ग्वालियर : नगर सरकार का एक साल पूरा .., घोटालों पर रहे मौन ..

आरोप-प्रत्यारोप व हंगामे में बीता एक साल, घोटालों पर रहे मौन; जनता के मुद्दों पर नहीं बनी सहमति …

शहर की नगर सरकार को शपथ लिए बुधवार को एक साल पूरा हो गया। एक साल पहले कांग्रेस ने 57 साल के इतिहास को बदला, जिसमें महापौर के पद पर डॉ.शोभा सिकरवार ने जीत हासिल की। वहीं शह-मात के खेल में भाजपा ने कांग्रेस को पटकनी देते हुए 5 अगस्त को सभापति पद पर पार्षद मनोज सिंह तोमर बैठा दिया।

जल विहार स्थित नगर निगम परिषद में पहली बैठक के दौरान सत्ता-विपक्ष के पार्षदों के निशाने पर नगर निगम के अधिकारी रहे, लेकिन बाद की बैठकों में कांग्रेस-भाजपा के पार्षद एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाकर हंगामा मचाते रहे।

आउटसोर्स भर्ती घोटाला और अमृत प्रोजेक्ट-1 की गड़बडिय़ों की सच्चाई जनता के सामने नहीं आ सकी। जांच कमेटियां बनी, लेकिन अफसर इतना पावरफुल रहे कि कागजात ही पूरे नहीं दे दिए। शहरवासियों का कहना है कि परिषद के अंदर गार्बेज शुल्क 50 प्रतिशत, पानी के बिल माफ जैसे बड़े मुद्दों का लाभ जनता को एक साल में भी नहीं मिला। स्ट्रीट लाइट की समस्या को लेकर पार्षद अभी-भी जनता को जवाब नहीं दे पा रहे हैं।

निगम परिषद का गठन 5 अगस्त को किया गया था। तब से लेकर अभी तक कुल 20 बैठकें हुईं। इनमें 6 साधारण सम्मेलन और 14 विशेष सम्मेलन हुए। इनमें ही अभियाचित बैठकें शामिल रहीं। 20 ठहराव पास किए गए। महापौर, सभापति और पार्षदों की निधि जरूर बढ़ाने के लिए पार्षद परिषद के अंदर एक मत नजर आए, लेकिन मौलिक निधि से काम कराने को लेकर अधिकारियों को दबाव की राजनीति का खेल भी दिखा।

ये हुए परिषद में निर्णय:

  • गार्बेज शुल्क कम करने के लिए इंदौर, भोपाल और जबलपुर से जानकारी मंगाकर प्रदेश शासन से मदद ली जाएगी।
  • पानी के बिल माफ करने का फैसला लेकर शासन की ओर पहुंचा दिया।
  • चंबल नदी से ग्वालियर तक पानी लाने का प्रस्ताव शासन को पहुंचाया गया।
  • ट्राइसाइकिल, दो ट्रैक्टर-टैंकर, गायों के लिए एक एंबुलेंस अध्यक्ष निधि से दिए हैं।
  • साल 2023-24 के लिए संपत्तिकर कलेक्टर गाइड लाइन से नहीं लगाने का फैसला।
  • मुक्तिधाम/ कब्रिस्तान के जीर्णोद्धार तथा लाइट, पेयजल आदि व्यवस्था करने का फैसला, लकड़ी और कंडों की दरों को कम करने का निर्णय।
  • केदारपुर में गरीबों के आवासों के निर्माण की अधोसंरचना विकास कार्य की स्वीकृति।
  • दृष्टि से दिव्यांग खिलाड़ियों की राष्ट्रीय क्रिकेट प्रतियोगिता सितंबर में कराने का फैसला।

सदन में ही नहीं मुख्यालय पर भी धरने पर बैठीं पार्षद:

निगम परिषद के गठन के बाद अधिकारियों द्वारा समस्या निराकरण नहीं होने पर वार्ड-28 की पार्षद गायत्री मंडेलिया ने दो बार निगम मुख्यालय पर धरना दिया। परिषद के अंदर पार्षद मांगों को मनमाने के लिए लिए विपक्ष के पार्षद बृजेश श्रीवास, अपर्णा पाटिल, भावना कन्नोजिया, मीरा राजपूत धरने पर बैठे।

स्ट्रीट लाइट, सीवर लाइन चोक व नालों की पार्षदों ने उठाई मांग

  • गायत्री मंडेलिया: नालों की सफाई नहीं हुई। वे इतने असुरक्षित हैं कि कोई भी गिर सकता है। स्ट्रीट लाइट व सीवर की समस्या काफी बनी हुई है। एक साल में ठीक नहीं हुई।
  • रश्मि बोहरे- वार्ड की सड़कों को बनाने व तिघरा का पानी सभी को मिले, इसका चैलेंज है। अभी कुछ काम भी किया है।
  • सईदा अली- सीवर की समस्या कुछ क्षेत्रों में बनी है। स्ट्रीट लाइट भी परेशान कर रही है।
  • मोहित जाट- चावड़ी बाजार की सड़क का बनाने का मुख्य लक्ष्य पूरा हो गया है। तीन बोरिंग करा दी हैं। अब लक्ष्य है कि अचुतानंद व्यायाम शाला को स्पोर्टस का हब बनाया जाए।
  • अपर्णा पाटिल- वार्ड में सीवर की समस्या बहुत थी। उसे खत्म कराने का काम शुरू हो गया है। स्ट्रीट लाइट की समस्या विकराल है।
  • मोनिका शर्मा- वार्ड के 8-9 क्षेत्र ऐसे था। जहां सीवर लाइन नहीं थी। वहां पर काम चालू हो चुके हैं। कुछ जगह पूरा भी हो गया है। पानी की समस्या का भी निदान कराया है।
  • प्रमोद खरे- नालों की सफाई नहीं हो रही है। उनका पटाव जरूरी है। सिद्धेश्वर नगर एवं अशोक कालोनी में पानी कमी थी। उसे दूर किया गया है।
  • रेखा त्रिपाठी- वार्ड में सात करोड़ रुपए की लागत से सड़कों का निर्माण पूरा हो चुका है। क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट की समस्या है। उसके निराकरण के लिए 5 लाख रुपए मौलिक निधि से दिए गए हैं।
  • बृजेश श्रीवास- संस्कृति गार्डन, विवेक नगर में सीवर की समस्या बड़ी थी। यहां के लिए 3 करोड़ की राशि से काम होगा। इसमें प्रगति विहार, लक्ष्मी नगर आदि शामिल है। स्ट्रीट लाइट की समस्या बनी हुई है।

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