ग्वालियर। स्कूल शिक्षा विभाग में 50 लाख के गबन का मामला सामने आया है। इसमें डीईओ अजय कटियार के शामिल होने की बात कही जा रही है। इससे डीईओ की भूमिका संदेह के दायरे में है। एक शिकायत के आधार पर इस गबन के आरोप की जांच ईओडब्ल्यू कर रहा है। लाखों के गबन के आरोप की जांच करने ईओडब्ल्यू ने डीईओ से आवश्यक दस्तावेज मांगे हैं। चार बार उन्हें पत्र भेजा जा चुका है, लेकिन उन्होंने अब तक न तो जवाब दिया है और न कोई दस्तावेज दिया है।

वित्तीय वर्ष 2022-23 में ‘समग्र शिक्षा अभियान’ अंतर्गत हाईस्कूल-हायर सेकंडरी स्कूलों की मरम्मत के लिए अनुरक्षण मद में राशि प्रदान की गई थी। इसमें प्रति स्कूल लगभग तीन लाख रुपये स्वीकृत किए गए थे। जिलेभर में 100 स्कूल ऐसे थे, जिनमें मरम्मत का काम होना था। अब जिस नियम अंतर्गत मरम्मत का काम होना चाहिए था, उससे बिलकुल विपरीत और मनमाने तरीके से काम कराए गए। मरम्मत होनी चाहिए थी, वहां हुई नहीं, जहां जरूरत नहीं थी वहां जबरन तोड़फोड़ कर मरम्मत की गई। इस पूरे निर्माण कार्य में लगभग तीन करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत हुई थी, जिसमें से 50 लाख से अधिक राशि का बंदरबांट डीईओ सहित स्कूलों के प्राचार्यों व अन्य अधिकारियों पर है।

यह काम होना थे

– छत और फर्श की मरम्मत

– दीवारों का प्लास्टर और रंग रोगन

– दरवाजों की मरम्मत

– सीढ़ियों की मरम्मत

इस तरह होना था काम

– जिस स्कूल में काम होना है उसके प्राचार्य को एक ठेकेदार खोजकर उसे स्कूल का काम दिखाना होता है।

– ठेकेदार स्कूल का काम देखकर उसका पूरा ब्यौरा एसएमडीसी समिति को सौंपता है।

– एसएमडीसी में प्राचार्य, स्कूल का शिक्षक और बच्चों के परिजन होते हैं, यह समिति इस वर्क रिपोर्ट को एप्रूव करेगी।

– इसके बाद स्कूल मे मरम्मत का काम होगा, समिति काम की जांच करेगी ।

– पूरे काम का बिल बनेगा जो एसएमडीसी समिति के माध्यम से स्कूल शिक्षा विभाग तक जाएगा।

– नियुक्त किया हुआ इंजीनियर काम की जांच करेगा और स्कूल शिक्षा विभाग इसका भुगतान करेगा।

काम हुआ ऐसे

– काम के लिए राशि स्वीकृत हुई, स्कूल चिन्हित हुए।

– जिला शिक्षा कार्यालय से चुना हुआ ठेकेदार स्कूल गया।

– स्कूल जाकर ठेकेदार ने काम देखा और उसकी जानकारी जिला शिक्षा कार्यालय में दी।

– ठेकेदार द्वारा तक किया गया काम पूरा हुआ और उसका भुगतान जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा कर दिया गया।

– कितना पैसा आया, कितने का काम हुआ और कितने का गबन हुआ कोई ब्यौरा नहीं दिया गया।

अधिकारियों को मिली गड़बड़ी

काम पूरा होने के बाद भोपाल में नियुक्त शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों ने कई स्कूलों का औचक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण में उन्हें कुछ स्कूलों में थोड़ा बहुत काम दिखा, लेकिन कई स्कूलों में कोई काम दिखाई नहीं दिया। वह स्कूल मरम्मत करवाए जाने वाले स्कूलों की सूची में शामिल थे।