करोड़ों खर्च कर दिए, शहर की सड़कों की क्या हालत है …!

करोड़ों खर्च कर दिए, शहर की सड़कों की क्या हालत है, इन्हें देखकर अधिकारियों में चेतना नहीं आती …

लैंडफिल साइट पर लगे कचरे के पहाड़ के प्लान को बताया कागजी,- हाईकोर्ट ने नगर निगम को शहर के हालात से कराया अवगत…

कोर्ट ने कहा- इतिहास व कहानियां मत सुनाओ, ये बताएं कि कचरा किस तारीख से उठना शुरू हो जाएगा …

ग्वालियर। हाईकोर्ट की युगल पीठ ने सोमवार को नगर निगम की लैंडफिल साइट से कचरा उठाने की कार्य योजना पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि करोड़ों रुपए खर्च कर दिए हैं, सिर्फ एक सड़क बनाई है, जिस पर लाइट व लैंप लगा दिए और वह भी जलते नहीं हैं। करोड़ों खर्च होने के बाद भी शहर की सड़कों पर गड्ढे हैं। क्या इन्हें देखकर अधिकारियों में चेतना नहीं आती है। इतिहास व कहानियां मत सुनाओ। लैंडफिल साइट से कचरा कबसे उठेगा, उसकी तारीख बताओ। यदि अधिकारी काम करना नहीं चाहते हैं, तो सभी को बदलवा दें, जो प्लान बता रहे हैं, वह सिर्फ कागजी है। यदि अधिकारियों के खिलाफ कुछ लिख दिया तो परेशानी में आ जाएंगे। क्या सभी अधिकारियों को बदलने की कार्रवाई करें।

हाईकोर्ट ने 11 जुलाई को नगर निगम को आदेश दिया था कि लैंडफिल साइट से कचरा उठाने का प्लान पेश करें। कोर्ट के आदेश पर निगम ने प्लान पेश किया, जिसमें बताया कि सॉलिड वेस्ड मैनेजमेंट के तहत कचरा खत्म करने के लिए टेंडर निकाले गए थे, लेकिन पहली बिड में जो कंपनियां आई थीं, वह मानकों को पूरा नहीं कर सकी। दूसरी में दो कंपनियां मानकों को पूरा कर रही थीं, लेकिन उनका टेंडर 80 फीसदी ऊपर था। इस वजह से टेंडर नहीं दे सके हैं। फिर से टेंडर निकाले गए हैं और 24 जुलाई को इन्हें खोला जाएगा। केंद्र सरकार ने इसकी गाइड लाइन निर्धारित की है। उसके अनुसार ही कार्य किया जा रहा है। इस जवाब को सुनने के बाद कोर्ट ने नाराजगी जताई। कहा-सिर्फ कागजों पर ही काम कर रहे हैं।

क्या है मामला

– उमेश कुमार बोहरे ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि शहर में जगह-जगह कचरा फैला पड़ा है, लेकिन नगर निगम की पूरी व्यवस्था फेल है। लैंडफिल साइट पर कचरे का पहाड़ लगा दिया है। इस याचिका को कोर्ट ने वास्तविक जनहित का मुद्दा बताया है।

कोर्ट ने कहा-सड़कों पर सीवर बह रहा है

सीवर सड़कों पर बह रहा है, मेन होल खुले पड़े हैं, इनमें लोग घायल हो रहे हैं। आप दूसरे शहरों की बारिश की खबरें देख रहे हैं, उसके बाद भी नहीं सुधर रहे हैं।

हाईकोर्ट काम की कह रहा है तो कानून बता रहे हैं

हाईकोर्ट किसी काम की कह रहा है, तो उसमें कानून बता रहे हैं। ऊपर से कुछ आ जाए तो हर काम हो जाएगा। आयुक्त का शपथ पत्र पेश करें। बताएं कि कचरा कबसे हटने लगेगा। दस साल क्या करते रहे, सिर्फ कचरे का पहाड़ बनाया है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *