अक्टूबर 2024 से शुरू होगा जेवर एयरपोर्ट ….को बनाने में 7 हजार मजदूर जुटे हुए हैं !
अक्टूबर 2024 से शुरू होगा जेवर एयरपोर्ट ….55% काम पूरा हुआ, एशिया पैसिफिक देशों के लिए बनेगा ट्रांजिट हब
जेवर एयरपोर्ट को बनाने में 7 हजार मजदूर जुटे हुए हैं
देश के सबसे व्यस्त इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से महज 72 किमी की दूरी पर भारत का सबसे बड़ा जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन रहा है। पिछले साल मई से नोएडा में 1334 हेक्टेयर में बन रहे इस एयरपोर्ट के पहले चरण का 55% काम पूरा हो चुका है। इसे बनाने में 7 हजार मजदूर जुटे हुए हैं।
एयरपोर्ट बना रही कंपनी टाटा प्रोजेक्ट के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट रविशंकर चंद्रशेखरन कहते हैं कि पहले चरण में 45 बिल्डिंग बननी हैं, इनमें 25 का ढांचा तैयार है। साल के आखिरी तक 3900 मी. लंबा एक रनवे और 38 मी. ऊंचा एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर बन कर तैयार हो जाएगा। वाटरप्रूफिंग भी हो जाएगी। एक लाख वर्ग फीट में बन रही टर्मिनल बिल्डिंग का पहला फ्लोर भी आकार ले लेगा। उम्मीद है कि अक्टूबर 2024 एयरपोर्ट शुरू हो जाएगा।
ये प्रोजेक्ट 4 चरणों में 30 साल में पूरा होगा। इस पर 29650 करोड़ रुपए खर्च होंगे। कुल 5 रनवे बनेंगे, जिन पर 7 करोड़ यात्री हर साल आ-जा सकेंगे। पहले चरण में 5730 करोड़ रु. खर्च होने हैं। इस फेज में बन रहे एप्रन में 28 एयरक्राफ्ट खड़े होंगे। इस फेज की क्षमता 1.2 करोड़ पैसेंजर है। सालाना 90 हजार से अधिक फ्लाइट्स की जरूरत पड़ेगी। 40 साल तक इस एयरपोर्ट को स्विस कंपनी ज्यूरिख इंटरनेशनल चलाएगी। पूरा बनने पर ये दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा।
देश से जुड़ेगा, टैक्सी पॉड सर्विस भी मिलेगी
- जेवर एयरपोर्ट यमुना एक्सप्रेस-वे और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से जुड़ेगा। इसके लिए एनएचएआई ने 537 करोड़ जारी किए हैं। यमुना एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए 750 मी. की सिक्स लेन सड़क बनेगी।
- दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर दादरी से गुजरेगा, जो यमुना एक्सप्रेस-वे के साथ लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग हब को बढ़ाएगा। अमेरिका, जापान आदि देशों की 10 से अधिक कंपनियां एयरपोर्ट के पास यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे यूनिट लगा रही हैं।
- यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण देश की पहली पॉड टैक्सी सेवा शुरू करेगा, जो जेवर और नोएडा एयरपोर्ट को फिल्म सिटी से जोड़ेगी। 20 मिनट की यात्रा में 12 स्टेशन होंगे। पहले चरण में 101 पॉड शामिल होंगे। इनमें 6 लोग बैठ सकेंगे।
जेवर के निर्माण के साथ एनसीआर में दो बड़े एयरपोर्ट हो जाएंगे। दिल्ली के इंदिरा गांधी हवाई अड्डे के टर्मिनल-1 का विस्तार साल के आखिरी में हो जाएगा। अगले एक साल एनसीआर से हर घंटे 100 से अधिक उड़ानें होंगी। करीब 11.50 करोड़ यात्री सालाना सफर कर सकेंगे।
पूरा एयरपोर्ट कॉन्टैक्टलैस, डिजिटल, ग्रीनफील्ड होगा
- पहले फेज में यात्री क्षमता 1.2 करोड़ करनी है। इसकी 80% क्षमता पाने के बाद दूसरे फेज का काम होगा।
- एयरपोर्ट की डिजाइन में फोरकोर्ट, कोर्टयार्ड, लैंडस्कैप दिखेगा। छत नदियों की तरह लहरदार बनेगी।
- बोर्डिंग जोन में बड़ा ग्रीनजोन होगा। स्थानीय वास्तुकला, जलवायु अनुकूल शैली में लाउंज होगा।
ये 4 सुविधाएं पहली बार मिलेंगी…
1. ग्राउंड ट्रांसपोर्ट सेंटर: बस, कार, टैक्सी के साथ मेट्रो और हाई स्पीड रेल नेटवर्क यात्रियों को उपलब्ध कराने वाला ये मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्टेशन हब होगा।
2. स्विंग स्टैंड: विमान के आसान मोड़ के लिए एप्रन स्टैंड पर पहली बार स्विंग स्टैंड होगा। यानी बिना रन-वे बदले घरेलू उड़ानें अंतरराष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें घरेलू में कन्वर्ट हो सकेंगी।
3. नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन: नेट जीरो एनर्जी, नेट जीरो कार्बन इमीशन, नेट जीरो वेस्ट और वाटर वाला ये देश का पहला एयरपोर्ट होगा। दिन की रोशनी का अधिकतम इस्तेमाल।
4. एमआरओ: यानी एयरपोर्ट पर विमानों की मरम्मत और रखरखाव की सुविधा। अभी बड़ी मरम्मत के लिए विमान सिएटल या फ्रांस भेजे जाते हैं। एमआरओ के लिए सरकार एयरबस, बोइंग और अन्य कंपनियों से बातचीत कर रही है। जल्द ग्लोबल टेंडर जारी होंगे। 500 एकड़ में प्लॉट बनेंगे।