मंत्री बोले- डेपुटेशन चोर दरवाजा है, भ्रष्टाचार का अड्‌डा है !

मंत्री बोले- डेपुटेशन चोर दरवाजा है, भ्रष्टाचार का अड्‌डा है:हेल्थ मिनिस्टर ने कहा- फ्री में नहीं होता, 10-15 लाख लगते हैं

एजुकेशन और हेल्थ डिपार्टमेंट में डेपुटेशन को लेकर हेल्थ मिनिस्टर परसादी लाल मीणा ने शनिवार को बड़ा बयान दिया। कहा कि जो चोर होते हैं, जिन्हें काम नहीं आता, न ही काम करना चाहते हैं, वही लोग डेपुटेशन कराते हैं। यह चोर दरवाजा है। डेपुटेशन करना और करवाना दोनों के खिलाफ कानून बनना चाहिए। डेपुटेशन कभी फ्री में नहीं होता, 10-15 लाख रुपए देने पड़ते हैं, तब होता है।

हेल्थ मिनिस्टर परसादी लाल मीणा शनिवार को दौसा जिले के लालसोट कस्बे में स्व. राजेश पायलट गवर्नमेंट पीजी कॉलेज में कैंटीन, छात्रसंघ कक्ष, चौकीदार तथा चित्रकला कक्ष के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

2 साल में एक भी डेपुटेशन नहीं किया

मंत्री परसादी लाल ने कहा- जब से मैंने हेल्थ डिपार्टमेंट संभाला है, तब से 2 साल में एक भी डेपुटेशन नहीं किया है। पहले कहीं डॉक्टर नहीं थे, कहीं मेडिकल स्टाफ नहीं था, अब सब सेट है। पहले मेडिकल और हेल्थ डिपार्टमेंट में भी डेपुटेशन था। अब एजुकेशन में डेपुटेशन कराते हैं। ये चोर दरवाजा है। जो चोर होते हैं, जिनको काम नहीं करना, जिनको काम नहीं आता वे डेपुटेशन कराते हैं।

मंत्री ने गवर्नमेंट पीजी कॉलेज के प्रिंसिपल को लेकर कहा- मैंने प्रिंसिपल साहब से भी कहा है कि डेपुटेशन चाहने वाले शिक्षकों की लिस्ट मुझे दे दो, मैं सबका डेपुटेशन निरस्त करा दूंगा। उनको नौकरी करने का अधिकार नहीं है।

डेपुटेशन काम न करने का तरीका

परसादी लाल ने कहा- जब मैंने हेल्थ विभाग संभाला तो विधानसभा में कह दिया था कि मंत्री रहूं या न रहूं लेकिन राजस्थान में एक भी डेपुटेशन नहीं करूंगा। मैंने एक दिन में 1000 डेपुटेशन निरस्त किए। जिनको नौकरी करनी है करें, वरना घर जाएं। क्या है डेपुटेशन, यह काम नहीं करने का एक तरीका है, लोग धंधा भी करते हैं और नौकरी से भी पैसा पाते हैं, ऐसे लोग ही डेपुटेशन कराते हैं।

डेपुटेशन करना भी नहीं चाहिए। यह पाप का काम है। मैंने शिक्षा विभाग के मंत्री से भी कहा कि मुख्यालय में डेपुटेशन के नाम पर 50-60 लोगों को बैठा रखा है, क्या इनकी पूजा करोगे। इन सबका डेपुटेशन निरस्त करो।

दौसा जिले के लालसोट कस्बे में स्व. राजेश पायलट गवर्नमेंट पीजी कॉलेज में विकास कार्यों का उद्घाटन करते हेल्थ मिनिस्टर।
दौसा जिले के लालसोट कस्बे में स्व. राजेश पायलट गवर्नमेंट पीजी कॉलेज में विकास कार्यों का उद्घाटन करते हेल्थ मिनिस्टर।

डेपुटेशन चोर दरवाजा, कानून बने

मंत्री ने कहा कि मेडिकल और एजुकेशन में डेपुटेशन रोकने के लिए कानून आना चाहिए। जो डेपुटेशन में रहे उसे कहीं से भी वेतन नहीं मिलना चाहिए। जब तक कानून नहीं बनेगा, ये चोर दरवाजा बंद नहीं होगा। जहां व्यक्ति काम करे वहीं से वेतन मिले। मैं डेपुटेशन के चोर दरवाजे के खिलाफ हूं।

मंत्री ने कहा कि मेडिकल डिपार्टमेंट में दो साल से मैंने एक भी डेपुटेशन नहीं किया है। कई लोगों का एक साल से वेतन पेंडिंग चल रहा है। नौकरी करनी है तो करो वरना वीआरएस ले लो। स्कूल कॉलेज का टीचर डेपुटेशन लेकर चला जाता है और बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है।

फ्री में नहीं होता, 15 लाख लगते हैं

मंत्री ने कहा- डेपुटेशन फ्री में होता है क्या? डेपुटेशन के लिए 10-15 लाख रुपए देने पड़ते हैं। तब होता है। जो डेपुटेशन करते हैं वो भी पाप के भागीदार हैं। वे साफ छवि के नहीं हैं। यह करप्शन का अड्‌डा है। मैंने मुख्यमंत्रीजी से भी कहा है कि इसके खिलाफ कानून लाएं। डेपुटेशन करा के चले जाना है तो कॉलेज में लेक्चरर लगाने की क्या जरूरत है। नौकरी करो या घर बैठो, नौकरी के लिए युवा तैयार बैठे हैं।

डेपुटेशन का हिंदी में क्या अर्थ होता है?

प्रतिनियुक्ति (Deputation) का अर्थ होता है, किसी शासकीय व्यक्ति को उसके मूल विभाग से अन्य किसी विभाग में समान पद या उच्‍च पद पर नियुक्त करना. प्रतिनियुक्ति की पहली शर्त होती है, शासकीय सेवा में नियमित पद पर नियुक्त होना.

प्रतिनियुक्ति पत्र का अर्थ क्या है?
सरल शब्दों में “प्रतिनियुक्ति” का अर्थ है कैडर के बाहर या मूल विभाग के बाहर सेवा । प्रतिनियुक्ति एक कर्मचारी को उसके कैडर के बाहर किसी पद पर, यानी अस्थायी आधार पर किसी अन्य विभाग में प्रतिनियुक्ति या स्थानांतरित करना है
नियुक्ति और प्रतिनियुक्ति में क्या अंतर है?
जब किसी संवर्ग के बाहर के अधिकारी या पदोन्‍नति के सीधे क्रम के बाहर से किसी अधिकारी की सीमित अवधि के लिए नियुक्‍ति की जाती है, जिसके समाप्‍त होने पर उन्‍हें अपने मूल संवर्ग में वापस जाना पड़ेगा तो उसे प्रतिनियुक्‍ति पर या अल्‍प अवधि संविदा पर माना जाता है।
प्रतिनियुक्ति कैसे की जाती है?

प्रतिनियुक्ति केवल अस्थायी पदों पर ही की जा सकती है। स्थायी नियुक्ति के रूप में नहीं । कार्मिक को प्रतिनियुक्ति पर अपने पैतृक विभाग वाले वेतनमान में मूल वेतन तथा साथ में व्यक्तिगत वेतन, यदि कोई हो तो, तथा प्रतिनियुक्ति भत्ता मिलेगा ।

क्या प्रतिनियुक्ति एक कर्मचारी का अधिकार है?
प्रतिनियुक्ति की अवधारणा सहमतिपूर्ण है और इसमें अपने कर्मचारी की सेवाओं को उधार देने के लिए नियोक्ता का स्वैच्छिक निर्णय और उधार लेने वाले नियोक्ता द्वारा ऐसी सेवाओं की स्वीकृति शामिल है। इसमें कर्मचारी की प्रतिनियुक्ति पर जाने या न जाने की सहमति भी शामिल है।

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