इंदौर-राजबाड़ा मार्केट का सच…?
इंदौर-राजबाड़ा मार्केट का सच…
व्यापारियों से रोजाना ढाई लाख की उगाही …..
राजवाड़ा क्षेत्र में सड़क और फुटपाथ पर अतिक्रमण और कब्जे के खेल के पीछे लाखों रुपए के कमीशन की बंदर-बांट प्रमुख वजह है। यही कारण है कि कई बार व्यापारियों द्वारा आवाज बुलंद करने के बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है।
कमीशनखोरी के छींटो से नगर निगम की रिमूवल टीम भी दागदार है। क्योंकि कार्रवाई के नाम पर हमेशा सिर्फ खानापूर्ति ही की गई। दलाल और अवैध रूप से दुकान लगाने वाले दुकानदारों के बीच नगर निगम से सेटिंग की खुलकर बात होती है और दलाल बकायदा बाजार में अलग-अलग जगह के रेट बताकर दुकान लगाने की खुली छूट देते हैं।
दुकान मालिकों ने चकरे, फुटपाथ तक किराए से दे दिए हैं। वहीं कई अवैध तौर पर दुकान लगाते हैं। बाजार में वाहन मेन रोड पर ही खड़े रहते हैं, जिससे जाम की स्थिति भी बनती है। सड़क-फुटपाथ से कब्जे हटाने की मांग व्यापारियों ने महापौर पुष्यमित्र भार्गव से की है।)
अब जानिए वो नाम जो मार्केट में लगवाते हैं दुकानें
राजबाड़ क्षेत्र में फुटपाथ, चकरा और हाथ फेरी, ठेला लगाने के लिए रोजाना दलालों को एक तय राशि देनी पड़ती है। ये दलाल ही कमीशनखोरी का पूरा खेल खेलते हैं। इनमें प्रमुख रूप से 15 लोग शामिल है, जिसमें महिलाएं भी हैं। शामिल नामों में संतोष, कमल, इल्यास, युसूफ, सुमित, डब्बू, टप्पू, राजकुमारी, रानी, आशा, जीतू, गोपाल, नंदू, शानू और राहुल प्रमुख हैं। अगर किसी को क्षेत्र में चकरा, हाथ फेरी, फुटपाथ दुकान लगाने के लिए चाहिए तो इनसे संपर्क करना पड़ता है। इनके क्षेत्र बंटे हुए है और क्षेत्र के अनुसार ये कलेक्शन भी करते हैं। रोजाना लाखों का हिसाब होता है। जिसका पैसा ऊपर से लेकर नीचे तक सब को बंटता है। लाखों रुपए की अवैध कमाई का यह खेल सालों से चल रहा है। पूर्व में नगर निगम की तरफ से कार्रवाई की गई। लेकिन वो भी औपचारिक ही साबित हुई। नगर निगम टीम के आने की सूचना तक लीक हो जाती है और इस जानकारी का शुभ-लाभ (कमीशन) अलग से होता है। रविवार को आम दिनों की तुलना में मार्केट में भीड़ ज्यादा होती है लिहाजा रेट में भी बदलाव हो जाता है।
नगर निगम उपायुक्त ने पैदल दौरा कर दिए निर्देश
रिमूवल गैंग के साथ नगर निगम उपायुक्त लता अग्रवाल और अन्य अधिकारियों ने शुक्रवार को राजवाड़ा क्षेत्र का दौरा किया। यहां फुटपाथ पर कब्जा करने वाले व्यापारियों को सख्त लहजे में अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए। यह भी कहा कि यदि सामान और दुकान नहीं हटाई तो शनिवार से सामान जब्ती की कार्रवाई होगी। अधिकारियों ने राजवाड़ा क्षेत्र के पीपली बाजार, खजूरी बाजार, इमाम बाड़ा क्षेत्र में पैदल दौरा किया। इस दौरान सराफा थाने का बल भी मौजूद था। नगर निगम की गाड़ियां लगातार अनाउंसमैंट करती रही कि अवैध कब्जा करने वाले व्यापारी फुटपाथ से सामान हटा लें। बर्तन बाजार, मारोठिया बाजार, शीतला माता मार्केट में निगम टीम ने भ्रमण किया। इस दौरान कुछ व्यापारियों ने आपत्ति भी दर्ज कराई कि हम हमारी सीमा में ही व्यापार कर रहे हैं। टीम ने कुछ जर्जर बिल्डिंगों के नीचे लगने वाली दुकानों को भी चिह्नित किया है। भवनों को शहर की जर्जर बिल्डिंग की सूची में शामिल करने के निर्देश भी दिए।
अतिक्रमण के कारण दुकान तक ग्राहक के पहुंचने में परेशानी
इससे पहले 13 व्यापारिक संगठनों की ओर से एक मांग-पत्र महापौर को सौंपा गया है, जिसमें व्यापारियों ने कहा कि सड़क और फुटपाथ पर अतिक्रमण होने से हालत यह रहती है कि राजवाड़ा, बांके बिहारी मंदिर, गोपाल मंदिर, इमामबाड़ा, जबरेश्वर महादेव मंदिर रोड, निहालपुरा, सराफा, पिपली बाजार, यशोदा माता मंदिर क्षेत्र, शकर बाजार, सीतला माता बाजार चौक से गोराकुंड चौराहा तक ग्राहक दुकान तक पहुंच ही नहीं पाता है। इमामबाड़ा, सराफा, बोहरा बाजार, सीतला माता बाजार में रोजाना 20 हजार से ज्यादा महिलाएं आती-जाती हैं। यशोदा माता मंदिर और धान गली क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट का काम तत्काल हल करने के निर्देश भी महापौर ने दिए हैं। प्रतिनिधिमंडल में अक्षय जैन, अनिल रांका, कैलाश मूंगड सहित अन्य व्यापारी शामिल थे।
ये सब बर्दाश्त नहीं करेंगे
मामले में नगर निगम आयुक्त हर्षिका सिंह का कहना है कि राजवाड़ा क्षेत्र में फुटपाथ और सड़क को अतिक्रमण से मुक्त किया जाएगा। सभी को चेतावनी भी दी है। रिमूवल गैंग की लापरवाही भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सख्ती के साथ नियमों का पालन करवाएंगे।