शिकायत 2014 में हुई तो फिर एफआईआर में 9 साल क्यों लग गए?
हाई कोर्ट का लोकायुक्त से सवाल:शिकायत 2014 में हुई तो फिर एफआईआर में 9 साल क्यों लग गए?
मप्र हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने लोकायुक्त से जल संसाधन विभाग के अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के मामले में जवाब मांगा है।
मप्र हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने लोकायुक्त से जल संसाधन विभाग के अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के मामले में जवाब मांगा है।अधिकारी विकास राजौरिया की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस रोहित आर्या और जस्टिस दीपक कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने लोकायुक्त से पूछा- भ्रष्टाचार के मामले में 2013 व 2014 में शिकायत दर्ज की गई। दोनों शिकायत एक समान हैं। जब एक शिकायत में याचिकाकर्ता को बरी कर दिया तो फिर दूसरे मामले में 9 साल के विलंब के साथ एफआईआर दर्ज क्यों की गई? डिवीजन बेंच ने इस मामले में लोकायुक्त से जवाब मांगने के साथ ही अगली सुनवाई तक याचिकाकर्ता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई पर रोक लगाने का निर्देश दिया है।