तीन नए कानूनों से भारत की न्याय प्रणाली नए युग में करेगी प्रवेश !
तीन नए कानूनों से भारत की न्याय प्रणाली नए युग में करेगी प्रवेश, बोले गृह मंत्री-वक्त पर होगा न्याय
गृहमंत्री शाह ने कहा कि पुराने कानूनों में बदलाव न होने के कारण अदालतों में मामलों का जमावड़ा देखना पड़ता था और हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली देरी के लिए बदनाम हो चुकी थी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि फोरेंसिक साइंस के उपयोग और आईपीसी, सीआरपीसी तथा एविडेंस कानून को बदलने वाले तीन नए कानूनों से देश की आपराधिक न्याय प्रणाली अमृतकाल में एक नए युग में प्रवेश कर रही है।
ये देश के हर नागरिक को सुरक्षा भी प्रदान करेंगे और आंतरिक सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि तकनीक का उपयोग किए बिना यह संभव ही नहीं है। गृहमंत्री शाह देहरादून में भारतीय अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) में 49वीं अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस (एआईपीएससी) के उद्घाटन पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पुराने कानूनों में बदलाव न होने के कारण अदालतों में मामलों का जमावड़ा देखना पड़ता था और हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली देरी के लिए बदनाम हो चुकी थी।
कानून व्यवस्था की स्थिति में काफी सुधार किया
अब इन तीन नए कानूनों के पारित होने के बाद देश की जनता को न्याय मिलने में होने वाली देरी से निजात मिल जाएगी। मजबूत आंतरिक सुरक्षा के बिना देश की प्रगति संभव नहीं है। शाह ने कहा कि देश की प्रगति के लिए पहली शर्त है कि कानून-व्यवस्था की स्थिति को मजबूत करना, मजबूत आंतरिक सुरक्षा और हमारी सीमाओं को सुरक्षित करना।
कोई भी देश मजबूत आंतरिक सुरक्षा और अपनी सीमाओं को सुरक्षित किए बिना प्रगति नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि पिछले नौ सालों में केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और पूर्वोत्तर में कानून व्यवस्था की स्थिति में काफी सुधार किया है।
आतंकवाद के खात्मे को पुलिस को और अधिक मजबूत करना जरूरी : उन्होंने देश से आतंकवाद के खात्मे के लिए पुलिस को और अधिक मजबूत बनाने पर जोर दिया। कहा, देश की कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सरकार बहुत से काम कर रही है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मध्य क्षेत्रीय परिषद के राज्यों से कहा कि बच्चों में कुपोषण और स्कूली बच्चों के पढ़ाई बीच में छोड़ने (ड्रॉपआउट) जैसी समस्याओं को प्राथमिकता से लें। कुपोषण समाप्त करने की जरूरत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि इस समस्या को पूरी संवेदनशीलता के साथ दूर करना हम सबकी जिम्मेदारी है।शाह ने शनिवार को उत्तराखंड में देहरादून के नरेंद्र नगर में मध्य क्षेत्रीय परिषद की 24वीं बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश के किसानों को समृद्ध बनाने के संकल्प को साकार करने की दिशा में उठाए गए महत्वपूर्ण कदम के तहत अब पूरे देश में किसानों से 100 फीसदी दलहन, तिलहन और मक्का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ खरीदेगा।
देश के हर गांव के पांच किमी में बैंकिंग सुविधा
प्रत्येक गांव के पांच किमी के दायरे में बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। केंद्र सरकार मोटा अनाज रागी के बराबर कोदा और कुटकी का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी घोषित करेगी। ये निर्णय परिषद की बैठक में लिए गए। शाह ने कहा कि इस फैसले से देशभर विशेषकर मध्य क्षेत्र परिषद के सदस्य राज्यों के करोड़ों किसानों को फायदा होगा।