जानिए इंडियन क्रिमिनल लॉ में अब होंगे क्या कुछ बड़े बदलाव

मॉब लिंचिंग के लिए दोषी पाए जाने पर मौत की सजा तक का प्रावधान !
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पिछले साल पीएम मोदी ने देश से वादा किया था कि देश आजादी के 75 साल पूरे होने पर गुलामी की सभी पुरानी निशानियों को पीछे छोड़ देगा

 गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार (11 अगस्त) को लोकसभा में तीन बिल पेश किए. ये बिल पेश करते हुए सदन में उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के जमाने के आपराधिक कानून अब बदले जाएंगे. इनमें भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय न्याय संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 शामिल हैं.

इसके अलावा मॉब लिंचिंग के लिए अब नया कानून बनाया जाएगा. केंद्र मॉब लिंचिंग के मामलों में मौत की सजा का प्रावधान भी करेगा. साथ ही राजद्रोह कानून को पूरी तरह से खत्म किया जाएगा. अमित शाह ने कहा कि ‘आज मैं जो तीन विधेयक एक साथ लेकर आया हूं, इनमें इंडियन पीनल कोड, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड और इंडियन एविडेंस कोड है.

इसके साथ ही नाबालिग से रेप पर भी मौत की सजा का प्रावधान रखा गया है. नए कानूनों में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हुए अपराधों में सजा को प्राथमिकता दी गई है. वहीं, साल 2027 से पहले देश की सभी कोर्ट को कंप्यूटराइज करेंगे. किसी को भी गिरफ्तार करने पर उसके परिवार वालों को सबसे पहसे जानकारी दी जाएगी.

अब इंडियन क्रिमिनल लॉ में होंगे बड़े बदलाव

मोदी सरकार की तरफ से इंडियन क्रिमिनल लॉ में कई बड़े बदलाव करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं. इससे देश को गुलामी की सभी पुरानी निशानियों से छुटकारा मिलेगा.

  • नई सीआरपीसी (CRPC) में 356 धाराएं होंगी, जबकि पहले इसमें कुल 511 धाराएं होती थी. 
  • 7 साल से ज्यादा की सजा वाले मामलों में फॉरेंसिक टीम की तरफ से सबूत जुटाए जाएंगे. 
  • देश छोड़कर भागने वाले अपराधियों की अनुपस्थिति में कानूनी प्रक्रिया में पूरी तरह दोषी करार देने का प्रावधान. 
  • अब कोर्ट को सुनवाई पूरी होने के 30 दिन बाद किसी भी सूरत में फैसला सुनाना होगा. 
  • तलाशी-जब्ती को लेकर अब वीडियो बनाना अनिवार्य होगा. 
  • गुनाह किसी भी इलाके में हुआ हो, लेकिन एफआईआर देश के किसी भी हिस्से में दर्ज की जा सकेगी. 
  • 90 दिनों के अंदर चार्जेशीट दाखिल करनी होगी और 180 दिनों के अंदर हर हाल में जांच समाप्त की जाएगी.
  • लव जिहाद पर कार्रवाई के लिए पहचान बदलकर यौन शोषण करने वाले को सजा का प्रावधान होगा. 
  • नाबालिग बच्चियों के साथ सामूहिक बलात्कार की सूरत में मृत्यु दंड का प्रावधान होगा. 
  • बच्चों और महिलाओं साथ अपराध के मामले में 10 वर्ष तक की सजा
  • भारतीय साक्ष्य कानून (IEA) 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 लेगा.
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उन्‍होंने कहा क‍ि आईपीसी 1860, सीआरपीसी 1898, इंडियन एविडेंस एक्ट 1872 ये तीनों अंग्रेजों द्वारा लाए गए कानूनों को हटाकर अब भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 कानून लाए गए हैं. शाह ने कहा क‍ि सबको न्याय देना उद्देश्य है. मैं सदन को आश्वस्त करता हूं इससे लोगों को न्याय मिलने में आसानी होगा. इसको स्टैंडिंग कमेटी में भेजा जा रहा और आम आदमी इस नए कानून के मध्य में होगा.

उन्‍होंने कहा है क‍ि 2019 से ही मोदी जी ने कहा था कि अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानून को आज के हिसाब से बनाया जाएगा. इसके लिए व्यापक कंसल्टेशन क‍िया गया है. सभी हाईकोर्ट, यूनिवर्सिटी, सुप्रीम कोर्ट, आईएएस, आईपीएस, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, सासंद, विधायक, लॉ यूनिवर्सिटी आदि को पत्र लिखकर कंसल्टेशन लिया गया है.

इस ब‍िल के सबसे पहले चैप्‍टर में मह‍िलाओं और बच्‍चों के साथ अपराध को रखा गया है. दूसरा चैप्‍टर मानव वध और मानव शरीर के ख‍िलाफ अपराध को लेकर है.
इतना ही नहीं यौन उत्‍पीड़न की पीड़‍िता के बयान की वीडियो र‍िकॉर्ड‍िंग करानी अनिवार्य होगी. 90 दिन में उसकी स्‍टेटस र‍िपोर्ट भेजनी होगी. इतना ही नहीं 7 साल से अधिक सजा के प्रावधान वाले केसों में पीड़‍िता को सुने ब‍िना उस केस को खत्‍म नहीं किया जा सकेगा.
अब जीरो एफआईआर को मजबूत किया जाएगा और कोई भी शख्‍स कहीं से भी जीरो एफआईआर करा सकता है. अपराध की रिपोर्ट को 15 दिन में संबंधित थाने को भेजना होगा. इस ब‍िल के मुताब‍िक, 90 दिन में आरोप की चार्जशीट फाइल करनी होगी. सिविल सर्वेंट के ख‍िलाफ पुलिस को चार्जशीट के लिए अनुमति लेनी होगी.
किसी को अगर पुल‍िस ह‍िरासत में लेती है तो उस शख्‍स के पर‍िवारवालों को ऑनलाइन और कागजी रूप में सूचना देना अन‍िवार्य होगा.
दाऊद इब्राहिम जैसे भगोड़े अपराधी की अनुपस्थिति में ट्रायल होगा और सजा भी दी जाएगी. वहीं मॉब लिंचिंग को लेकर भी कानून सख्‍त क‍िया गया है और ऐसे अपराध में दोषी स‍िद्ध होने पर आरोपी को मृत्युदंड की सजा तक का प्रावधान है.
मौत की सजा वाले अपराध‍ियों को आजीवन में बदलाव हो सकता है, लेकिन ऐसे अपराध‍ियों को किसी भी तरह छोड़ा नहीं जाएगा.
राजद्रोह को कमप्लीट खत्म किया जा रहा. पहली बार टेररिज्म की व्याख्या और संपति को जब्त किया जाएगा. कोर्ट ऑर्डर करेगा पुलिस नहीं करेगी.
बलात्कार पर 20 साल की कैद का प्रावधान और 18 साल की कम उम्र की बच्ची से बलात्कार पर मृत्युदंड की सजा का प्रावधान है.
अब सर्च और जब्‍ती के दौरान वीडियो रिकॉर्ड अन‍िवार्य होगी. इन नए कानून का लक्ष्‍य दोषी स‍िद्धी को 90 प्रतिशत से ऊपर तक ले जाना है. ज‍िन अपराधों में 7 साल या उससे ज्‍यादा की सजा उन सभी अपराधों के क्राइम साइट पर फॉरेंसिक टीम का जाना अनिवार्य होगा.
थानों में टूटी फूटी गाड़ियों का ढेर खत्म होगा. उसको वीडियोग्राफी करके इनको डिस्पोज ऑफ किया जाएगा. सबको ज्यादा से ज्यादा 3 साल में सजा करवाने का प्रावधान होगा.

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