भिण्ड. .. राशन माफिया प्रशासन के गले की हड्डी बन गई है ..!
गरीबों का 315 मीट्रिक टन राशन डकार गए विक्रेता, एफआइआर के बाद नहीं हुई रिकवरी
केवायसी फीडिंग के नाम पर निकाला राशन, 63.76 लाख रुपए की होना है रिकवरी
भिण्ड. केवायसी के नाम पर हजारों गरीबों का राशन डकारने वाले विक्रेताओं से रिकवरी प्रशासन के गले की हड्डी बन गई है। पिछले दो साल में 16 विक्रेताओं ने अपनी कंट्रोल से 315.18 टन खाद्यान्न की कालाबाजारी की। इन पर प्रशासन ने जांच उपरांत एफआइआर भी दर्ज कर ली है, लेकिन 63.76 लाख रुपए की रिकवरी करने में दांत खट्टे पड़ रहे हैं।
जिले में पीडीएस की 512 दुकानों से कुल 1.98 लाख परिवारों के 9 लाख से अधिक सदस्यों को राशन का वितरण हर महीने किया जाता है। सरकार के नए नियमों में अब राशन लेने के लिए पीओएस मशीन पर अंगूठा लगना जरूरी है। यह प्रक्रिया पिछले तीन साल से प्रचलन में है, जिसका अनुचित लाभ उठाकर विक्रेताओं ने केवायसी के नाम पर राशन ब्लैक में बेच दिया। जिले में 16 ऐसे विक्रेताओं पर खाद्य आपूर्ति विभाग ने थाने में प्रकरण भी दर्ज कराया है, लेकिन एफआइआर के बाद उनसे कालाबाजी किए राशन की रिकवरी नहीं हो पा रही है।
इनसे होना है रिकवरी
दुकान विक्रेता नाम रिकवरी
खैरिया तौर गिर्राज सिंह 722731
मारपुरा अवधेश सिंह 535996
बनीपुरा धर्मेंद्र भदौरिया 799551
मेहगांव जितेंद्र भदौरिया 305455
सीकरी जागीर साहब सिंह 453329
जाखैली शैलेश 785693
रिदौली अनुज शर्मा 183000
वार्ड15 मेहगांव सद्दाम 238547
भारौली रामनरेश 356904
डगर भारत सिंह 242717
चंदोखर अवधेश 575682
जारी रामसिया 750928
खैरा भानू सिंह 112765
बड़ागांव रामप्रकाश 198162
जमदारा रविंद्र गुर्जर 115000
जनवरी 2021 से जुलाई 2023 तक बेचा राशन
राशन मात्रा क्विंटल में
गेहूं 2293.75
चावल 837.29
ज्वार 14.19
शक्कर 2.83
नमक 3.76
कुल 3151.82
धांधली रोकने फीड होंगे हितग्राही के नंबर
तहसीलदार को सौंपी रिकवरी की जिम्मेदारी
राशन की कालाबाजारी रोकने के लिए खाद्य आपूर्ति विभाग के माध्यम से पात्र हितग्राहियों क मोबाइल नंबर फीड किए जा रहे हैं। जिले में 65 फीसदी लोग फीडिंग करा चुके हैं, जबकि टारगेट 85 प्रतिशत का है। इस प्रक्रिया में हितग्राही द्वारा पीओएस मशीन पर अंगूठा लगाते ही राशन लेने के उपरांत उसके मोबाइल पर एक एसएमएस जाएगा, जिसमें यह स्पष्ट होगा कि उक्त हितग्राही के कोटे का राशन प्राप्त हो चुका है। यदि बिना अंगूठा लगाए या अन्य वजह से उसका राशन निकलता है तो हितग्राही को जानकारी मिल जाएगी।
खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारी मनोज वाष्णेय का कहना है कि उन्होंने अपनी तरफ से कार्रवाई पूरी कर दी है। अब रिकवरी की वसूली का दायित्व संबंधित तहसीलदारों को सौंपा गया है। लेकिन अभी तक एक भी सेल्समैन से वसूली नहीं हुई है। विभाग ने रिमाइंडर भेजने की बात भी कही है। वहीं इन सभी के बीच गरीबों के राशन का बंडरबांट होता नजर आ रहा है। जिस तरह से प्रशासन की लचर कार्रवाई सामने आई है, उससे कालाबाजारी करने वालों के होंसले बुलंद हैं।
जिले में राशन की दुकानों पर केवायसी फीडिंग के नाम पर दुकानों से राशन डकारने का मामला सामने आने और विक्रेताओं पर एफआईआर दर्ज होने के बाबजूद अधिकारियों ने अभी तक विक्रेताओं से रिकवरी नहीं की है। जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते शासन का 63 लाख से अधिक का बकाया है।
सरकारी राशन की कालाबाजारी करने वालों पर एफआइआर दर्ज की है। रिकवरी की जिम्मेदारी तहसीलदारों को सौंपी है। क्यों नहीं हुई है, इसके लिए पत्र लिखकर जानकारी मांगेंगे।
मनोज वाष्णेय, खाद्य आपूर्ति अधिकारी भिण्ड