मणिपुर हैवानियत : पुलिस ने हमें भीड़ के साथ छोड़ दिया, फिर…’निर्वस्त्र परेड कराई, गैंगरेप किया

मणिपुर हैवानियत मामले में अब तक 4 गिरफ्तार, पीड़िता ने सुनाई आपबीती- ‘पुलिस ने हमें भीड़ के साथ छोड़ दिया, फिर…’
मणिपुर की घटना को लेकर पूरे देश में नाराजगी का माहौल है. इसी बीच पीड़ित महिलाओं में एक ने 4 मई की घटना के बारे में बताते हुए पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़ा किया है.

पीड़ितों में से एक महिला ने गुरुवार (20 जुलाई) को द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उन्हें पुलिस ने भीड़ के हवाले कर दिया था. इस घटना में तीन महिलाओं पर क्रूरता की गई है. इनमें से एक महिला 20 साल की है, दूसरी 40 साल और तीसरी महिला 50 साल की है. महिला ने आरोप लगाया कि पुलिस उस भीड़ के साथ थी जो हमारे गांव पर हमला कर रही थी. पुलिस ने हमें घर के पास से उठाया और गांव से थोड़ी दूर ले जाकर भीड़ के साथ सड़क पर छोड़ दिया. पुलिस ने उन्हें उन उपद्रवियों को सौंप दिया था.

मणिपुर पीड़िता ने सुनाई आपबीती

उन्होंने कहा कि हम पांच लोग थे. जिनमें से दो की हत्या कर दी गई. इसके बाद भीड़ ने हमारे साथ क्रूरता की. फिर हम वहां से किसी तरह से भाग निकले. उन्होंने ये भी बताया कि उन्हें इस वायरल वीडियो की जानकारी नहीं है क्योंकि यहां इंटरनेट नहीं चल रहा है. महिला ने आगे बताया कि भीड़ में काफी लोग शामिल थे, लेकिन वह उनमें से कुछ को पहचानती है. इसमें महिला के भाई का दोस्त भी शामिल था.

निर्वस्त्र परेड कराई, गैंगरेप किया

इस घटना की वायरल वीडियो में महिलाओं को भीड़ के जरिए निर्वस्त्र परेड कराते हुए देखा गया. कुछ लोगों को दो महिलाओं को खेत की ओर खींचते और उनके साथ जबरदस्ती छेड़छाड़ करते देखा जा सकता है. 18 मई को दर्ज की गई एफआईआर में पीड़ितों ने ये भी आरोप लगाया था कि पीड़ितों में सबसे छोटी, 20 वर्षीय महिला के साथ गैंगरेप भी किया गया था.

भीड़ ने किया था गांव पर हमला

शिकायत में उन्होंने कहा था कि 4 मई को कांगपोकपी जिले में उनके गांव बी. फाइनोम पर भीड़ ने हमला कर दिया था. लोगों के घर जलाए गए और लूटपाट की गई. जिसके बाद वे अपनी जान बचाने के लिए जंगल में भाग गए थे. बाद में उन्हें थौबल पुलिस ने बचाया और पुलिस स्टेशन ले जाया जा रहा था, लेकिन भीड़ ने उन्हें रास्ते में रोक दिया और थाने से लगभग दो किलोमीटर दूर पुलिस हिरासत से अपने साथ ले गए.

दरिंदगी का विरोध करने पर पिता-भाई की हत्या

इसके बाद भीड़ ने पहले एक महिला के पिता और फिर उसके भाई की हत्या कर दी. पिता-भाई ने महिला के साथ हो रही दरिंदगी का विरोध किया था. इसलिए भीड़ ने निर्ममता से उनको मौत के घाट उतार दिया. फिर तीनों महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया गया. इस दौरान उनके साथ छेड़छाड़ की गई, रेप किया गया.

अब तक चार आरोपी किए गिरफ्तार

इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद पूरे देश में गुस्सा फूट पड़ा. मणिपुर पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए पहले गुरुवार सुबह घटना के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया. जिसकी पहचान हुइरेम हेरोदास मैतेई (32 वर्ष) के रूप में हुई. इसके बाद रात तक तीन और आरोपी गिरफ्तार किए गए. इस तरह मामले में अब तक कुल 4 चार लोगों की गिरफ्तारी हुई है.

मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने क्या कहा?

राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने घटना को अमानवीय करार दिया और कहा कि अपराधियों को मृत्युदंड मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि ये मानवता के प्रति अपराध है और उनकी सरकार इस जघन्य अपराध पर चुप नहीं रहेगी. घटना में शामिल अन्य अपराधियों को पकड़ने के लिए अधिकारियों को व्यापक स्तर पर तलाशी अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है.

राज्यपाल ने दिए ये निर्देश

इस घटना को लेकर मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने गुरुवार को राज्य के डीजीपी से मुलाकात की और सभी आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी और पीड़ितों को सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने डीजीपी से पूछा कि जिस थाने में इस घटना की शिकायत दर्ज हुई थी वहां कार्रवाई क्यों नहीं हुई. उन्होंने कहा कि एक मंच पर सब लोग बैठें और अपनी मांगें रखें, बातचीत से ही समाधान निकाला जा सकता है. हिंसा से किसी का लाभ नहीं होता.

पीएम मोदी ने दिया बयान

पीएम मोदी ने संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले कहा कि मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ है. इसके दोषियों को कभी माफ नहीं किया जा सकता. मेरा हृदय पीड़ा से भरा हुआ है, क्रोध से भरा हुआ है. ये घटना किसी भी सभ्य समाज को शर्मसार करने वाली है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि पाप करने वाले, गुनाह करने वाले कितने हैं, और कौन-कौन हैं, वह अपनी जगह पर है, लेकिन बेइज्जती पूरे देश की हो रही है. 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है. मैं देशवासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि किसी भी गुनाहगार को बख्शा नहीं जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट हुई सख्त

इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने भी स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हिंसा के लिए महिलाओं को साधन की तरह इस्तेमाल करना किसी भी संवैधानिक लोकतंत्र में पूरी तरह अस्वीकार्य है. मणिपुर में दो महिलाओं को जिस तरीके से घुमाया गया है, उसके वीडियो से हम बहुत व्यथित हैं.

सीजेआई ने आगे कहा कि मुझे लगता है कि अब वक्त आ गया है कि सरकार वाकई में आगे आए और कार्रवाई करे क्योंकि यह पूरी तरह अस्वीकार्य है. हम सरकार को कार्रवाई के लिए थोड़ा समय देंगे और अगर जमीनी स्तर पर कुछ नहीं होता है तो फिर हम कार्रवाई करेंगे. कोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए 28 जुलाई की तारीख तय की है.

संसद में हुआ हंगामा

इस घटना को लेकर संसद के दोनों सदनों में भी खूब हंगामा हुआ. गुरुवार से ही संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ है. विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को बर्खास्त करने और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. वहीं मणिपुर में विरोध मार्च भी निकाला गया.

मणिपुर में जातीय हिंसा

गौरतलब है कि मणिपुर में दो महीनों से ज्यादा समय से कुकी और मैतई समुदाय के बीच जातीय हिंसा हो रही है. जिसमें अब तक 150 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. सैकड़ों घर जला दिए गए हैं और हजारों लोग बेघर हो चुके हैं. इनमें से ज्यादातर राहत शिविर कैंप में रह रहे हैं. ये हिंसक झड़पें बीती 3 मई को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतई समुदाय की मांग के विरोध में निकाली गई आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद शुरू हुई थी.

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