इंडिया गठबंधन की भोपाल रैली रद्द ?
मीटिंग में सबकुछ फिक्स तो फिर कहां आई दिक्कत? इंडिया गठबंधन की भोपाल रैली रद्द होने की इनसाइड स्टोरी
विपक्षी गठबंधन इंडिया की भोपाल में होने वाली पहली रैली कैंसिल हो गई है. एक दिन पहले तक कहा जा रहा था कि भोपाल में गठबंधन की बड़ी रैली होगी, लेकिन अब मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने साफ कर दिया है कि भोपाल में गठबंधन की रैली रद्द कर दी गई है.
सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लीकार्जुन खरगे हैदराबाद पहुंच चुके थे. पार्टी के प्रवक्ता पवन खेड़ा पत्रकारों से बात कर रहे थे. एक न्यूज चैनल के पत्रकार ने पूछा हैदराबाद में ही कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की बैठक क्यों? इसके जवाब में उन्होंने कहा तेलंगाना में चुनाव है. फिर दूसरा सवाल आया चुनाव तो भोपाल में भी है. खेड़ा ने कहा भोपाल में इंडिया गठबंधन की पहली साझा रैली हो रही है. उसी समय भोपाल में कांग्रेस पार्टी की एक प्रेस कांफ्रेंस हो रही थी.
एक पत्रकार ने पूछा भोपाल वाली रैली कब होगी तो एमपी कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा रैली नहीं होगी. फिर पूछा गया कि रैली नहीं होगी तो कमलनाथ ने जवाब में कहा कि रैली कैंसिल हो गई है. ये सुनकर सब हैरान रह गए. जिस समय हैदराबाद में ये दावा किया जा रहा था कि भोपाल में इंडिया गठबंधन की पहली रैली होगी, ठीक उसी समय भोपाल में कमलनाथ बता रहे थे कि रैली अब नहीं होगी. आखिर ऐसा क्या हो गया कि अब रैली न करने का ऐलान हो गया है. फिर सवाल ये उठता है कि इस फैसले की जानकारी कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के लिए हैदराबाद पहुंचे कुछ नेताओं को क्यों नहीं थी.
इंडिया के सहयोगी दलों को भी नहीं थी जानकारी
भोपाल में रैली रद्द करने के कांग्रेस के फैसले की जानकारी इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों को भी नहीं थी. न तो समाजवादी पार्टी के नेता को ये पता था और न ही जेडीयू के नेताओं को. आम आदमी पार्टी के नेता भी सन्नाटे में थे. जितने मुंह, उतनी ही बातें. जनाक्रोश यात्रा निकालने को लेकर भोपाल में जो प्रेस कांफ्रेंस बुलाई गई थी, उसमें रणदीप सूरजेवाला ने खुद बताया था कि अभी रैली की तारीख तय नहीं हुई. इसका मतलब तो यही निकाला जा सकता है कि तब तक रैली होने की बात थी. फिर अचानक ऐसा क्या हुआ कि दस मिनट बाद कमलनाथ ने रैली कैंसिल होने की घोषणा कर दी.
चुनावी राज्यों में साझा रैली के खिलाफ थे कई दल
जबकि इंडिया गठबंधन की सर्वोच्च संस्था कोआर्डिनेशन कमेटी ने अपनी पहली बैठक में भोपाल में पहली रैली करने का ऐलान किया था. इस फैसले की जानकारी भी कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने दी थी. गठबंधन की कोआर्डिनेशन कमेटी की पहली बैठक दिल्ली में शरद पवार के घर पर 13 सितंबर को हुई थी. इंडिया गठबंधन की कई सहयोगी पार्टियों के नेताओं ने सुझाव दिया कि साझा रैली चुनावी राज्यों में न किया जाए. गठबंधन की कैंपेन कमेटी की मीटिंग में आम आदमी पार्टी से लेकर समाजवादी पार्टी तक का यही सुझाव था.
एमपी में समाजवादी पार्टी और आप ने भी कुछ सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े कर दिए हैं. ऐसे में कुछ सीटों पर इंडिया गठबंधन के घटक दलों में ही चुनावी लड़ाई तय है. जबकि वहां असली मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी में है. इसीलिए कांग्रेस को छोड़ कर बाकी पार्टियां चुनावी राज्यों में रैली न कराने के पक्ष में थी. कैंपेन कमेटी में फैसला नहीं हो पाया तो तीसरी बैठक रद्द कर दी गई. आखिरी फैसला कोआर्डिनेशन कमेटी पर छोड़ दिया गया. कमेटी ने भोपाल में पहली रैली करने का फैसला कर लिया.
जन आशीर्वाद के मुकाबले में जन आक्रोश यात्रा
एमपी में बीजेपी की जन आशीर्वाद यात्रा के मुकाबले में कांग्रेस जन आक्रोश यात्रा निकाल रही है. 19 सितंबर से शुरू होने वाली ये यात्रा राज्य की सभी 230 विधानसभा सीटों से होकर गुजरेगी. पार्टी के सात बड़े नेता सात जगहों से इस यात्रा का नेतृत्व करेंगे. एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ नहीं चाहते थे कि चुनावी गहमागहमी के बीच भोपाल में इंडिया गठबंधन की रैली हो.
कमलनाथ का पूरा फोकस राज्य के चुनाव पर
रैली में आने वाले सभी नेताओं के ठहरने वगैरह की व्यवस्था उन्हें करनी पड़ती. भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी भी उनकी थी. कमलनाथ इन दिनों अर्जुन की आंख की तरह सिर्फ विधानसभा चुनाव पर फोकस हैं. उन्होंने दिन रात एक कर रखा है. उनके एक करीबी नेता की मानें तो भोपाल में रैली करने के कारण उनका फोकस बंट जाता. चुनावी तैयारी के बदले रैली में अपना संसाधन लगाना वे उचित नहीं मानते हैं. इसीलिए कमलनाथ रैली के लिए तैयार नहीं हुए.