केंद्र का दावा- आधार दुनिया की सबसे भरोसेमंद डिजिटल ID !

मूडीज की रिपोर्ट खारिज की; रेटिंग एजेंसी ने सुरक्षा-गोपनीयता पर सवाल उठाए थे …
मूडीज इन्‍वेस्‍टर्स सर्विस ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि भारत के गर्म और उमस भरे क्लाइमेट में आधार के बायोमेट्रिक सिस्टम पर भरोसा नहीं किया जा सकता।

भारत सरकार ने ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्‍वेस्‍टर्स सर्विस की रिपोर्ट को खारिज करते हुए आधार कार्ड को दुनिया का सबसे भरोसेमंद डिजिटल पहचान पत्र बताया है। मूडीज इन्‍वेस्‍टर्स ने 21 सितंबर को जारी की गई अपनी रिपोर्ट में आधार से जुड़ी लोगों की सुरक्षा और गोपनीयता पर चिंता जाहिर की थी।

रिपोर्ट में मनरेगा योजना का संदर्भ देते हुए कहा गया कि भारत के गर्म और उमस भरे क्लाइमेट में आधार के बायोमेट्रिक सिस्टम पर भरोसा नहीं किया जा सकता। कभी-कभी यह सही तरीके से काम नहीं करता। जिससे मजदूरों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और IT मंत्रालय ने सोमवार 25 सितंबर को प्रेस रिलीज जारी किया और मूडीज के दावे को आधारहीन बताया। सरकार ने कहा कि यह रिपोर्ट बिना किसी सबूत के आधार पर तैयार की गई है। भारत के 100 करोड़ से ज्यादा लोग इस पर भरोसा करते हैं।

इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स और IT मंत्रालय ने बताया कि रिपोर्ट में किसी तरह के डेटा या रिसर्च का हवाला नहीं दिया गया है।
इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स और IT मंत्रालय ने बताया कि रिपोर्ट में किसी तरह के डेटा या रिसर्च का हवाला नहीं दिया गया है।

कॉन्टैक्टलेस बायोमेट्रिक से आधार वेरिफिकेशन संभव
केंद्र ने बताया कि आधार सिस्टम में कॉन्टैक्टलेस बायोमेट्रिक से चेहरे और आंखों के जरिए वेरिफिकेशन किया जाता है। इसके अलावा यूजर्स अपने मोबाइल OTP से भी आधार वेरिफाई करवा सकते हैं। मूडीज की रिपोर्ट में इसका जिक्र नहीं है।

इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स और IT मंत्रालय के मुताबिक, मजदूरों को सीधे उनके बैंक अकाउंट में रुपए ट्रांसफर किए जाते हैं। मनरेगा के डेटाबेस में अपना आधार नंबर जोड़ने के लिए उन्हें बायोमेट्रिक्स देने की जरुरत नहीं है।

रिपोर्ट में आधार संख्या के आंकड़े गलत
इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स और IT मंत्रालय ने बताया कि मूडीज की रिपोर्ट में किसी तरह के डेटा या रिसर्च का हवाला नहीं दिया गया है। तथ्‍यों का पता लगाने का प्रयास भी नहीं किया गया। रिपोर्ट में एकमात्र संदर्भ यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) की वेबसाइट का है।

UIDAI की वेबसाइट पर अब तक जारी किए गए आधार की संख्या दी गई है, जबकि रिपोर्ट में इनकी संख्या 120 करोड़ बताई गई है। यह आंकड़ा गलत है।

मंत्रालय ने बताया कि पिछले 1 दशक में एक अरब से भी अधिक भारतीयों ने 100 अरब से ज्यादा बार आधार को अपने पहचान के रूप में प्रयोग कर आधार प्रणाली पर अपना भरोसा जताया है।इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) और विश्व बैंक जैसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने आधार कार्ड की सराहना की है। भारत की तर्ज पर दूसरे देश डिजिटल ID सिस्टम विकसित करने पर काम कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *