100 करोड़ से अधिक का है दिव्यांग छात्रवृत्ति घोटाला !

SIT की जांच में 65 करोड़ के मिले साक्ष्य, CBI जांच में खुलेंगे और मामले

दिव्यांग छात्रों के नाम पर छात्रवृत्ति हड़पने में हाइजिया कालेज प्रबंधन मास्टर माइंड निकला।

यूपी में दिव्यांग कोटे के डमी कंडीडेट के नाम पर छात्रवृत्ति में करीब 65 करोड़ रुपये का खेल सामने आया है। जिसमें यूपी के हाइजिया कालेज प्रबंधन समेत दर्जन भर कालेज के नाम सामने आए हैं। एसआईटी और ईडी की जांच में यह घोटाला करीब 100 करोड़ के ऊपर जाता दिख रहा है।

वहीं अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति के नाम पर पिछले पांच साल में 144.83 करोड़ रुपये के घोटाला सामने आया है। केंद्र सरकार की तरफ से अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति से जुड़े मामले की जांच के साथ सभी छात्रवृत्ति घोटालों की सीबीआई से जांच कराने की बात कहने के बाद दिव्यांग कई और चौकाने वाले खुलासे होने की उम्मीद है।

यूपी के पांच और जिलों से जुड़े घोटाले के तार
दिव्यांग छात्रवृत्ति घोटाले के तार लखनऊ, बाराबंकी, फर्रूखाबाद, हरदोई के साथ अब गोंडा, मेरठ, शाहजहांपुर, लखीमपुर और जौनपुर से भी जुड़ गए हैं। एसआईटी ने जांच में इसकी पुष्टि होने के बाद संबंधित कालेजों से छात्रवृत्ति से जुड़े दस्तावेज भी तलब कर लिए हैं।

छात्रवृत्ति घोटाले में छह राज्यों में सबसे ज्यादा खेल
ईडी की जांच में सामने आया है कि दिव्यांग और अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति हड़पने के लिए जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, यूपी, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, असम, कर्नाटक और बंगाल में चल रहे 1,572 संस्थानों में से 830 फर्जी निकले।

पांच साल में इन संस्थानों ने करीब 245 करोड़ रुपये के घोटाले को अंजाम दिया। यह खुलासा देश के 34 राज्यों के 100 जिलों में हुई जांच में सामने आया। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने इस खुलासे के बाद घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला लिया।

ईडी की रिपोर्ट में सौ करोड़ के घोटाले की आई थी बात
ईडी ने यूपी में छात्रवृत्ति घोटाले में एक साथ लखनऊ, फर्रूखाबाद, बाराबंकी, हरदोई आदि स्थानों पर छापेमारी कर छात्रवृत्ति घोटाले का खुलासा किया था। जिसके बाद मास्टरमाइंड हाइजिया ग्रुप के संचालक इजहार हुसैन जाफरी, अली अब्बास जाफरी और रवि प्रकाश गुप्ता के खिलाफ मनी लांडि्रंग का केस दर्ज किया था। उसके साथ ही तीनों को गिरफ्तार करते हुए जेल भेजा था। वहीं शासन के आदेश पर हजरतगंज पुलिस ने 30 मार्च 2023 को एफआईआर दर्ज की थी।

जिसमें सौ करोड़ रुपए के घोटाले की आशंका जताई थी। जिसके बाद इस केस की विवेचना के लिए एसआईटी गठित की थी। सूत्रों के मुताबिक एसआईटी की जांच में अब तक 65 करोड़ रुपये के घोटाले की पुष्टि होने के बाद चार्टशीट की तैयारी शुरू कर दी है।

इसमें दिव्यांग छात्रों के नाम पर करीब 35 करोड़ व अन्य छात्रों के नाम पर 30 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति ली गई। दस संस्थानों के कुल 18 आरोपी केस में हैं। 14 आरोपियों के खिलाफ तफ्तीश जारी है। जल्द उनकी भी गिरफ्तारी हो सकती हैं।

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