ग्वालियर : 15 दिन में नहीं भरा 221 करोड़ का जुर्माना तो अधिकारियों के खिलाफ दर्ज होगा केस
पर्यावरण को प्रदूषित करने का मामला:15 दिन में नहीं भरा 221 करोड़ का जुर्माना तो अधिकारियों के खिलाफ दर्ज होगा केस
पर्यावरण को प्रदूषित करने के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की प्रिंसिपल बेंच ने मप्र सहित सभी प्रदेशों के नगरीय निकायों पर करोड़ों का जुर्माना लगाया है। मप्र की 347 नगरीय निकायों से कुल 221.07 करोड़ का जुर्माना वसूलना है।
साढ़े तीन साल पहले लगाए गए जुर्माने (पर्यावरण क्षतिपूर्ति) की राशि अभी तक जमा नहीं करने पर मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मेंबर सेक्रेटरी चंद्रमोहन ठाकुर ने नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के आयुक्त को पत्र लिखा है। इसमें स्पष्ट किया है कि यदि 15 दिन में राशि जमा नहीं की गई तो अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किए जाएंगे।
जानिए किस पर कितना जुर्माना
ग्वालियर
- ग्वालियर नगर निगम – 80 लाख
- पिछोर – 06 लाख
- भितरवार- 66 लाख
- आंतरी- 6 लाख
- बिलौआ- 6 लाख
- डबरा- 60 लाख
मुरैना
- मुरैना – 31 लाख
- जौरा – 72 लाख
- कैलारस – 72 लाख
- बानमौर – 66 लाख
- झुंडपुरा – 12 लाख
- सबलगढ़ – 12 लाख
- अंबाह – 06 लाख
- पोरसा – 06 लाख
दतिया
- भांडेर – 06 लाख
- बड़ौनी – 06 लाख
- सेवढ़ा – 66 लाख,
- इंदरगढ़ – 06 लाख
- श्योपुर – 66 लाख
- विजयपुर- 66 लाख
- बड़ौदा – 06 लाख
शिवपुरी:
- बदरवास – 66 लाख
- करैरा – 126 लाख
- खनियाधाना – 66 लाख
- कोलारस – 96
- नरवर – 66 लाख
- पिछोर – 66 लाख
- शिवपुरी – 66 लाख
- बैराड़ – 06 लाख
भिंड:
- भिंड – 60 लाख
- फूफकलां – 06 लाख
- अकोड़ा – 12 लाख
- गोहद – 66 लाख
- दबोह – 06 लाख
- आलमपुर – 06 लाख
- गोरमी – 06 लाख
- लहार – 12 लाख
- मउ – 06 लाख
- मिहोना – 06 लाख
जानिए क्यों लगा है जुर्माना:
प्रदेश के कई नगरीय निकायों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लगे हैं। स्थिति ये है कि नालों का पानी सीधे नदियों में जाकर मिल रहा है। जिससे नदियां प्रदूषित हो रही हैं। इसी तरह ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन (सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट) के नियमों का भी पालन नहीं हो पा रहा। प्रमुख रूप से इन कारणों के चलते नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पर्यावरण क्षतिपूर्ति वसूलने का आदेश दिया है।