भोपाल : मध्‍य प्रदेश में रिश्वत लेने वालों को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) के डंडे का भी असर नहीं हो रहा है। स्थिति यह है सीबीआइ भोपाल ने जनवरी 2022 से अब तक नौ मामलों में 20 से अधिक लोगों को पकड़ा है। सीबीआइ जबलपुर द्वारा पकड़े मामले भी शामिल कर लें तो यह आंकड़ा 13 है।

इसके बाद भी रिश्वत लेने वालों को डर नहीं है। खुलेआम रिश्वत की मांग कर रहे हैं। सेना के अधिकारी तक पकड़े जा चुके हैं। हाल ही में सीबीआइ ने कटनी बायपास के निर्माण में रिश्वत लेने-देने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) और रेलवे का अधिकारी भी शामिल है। इन्हें 10 जुलाई तक के लिए न्यायालय ने जेल भेजा है।
सीबीआइ ने कब, कहां किसे पकड़ा
    • 10 जनवरी 2022: बैतूल स्थित पाथाखेड़ा में वेस्टर्न कोलफील्ड के अधिकारी को पेंशन प्रकरण के निराकरण के लिए रिश्वत मांगने पर पकड़ा।
    • नौ फरवरी 2022 : इंदौर में गैस अथारिटी आफ इंडिया लिमिटेड (गेल) की संयुक्त उद्यम कंपनी के अधिकारी को 15 हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़ा।
    • 20 अप्रैल 2022 : भोपाल में सेंट्रल जीएसीटी के आफिस में एक व्यापारी से 10 लाख रुपये रिश्वत मांगने के आराेप में दो अधिकारियों को पकड़ा।
    • पांच जून 2022 : डीजल लोको शेड इटारसी में एक कर्मचारी को नियमित करने के लिए रिश्वत मांगने पर अधिकारी को पकड़ा।
    • आठ जून 2022 : ग्वालियर में सेना के इंजीनियर को पकड़ा गया। उसने 42 हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी।
    • 14 जुलाई 2022 : इटारसी में जीएसटी के एक इंस्पेक्टर को पकड़ा।
    • दो नवंबर 2022 : भोपाल में थ्री ईएमई सेंटर बैरागढ़ में दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया।
    • 22 नवंबर 2022 : मंदसौर में आयकर विभाग के अधिकारी को ट्रेप किया। अधिकारी ने अग्रिम कर भुगतान के एक मामले के निराकरण के लिए रिश्वत मांगी थी।
  • 24 जुलाई 2023 : कटनी बायपास के निर्माण में डिजाइन मंजूर करने के लिए रेलवे, एनएचएआइ और निजी कंपनी के अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया।