MP में 93 MLA के खिलाफ क्रिमिनल केस !

MP में 93 MLA के खिलाफ क्रिमिनल केस:ADR की रिपोर्ट में खुलासा, 46 को दोबारा टिकट; इनमें 32 कांग्रेस, 13 भाजपा के

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और मध्यप्रदेश इलेक्शन वॉच ने बुधवार को रिपोर्ट जारी की है। 2018 में हुए विधानसभा चुनाव और उपचुनावों में कैंडिडेट्स की ओर से दिए गए शपथ पत्रों को इसका आधार बनाया है। रिपोर्ट में 230 विधायकों के वित्तीय, क्रिमिनल और अन्य जानकारियों का एनालिसिस किया गया है।

21 अक्टूबर से मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन शुरू होंगे। कांग्रेस ने पहली सूची में 144 प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। इसमें 69 विधायक शामिल है। वहीं भाजपा ने चार सूची में 136 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए हैं। इनमें 57 विधायक हैं। चुनाव आयोग ने कैंडिडेट्स को आपराधिक केस की जानकारी देना अनिवार्य किया है।

पहले जान लीजिए कि किन विधायकों पर क्या केस

हत्या के प्रयास, दंगा, मारपीट समेत गंभीर केस

विपिन वानखेड़े, अजब सिंह कुशवाह, सुरेंद्र नवल सिंह, महेश परमार, रामचंद्र दांगी, सुखदेव पांसे, विक्रम सिंह विक्की, पीसी शर्मा, रामबाई सिंह, जजपाल सिंह, संदीप श्री प्रसाद जायसवाल, जालम सिंह, लखन घनघोरिया, कमल पटेल, कुणाल चौधरी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, घनश्याम सिंह, बैजनाथ कुशवाह के नाम हैं।

इसी तरह प्रह्लाद लोधी, सुनीता पटेल, दिलीप गुर्जर, फुंदेलाल मार्को, मुरली मोरवाल, राम दांगोरे, पारस जैन, संजीव सिंह संजू, विनय सक्सेना, इंदर सिंह परमार, पांचीलाल मेड़ा, विजय राघवेंद्र सिंह, विक्रम सिंह नातीराजा, नर्मदा प्रसाद प्रजापति, राज्यवर्धन सिंह, प्रताप ग्रेवाल, आरिफ मसूद, डॉ. मोहन यादव, बाबूलाल जंडेल, उषा ठाकुर, महेंद्र सिंह सिसोदिया, ओपीएस भदौरिया, सुरेंद्र पटवा, संजय यादव, राकेश गिरी, सुनील उइके, बीरेंद्र रघुवंशी, सिद्धार्थ कुशवाहा डब्बू, आकाश विजयवर्गीय, सोहनलाल वाल्मीकि, कांतिलाल भूरिया और जयवर्धन सिंह के विरुद्ध भी क्रिमिनल केस हैं।

साथ ही, प्रदीप लारिया, शैलेंद्र जैन, प्रदीप कुमार पटेल, राजेंद्र शुक्ला, संजय पाठक, तरुण भनोत, गौरीशंकर बिसेन, ओम प्रकाश सकलेचा, रामेश्वर शर्मा, हरिशंकर खटीक, सुरेंद्र सिंह बघेल, हर्ष यादव, प्रणय प्रभात पांडेय, डॉ. अशोक मर्सकोले, रामखेलावन पटेल, कमलेश्वर पटेल, संजय शर्मा, हीरालाल अलावा, मेवाराम जाटव, सुरेश राजे के खिलाफ भी केस दर्ज हैं।

आपराधिक छवि वाले इन विधायकों को दोबारा मौका

कांग्रेस के इन 32 MLA को दोबारा टिकट

कांग्रेस के पांचीलाल मेड़ा और जीतू पटवारी को दोबारा टिकट दिया गया है। इनके खिलाफ भी केस दर्ज है।
कांग्रेस के पांचीलाल मेड़ा और जीतू पटवारी को दोबारा टिकट दिया गया है। इनके खिलाफ भी केस दर्ज है।

सुखदेव पांसे, जीतू पटवारी, लखन घनघोरिया, कुणाल चौधरी, घनश्याम सिंह, बैजनाथ कुशवाह, दिलीप गुर्जर, फुंदेलाल मार्को, विनय सक्सेना, निलय डागा, तरुण भनोत, सुरेंद्र सिंह बघेल, विशाल पटेल, कमलेश्वर पटेल, अर्जुन काकोड़िया, संजय शर्मा, बाला बच्चन, पांचीलाल मेड़ा, विक्रम सिंह नाती राजा, विजय राघवेंद्र सिंह, प्रताप ग्रेवाल, आरिफ मसूद, संजय यादव, सिद्धार्थ कुशवाहा, विपिन वानखेड़े, प्रागीलाल जाटव, सुरेश राजे, गोपाल सिंह चौहान, जयवर्धन सिंह, हर्ष यादव, बाबूलाल जंडेल, महेश परमार।

भाजपा: 8 विधायकों को भी टिकट

विक्रम सिंह विक्की, संदीप श्री जायसवाल, प्रदीप लारिया, शैलेंद्र जैन, प्रदीप पटेल, संजय पाठक, दिनेश राय, रामेश्वर शर्मा

 

पार्टी भी बदल चुके हैं 24 विधायक

रिपोर्ट के मुताबिक 2018 के चुनाव के बाद 24 विधायकों ने पार्टी बदली है। 13 अक्टूबर 2023 की स्थिति में ऐसे 22 विधायकों के नाम अंबाह से कमलेश जाटव, अनूपपुर से बिसाहूलाल सिंह, अशोकनगर से जजपाल सिंह, बदनावर से राजवर्धन सिंह, बमोरी से महेंद्र सिंह सिसोदिया, भांडेर के रक्षा संतराम सिरोनिया, ग्वालियर से प्रद्युम्न सिंह तोमर, हाटपिपल्या से मनोज चौधरी, मेहगांव से ओपीएस भदौरिया, मुंगावली से बृजेन्द्र सिंह यादव शामिल हैं।

2020 में गोविंद सिंह राजपूत और तुलसीराम सिलावट ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे।
2020 में गोविंद सिंह राजपूत और तुलसीराम सिलावट ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे।

इनके साथ ही पोहरी से सुरेश धाकड़, सांची से प्रभुराम चौधरी, सांवेर से तुलसी राम सिलावट, सुरखी से गोविंद सिंह राजपूत, सुवासरा से हरदीप सिंह डंग, मलहरा से कुंवर प्रद्युम्न सिंह, मांधाता से नारायण सिंह पटेल, नेपानगर से सुमित्रा देवी कास्डेकर, भिंड से संजीव सिंह संजू, बिजावर से राजेश कुमार, कोलारस से बीरेंद्र सिंह, सुसनेर से राणा विक्रम सिंह शामिल हैं। इनमें दो विधायकों बीरेंद्र सिंह और राणा विक्रम ने हाल में पार्टी बदली है। बाकी उपचुनाव और इसके एक साल बाद दल बदल चुके हैं। पिछले 48 घंटे के अंतराल में विधायक नारायण त्रिपाठी और केदारनाथ शुक्ला भी बीजेपी छोड़ चुके हैं।

81 फीसदी विधायक करोड़पति

कुल 230 में से 186 (81 %) विधायक करोड़पति हैं। इसमें बीजेपी के 129 में से 107 (83 %), कांग्रेस के 96 में से 76 (78 %) और तीन निर्दलीय विधायक करोड़पति हैं। इनकी घोषित संपत्ति एक करोड़ रुपए से ज्यादा है। इसमें बीजेपी के विधायकों की औसत संपत्ति 9.89 करोड़, कांग्रेस के एमएलए की औसत संपत्ति 11.98 करोड़ है।

टाॅप 10 करोड़पति विधायक

अधिकतम संपत्ति वाले विधायकों में संजय सत्येंद्र पाठक का नाम सबसे ऊपर है। इन्होंने अपनी संपत्ति 226 करोड़ बताई है। इसके बाद चैतन्य काश्यप का नाम है, जिनकी प्रॉपर्टी 204 करोड़ है। तीसरे स्थान पर संजय शुक्ला ने 139 करोड़ की संपत्ति बताई है। इनके अलावा, संजय शर्मा 134 करोड़, निलय डागा 127 करोड़, कमलनाथ 124.85 करोड़, केपी सिंह 73.76 करोड़, विशाल पटेल 69 करोड़, सुदेश राय 67.51 करोड़ और दिव्यराज सिंह की संपत्ति 62.28 करोड़ है।

एडीआर की रिपोर्ट में सत्येंद्र पाठक और संजय शुक्ला सबसे अमीर लोगों की सूची में शामिल हैं।
एडीआर की रिपोर्ट में सत्येंद्र पाठक और संजय शुक्ला सबसे अमीर लोगों की सूची में शामिल हैं।

सबसे कम आय वाले MLA

सबसे कम संपत्ति वाले विधायकों में राम दांगोरे 50,749 रुपए, उषा ठाकुर 7.35 लाख, शरद कोल के पास 8.40 लाख की संपत्ति है। इनके अलावा, मनोज चावला 10.78 लाख, हीरालाल अलावा 10.99 लाख, सीताराम 11.75 लाख, कल्पना वर्मा 14.06 लाख, उमाकांत शर्मा 16.44 लाख, विपिन वानखेड़े 20.79 लाख और प्रह्लाद लोधी की संपत्ति 21.15 लाख है।

आईटीआर में घोषित की ज्यादा इनकम

आयकर विभाग के समक्ष सबसे ज्यादा वार्षिक आय घोषित करने वालों में भूपेंद्र सिंह 97 लाख, संजय पाठक 86 लाख और कमलनाथ 1.38 करोड़ के नाम शामिल हैं। साथ ही संजय शुक्ला 1.81 करोड़, संजय शर्मा 50.83 लाख, आलोक चतुर्वेदी 1.38 करोड़, लखन घनघोरिया 6.96 लाख, बीरेंद्र रघुवंशी 66 लाख, चेतन्य काश्यप 40 लाख और कुंवर विजय शाह 74.75 लाख के नाम भी शामिल हैं।

10 विधायकों पर सबसे ज्यादा कर्ज

सबसे अधिक कर्जदार विधायकों में निलय डागा 127 करोड़, संजय पाठक 52 करोड़ और संजय शुक्ला 46 करोड़ के नाम शामिल हैं। इसके अलावा, सुरेंद्र पटवा 36.31 करोड़, संजय शर्मा 30.12 करोड़, भूपेंद्र सिंह 19.86 करोड़, जीतेंद्र पटवारी 9.99 करोड़, मोहन यादव 8.10 करोड़, दिव्यराज सिंह 6.17 करो़ड़ और सुदेश राय 6.02 करोड़ के नाम हैं।

33 प्रतिशत विधायक 12वीं तक पढ़े

रिपोर्ट के मुताबिक कुल विधायकों में से 62 यानी 33 प्रतिशत ने शैक्षणिक योग्यता पांचवी से 12वीं तक घोषित की है। इसके अलावा, 158 यानी 64 प्रतिशत ने खुद को स्नातक और इससे ज्यादा पढ़ा लिखा बताया है। चार एमएलए ने डिप्लोमा धारक, पांच विधायकों ने खुद को साक्षर और एक ने अनपढ़ बताया है।

40 साल से लेकर 80 साल तक के विधायक

कुल विधायकों में 90 यानी 42 प्रतिशत ने अपनी उम्र 25 से 40 साल बताई है, जबकि 158 (64 %) ने अपनी उम्र 51 से 80 साल बताई है। विधानसभा में कुल 20 महिलाएं हैं, जो 9 प्रतिशत है।

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