भोपाल । शहर में अहाते बंद होने से होटल, ढाबा, रेस्टाेरेंट संचालक अवैध रूप से शराब लोगों को परोस रहे हैं।इसकी जानकारी आबकारी विभाग को न लगे, इससे बचने के लिए रेस्टाेरेंट संचालकों ने एक वाट्सएप ग्रुप बना लिया था। उनको आबकारी की कार्रवाई का पहले से पता चल जाता था और वह इसे वाट्सएप ग्रुप में प्रसारित कर देते थे। इससे नशे का कारोबार करने वाले डेढ़ दर्जन कारोबारी सतर्क हो जाते थे।आबकारी विभाग को इसकी जानकारी कुछ दिनों से लगातार मिल रही थी। जानकारी पुख्ता होते ही नीलबड़ क्षेत्र के बाघ भ्रमण क्षेत्र में स्थित रेस्टोरेंट पर छापामार कार्रवाई करते हुए उसे सील कर दिया है।

आबकारी से मिली जानकारी के अनुसार नीलबड़ क्षेत्र के केरवा डैम मार्ग पर वन विभाग चौकी के पास बाघ भ्रमण क्षेत्र में स्थित रेस्टोरेंट व्हाइट आर्चिड में अवैध रूप से शराम परोसे जाने की सूचना मिली थी। जानकारी मिलते ही आबकारी की टीम शनिवार देर रात 11 बजे मौके पर पहुंची और दबिश दी तो देखा कि रेस्टाेरेंट में देर रात तेज आवाज में डीजे बजाया जा रहा था। वहां मौजूद युवक अवैध रूप से शराब पी रहे थे। रेस्टाेरेंट संचालक के पास किसी तरह की कोई अनुमति भी नहीं थी। इससे मौके पर ही शराब पी रहे होटल संचालक सागर सहित नौ युवकों के खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया है।

रेस्टोरेंट अपडेट के नाम से बनाया वाट्सएप ग्रुप

आबकारी कंट्रोलर सजेंद्र माेरी ने बताया कि रेस्टाेरेंट मैनेजर नरेंद्र शर्मा उर्फ मोनू का मोबाइल खंगाला गया तो पता चला कि उसने रेस्टाेरेंट अपडेट के नाम से एक वाट्सएप ग्रुप बना रखा था।जिसमें लगभग 15 रेस्टाेरेंट संचालकों को जोड़ रखा था।इनको आबकारी के छापे की कार्रवाई पहले से पता चल जाती थी और वह इसी ग्रुप पर प्रसारित कर देता था। इससे कार्रवाई नहीं हो पाती थी।अब मैनेजर से पूछताछ कर अन्य रेस्टाेरेंट संचालकों की जानकारी जुटाई जा रही है।

पूर्व से दर्ज थे 20 प्रकरण

उन्होंने बताया कि रेस्टोरेंट व्हाइट आर्चिड बाघ भ्रमण क्षेत्र में संचालित किया जा रहा था। वनविभाग द्वारा भी पूर्व में कई बार पत्र लिखकर बताया गया था कि यहां पर देर रात तक शोरशराबा होता है और अवैध शराब परोसी जाती है। इससे पहले भी यहां पर अवैध शराब परोसे जाने के 20 प्रकरण दर्ज थे। आदतन शराब पिलाने के चलते प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करते हुए रेस्टाेरेंट को सील कर दिया गया है।

……………………………………..

रेस्टॉरेंट व्हाइट ऑर्केड सील:छापे के लिए टीम के निकलते ही बार संचालकों के वाट्सएप ग्रुप पर अलर्ट भेज देता था मुखबिर
रेस्टॉरेंट को सील करने की कार्रवाई करता अमला …

शहर में शराब का अवैध कारोबार इतने संगठित तरीके से चल रहा है कि आबकारी टीम को मुखबिरों से बचने के लिए अपनी रणनीति बदलनी पड़ रही है। ऐसी ही एक कार्रवाई शनिवार-रविवार की रात आबकारी टीम ने केरवा इलाके में व्हाइट ऑर्केड रेस्टॉरेंट पर की। मौके से टीम ने बिना अनुमति शराब पीते 9 लोगों को पकड़ा और 9 केस बनाए और रेस्टॉरेंट सील कर दिया। रेस्टोरेंट के शेर विचरण क्षेत्र में होने के कारण वन विभाग भी वहां पर सुरक्षा इंतजाम करने को लेकर निर्देश जारी कर चुका था।

वन विभाग ने व्हाइट ऑर्केड रेस्टॉरेंट को 4 महीने पहले पत्र लिखा था। इसमें कहा गया था कि रेस्टॉरेंट से 100 मीटर की दूरी पर बाघ देखा गया है। इस कारण रेस्टॉरेंट के आसपास 10 फीट से ऊंची दीवार बनानी होगी। रात 8 बजे के बाद तेज आवाज न करें। इसके बाद भी यहां देर रात तक गतिविधियां चल रही थीं।

इस तरह बचते थे हर बार

आबकारी उपायुक्त दीपम रायचूरा ने बताया कि आरोपियों के मोबाइल पर रेस्टॉरेंट अपडेट नाम का ग्रुप मिला। इसमें रेस्टॉरेंट से जुड़े सभी कर्मचारियों, मैनेजर और संचालकों के साथ ही उस दिन शराब पीने वाले के नंबर जुड़े होते थे। ग्रुप में मैसेज अपडेट करने के लिए एक मुखबिर कंट्रोल रूम के पास मौजूद रहता था। कंट्रोल रूम में कोई हरकत होती, जैसे- टीम का जमा होना, मीटिंग और कितनी गाड़ियां और अधिकारी कर्मचारी निकले हैं, ग्रुप पर अपडेट करता था। इसके बाद रेस्टॉरेंट में बचने की तैयारी शुरू हो जाती थी।

टीम को अलग-अलग रास्तों से रवाना किया

रायचूरा ने बताया कि केरवा इलाके में व्हाइट ऑर्केड रेस्टॉरेंट में लगातार अवैध शराब पिलाए जाने की सूचना मिली थीं। जब भी टीम वहां दबिश देती, वहां कुछ नहीं मिलता। आबकारी के कंट्रोल रूम से रेस्टॉरेंट की दूरी करीब 14 किलोमीटर है। ऐसे में जब तक टीम वहां पहुंचती थी, तब तक सबकुछ छिपा दिया जाता था। हालांकि इसके पहले उसके खिलाफ भी कई मामले बन चुके थे। इस कारण उसे निगरानी लिस्ट में रखा था, लेकिन अधिकांश बार टीम को खाली हाथ लौटना पड़ता था। शनिवार रात को भी वहां अवैध शराब पिलाए जाने की सूचना मिली थी।

इसके बाद टीम के दो सदस्यों को पहले तो वहां पर सिविल ड्रेस में शराब पीने भेजा। उनकी टिप मिलने पर इमरजेंसी मीटिंग बुलाई गई। यह मीटिंग कोहेफिजा में आबकारी के कंट्रोल रूम की जगह गुप्त जगह पर बुलाई गई। कंट्रोलर सजेंद्र मोरी ने टीम के सदस्यों को बारी-बारी से फोन कर बुलाया। आबकारी ग्रुप पर भी किसी तरह का अपडेट नहीं किया गया। रणनीति बनाने के बाद अलग-अलग रास्तों से टीम को रवाना किया गया। रेस्टॉरेंट के पास बार का लाइसेंस नहीं था। इसके बाद रेस्टॉरेंट के मालिक सागर के खिलाफ आबकारी की धाराओं में केस बनाते हुए रेस्टॉरेंट सील कर दिया गया। अब तक उसके खिलाफ 20 से ज्यादा प्रकरण बनाए जा चुके हैं