शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। इसके साथ ही मानसून सत्र समाप्त हो गया। इसके बाद एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि 23 दिनों तक चले सत्र के दौरान कुल 17 बैठकें हुईं। उन्होंने कहा कि लोकसभा की उत्पादकता करीब 45 फीसदी और राज्यसभा की 63 फीसदी है। मणिपुर की स्थिति पर चर्चा और सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण दोपहर के भोजन से पहले के सत्र में उच्च सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित की गई।

संसद आज समाप्त हो गई। यह 20 जुलाई को शुरू हुई और आज 11 अगस्त, शुक्रवार को इसका समापन हुआ। 23 दिनों में कुल 17 बैठकें हुईं। लोकसभा में कुल 20 बिल पेश किए गए, और 5 बिल राज्यसभा में पेश किए गए। – प्रह्लाद जोशी

कितना हुआ कामकाज?

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बताया कि लोकसभा में कुल 22 विधेयक पारित किए गए, राज्यसभा में 25 विधेयक और दोनों सदनों में 23 विधेयक पारित किए गए। इसके अलावा आईपीसी (दंड प्रक्रिया संहिता) को बदलने के लिए गृह मंत्रालय के तीन विधेयक ( सीआरपीसी), और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को संसद की स्थायी समिति को भेजा गया है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि राजनीतिक कारणों से विपक्ष ने दिल्ली सेवा विधेयक के अलावा किसी भी अन्य बिल पर चर्चा में भाग नहीं लिया। वैसे, राज्यसभा में लगभग सभी विधेयकों पर चर्चा हुई।

सदन से निलंबन

शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) सांसद राघव चड्ढा को ‘धोखाधड़ी’ की शिकायतों के बाद ‘विशेषाधिकार हनन’ के आरोप में राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया। उनका निलंबन सदन के नेता पीयूष गोयल द्वारा पेश किए गए एक प्रस्ताव के बाद हुआ, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) के लिए प्रस्तावित चयन समिति में बिना सहमति के उच्च सदन के कुछ सदस्यों के नाम शामिल किये जाने के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी।