एक साल से पीएचई की लैब में नहीं हुई पानी की जांच, नपा ने सैंपल तक नहीं भेजे

एक साल से पीएचई की लैब में नहीं हुई पानी की जांच, नपा ने सैंपल तक नहीं भेजे

अनदेखी: शहर में तीन लाख की आबादी बिना टेस्टिंग के गंदा पानी पीने को मजबूर

भिण्ड. शहर में एक वर्ष पूर्व 6 सैंपल आए थे, जिसमें कुछ जगह की टंकियों का पानी गंदा पाया गया था। लैब केमिस्टि सपना ने बताया कि नगर पालिका द्वारा इस साल एक भी सैंपल जांच के लिए नहीं भेजे गए हैं। जिला अस्पताल से अवश्य सैंपल आया है, जिसकी जांच चल रही है। वहीं हर छह माह में पानी की जांच होना आवश्यक है। पानी की जांच को लेकर नपा सीएमओ ने गोलमोल जवाब दिया। उन्होंने पहले बताया कि जांच हुई थी, लेकिन यह नहीं बताया कि किस लैब में जांच कराई थी।

गोहद में गंदा पानी सप्लाई

गोहद नगर पालिका द्वारा बेसली डेम का सैंपल मार्च में जांच के लिए पीएचई लैब भिण्ड भेजा गया था। जांच के दौरान सैंपल फेल पाया गया है। क्योंकि पानी की टर्बिटी(मिट्टी की मात्रा) 7.1 एनटीयू मिली है, जबकि फिल्टर के शुद्ध पानी की टर्बिटी 5 एनटीयू तक होनी चाहिए। इसके अलावा पीएच वैल्यू 8.0 स्केल आई है। जबकि शुद्ध पानी का पीएच मान 7 होना चाहिए। रिपोर्ट के अनुसार पानी में क्लोरीन और एलम की मात्रा डालकर उसे शुद्ध करने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि शहर में ऐसा नहीं है।

शहर में तीन लाख की आबादी बिना टेस्टिंग के गंदा पानी पीने को मजबूर है। ग्राउंड वाटर के सैंपल पास होने के साथ ही नलों से सप्लाई होने वाला पानी इतना दूषित है कि लोग आए दिन नपा में शिकायत लेकर पहुंचते हैं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग(पीएचई) की प्रयोगशाला में पिछले एक साल से नपा ने पानी के सैंपल नहीं भेजे हैं। यही स्थिति अटेर क्षेत्र की है। पीएच मान, टर्बिटी सहित अन्य खनिज-लवण की संतुलित मात्रा पानी में कितनी है, यह जाने बिना ही लोगों को नलों से पानी दिया जा रहा है।

टंकियों की नहीं होती सफाई

शहर में 58 बोर के अलावा एक दर्जन टंकियों से पानी की सप्लाई हो रही है। शहर में बनी टंकियों की सफाई लंबे समय से नहीं हुई है। जिसके कारण टंकियों में काई जमा हो गई है। नपा द्वारा पानी में वैक्टीरिया नष्ट करने के लिए क्लोरीन का उपयोग नहीं किया जाता है। इधर वाटर ट्रीटमेंट के द्वारा टाटा कंपनी ने कनेक्शन चालू नहीं किए हैं। यही हालत फूप नगर की है। यहां लाइनें टूटी हैं, और घरों में गंदा पानी सप्लाई हो रहा है। वहीं पानी की जांच भी दो साल से नहीं कराई गई है।

फैक्ट फाइल

06 माह में होनी चाहिए पानी की जांच।

01 साल से नगर पालिका ने नहीं भेजे सैंपल।

06 सैंपल एक वर्ष पूर्व आए थे।

03 लाख की आबादी नलों से पी रही पानी।

1550 रुपए है प्रति सैंपल जांच का शुल्क।

जांच कराई जाती है

नपा ने सैंपल ही नहीं भेजे

हर छह माह में पानी की जांच होनी चाहिए। इस बार एक साल से नपा ने सैंपल नहीं भेजे हैं। हैंडपंपों से सीधे सैंपल लेकर जांच कर रहे हैं।

सपना, लैब कैमिस्ट पीएचई भिण्ड

 

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