसी के साथ रानी रूपमती महल की तरफ भी जाम की स्थिति बनती है। यहां छुट्टी के दिन बड़ी बसों का आवागमन बंद करना चाहिए और छोटी गाडिय़ां जो बेतरतीब पार्किंग में लगती है उनकी व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए। शनिवार-रविवार को ट्रैफिक का ज्यादा दबाव रहता है। इसके लिए पुलिस प्रशासन को नगर सुरक्षा समिति के सदस्यों और नगर पालिका का सहयोग लेकर काम करना चाहिए। मांडू के पर्यटन स्थलों की पूरी सूची और मानचित्र उपलब्ध होने से पर्यटकों के लिए आसानी हो सकती है।
वरिष्ठ गाइड मांडू
पांच साल में मांडू आने वाले पर्यटकों की संख्या

वर्ष देशी विदेशी
2017-18 403990 2213
2018-19 431983 2869
2019-20 407191 2306
2020-21 196164 29
2021-22 345556 88
स्पेशल फोर्स लगाएंगे
दो सप्ताह से जिले में सीएम का कार्यक्रम था। इसके कारण फोर्स नहीं आ पाया। आगे से मांडू में शनिवार व रविवार स्पेशल फोर्स लगाएंगे। रूट प्लॉन कर लिया है। कुछ जगह वनवे करेंगे। इससे ट्रैफिक की परेशानी ना हो। पर्यटकों को पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराई जा सके। इस पर ध्यान दिया जाएगा।

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