जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली, 47वें CJI बनें

नई दिल्ली: जस्टिस शरद अरविंद बोबडे (Sharad arvind bobde) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के 47वें चीफ़ जस्टिस (CJI) के रूप में शपथ ली, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) ने उन्हें शपथ दिलाई. चीफ़ जस्टिस के तौर पर जस्टिस बोबडे का कार्यकाल करीब 17 महीने का होगा, वह 23 अप्रैल 2021 को सेवानिवृत्त होंगे.

चीफ़ जस्टिस बोबडे का जन्म 24 अप्रैल 1956 को नागपुर में हुआ, उनके पिता नामी वकील थे. उन्होंने नागपुर यूनिवर्सिटी से कला एवं कानून में स्नातक किया. 1978 में महाराष्ट्र बार काउंसिल में उन्होंने अपना रजिस्ट्रेशन कराया और हाईकोर्ट की नागपुर पीठ में 21 साल तक अपनी सेवाएं देने के बाद जस्टिस बोबडे ने मार्च 2000 में बॉम्बे हाईकोर्ट के जज बने, 16 अक्तूबर 2012 को वह मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और फिर 12 अप्रैल 2013 को सुप्रीम कोर्ट के जज बने.

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Delhi: Justice Sharad Arvind Bobde takes oath as the 47th Chief Justice of India. He succeeds Justice Ranjan Gogoi.

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जस्टिस बोबडे देश के सबसे बड़े अयोध्या विवाद का फैसला सुनाने वाली पांच जजों की बेंच का हिस्सा रहे, इसके अलावा जस्टिस बोबडे और भी कई महत्वपूर्ण मामलों पर फैसला देने वाली पीठ का हिस्सा रह चुके हैं. अगस्त, 2017 में तत्कालीन चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली नौ सदस्यीय संविधान पीठ का हिस्सा रहे, जस्टिस बोबडे ने निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार करार दिया था.

वह 2015 में उस तीन सदस्यीय पीठ में शामिल थे, जिसने स्पष्ट किया कि भारत के किसी भी नागरिक को आधार संख्या के अभाव में मूल सेवाओं और सरकारी सेवाओं से वंचित नहीं किया जा सकता. हाल ही में उनकी अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने बीसीसीआई का प्रशासन देखने के लिए पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक विनोद राय की अध्यक्षता में बनाई गई प्रशासकों की समिति को निर्देश दिया कि वे निर्वाचित सदस्यों के लिए कार्यभार छोड़ें.

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