मोबाइल फोन का ज्यादा इस्तेमाल बना देगा बूढ़ा ..!
गर्दन झुकाकर देखते हैं फोन, स्क्रीन पर पढ़ते हैं तो टेक नेक बीमारी तय …
अगर पीछा छुड़ाने के लिए बच्चों को फोन दे रहे हैं तो उन्हें बना रहे बीमार …
भोपाल. मोबाइल फोन सुविधाओं के साथ अब नई-नई परेशानियां भी खड़ी करने लगा है। इसके लगातार प्रयोग से जहां गर्दन की मांसपेशियां कमजोर हो रही हैं, वहीं चेहरे की झुर्रियां युवाओं को असमय ही बुजुर्ग बना रही है। युवाओं में दिखने वाले इन बुढ़ापे जैसे लक्षणों से चिकित्सक भी हैरान हैं। जीएमसी और एम्स के न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट के साथ प्रदेशभर में ऐसे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उनका कहना है कि लैपटॉप-मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल ही टेक नेक बीमारी दे रहा है।
जल्द आदत सुधारिए
अगर आप कम्प्यूटर पर ज्यादा देर तक काम करते हैं और आपके बैठने का तरीका भी गलत है तो संभल जाइए। मोबाइल स्क्रीन पर ज्यादा समय नहीं दीजिए। खासकर जब इस पर कुछ पढ़ते हैं तो आंखों पर ज्यादा जोर पड़ता है। अब यह आदत जल्द सुधारिए नहीं तो बुढ़ापा जल्दी आ जाएगा। इसके साथ ही आपको टेक नेक बीमारी भी घेर लेगी।
रीढ़ की हड्डी का उभार बढ़ने के साथ गर्दन, पीठ, कंधों और सिर में दर्द होने लगता है।
3.
● एक्टिव चिन ग्लाइडस: दीवार के सहारे सीधे खड़े होकर अपने हथेलियों से उस पर दबाव डालें, गर्दन को पीछे की ओर ले जाएं। कंधों को सीधा रखें और कुछ देर गर्दन को पीछे ले जाएं।
क्या करें
स्क्रीन टाइम कम करें, दर्द वाली जगह बर्फ से सिकाई करें। दर्द से राहत पाने के लिए सरसों, लवैंडर के गर्म तेल से मालिश करें। चार-पांच दिन से ज्यादा दर्द है तो चिकित्सक को दिखाएं।
● आइडोमेट्रिक हेड प्रेस: दीवार के पास खड़े हो जाएं दीवार पर एक तौलिया लगाकर उस पर सिर टिका लें। तौलिया पर सिर को पीछे की तरफ प्रेस करें और थोड़ी देर रुकने के बाद छोड़ दें।
डिस्प्ले डिवाइस की लत सिर से लेकर रीढ़ की हड्डी तक में दर्द का कारण बन सकती है। फोन, कम्प्यूटर, लैपटॉप के सही इस्तेमाल से बुरे प्रभावों से बचा जा सकता है।
डॉ. पांडे, फीजियोथेरेपिस्ट
एक्सपर्ट व्यू
लैपटॉप और स्मार्टफोन पर ज्यादा देर तक काम करने से लिगामेंट्स, मसल्स और ज्वाइंट्स पर दबाव पड़ता है। वो भी तब जब आप सही तरीके से न बैठे हों। इससे मानसिक समस्याएं भी पैदा होने लगती है।
डॉ. चौरसिया, न्यूरो सर्जन, हमीदिया अस्पताल
साइकोलॉजी पर भी पड़ता है प्रभाव
डॉ. …सिंह के अनुसार, स्मार्टफोन पर ज्यादा देर तक काम करने से लिगामेंट्स, मसल्स व गर्दन के ज्वाइंट्स पर दबाव बनता है। यह दर्द गर्दन से होते हुए सिर तक पहुंचता है। इसका प्रभाव साइकोलॉजी पर भी पड़ता है।
● चिन ग्लाइड्स: सीधे खड़े होकर हाथों की उंगलियों की मदद से ठुड्डी को दबाते हुए पीछे की ओर ले जाएं। शरीर को सीधा रखें और सिर को आगे लाएं। ऐसा कम से कम 10 बार करें।
चिकित्सकों के अनुसार, टेक नेक से बचना है तो दिनचर्या सुधारें। ऑनलाइन क्लासेस में लैपटॉप से ब्रेक लें। लैपटॉप या स्मार्ट फोन के उपयोग के दौरान गलत तरीके से न बैठें। धूप का सेवन करें। 50 से ज्यादा उम्र है तो स्क्रीन पर समय कम दें।
ऑनलाइन क्लास के लिए लैपटॉप और स्मार्टफोन लेकर बैठने वाले बच्चे घंटों एक ही अवस्था में बैठे रहते हैं। कई बार तो माता-पिता छोटे बच्चों को शांत करने के लिए स्मार्टफोन पकड़ा देते हैं। शहर के न्यूरो सर्जन के अनुसार, स्मार्ट फोन पर ज्यादा समय बिताने पर कारपेल टनेल सिंड्रोम की वजह से हाथ और बाहें सुन्न हो जाती हैं। उनमें झुनझुनी भी होती है। आगे चलकर इससे सिरदर्द, गर्दन और कंधों में दर्द के साथ चेहरे पर गहरे चकत्ते भी पड़ सकते हैं।
गर्दन, पीठ और कंधों में लगातार दर्द
पीठ और कंधों में जकड़न
सिर को आगे पीछे घुमाने पर दर्द महसूस होना
कंधों का गोल आकार में झुके रहना
हाथों का सुन्न होना या झनझनाहट का अहसास होना
क्या है टेक नेक बीमारी ….
ज्यादा देर तक कम्प्यूटर पर करते हैं काम तो संभल जाइए…
टेक नेक बीमारी की वजह से बॉडी पॉश्चर बिगड़ जाता है।
गर्दन व रीढ़ की हड्डी में समस्याएं होने लगती है।