मध्य प्रदेश विधानसभा में सबसे मुखर भाजपाई !
यह जानकारी एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) की विधानसभा में विधायकों की प्रदर्शन रिपोर्ट में सामने आई है।
यह जानकारी एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) की विधानसभा में विधायकों की प्रदर्शन रिपोर्ट में सामने आई है …
- एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म्स की विधायकों के प्रदर्शन पर रिपोर्ट
- सदन में उपस्थिति के मामले में बसपा सबसे आगे और कांग्रेस सर्वाधिक पीछे नंबर गेम
- 140 विधेयक सदन में पेश किए गए 127 विधेयक पास हुए
भोपाल। आमतौर पर सदन में विपक्षी दल सत्ता पक्ष को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ता, पर जब बात प्रश्न पूछने की आती है तो इसमें सत्ता पक्ष वाले भाजपाई ही सबसे ज्यादा मुखर हैं। 15 वीं विधानसभा में सर्वाधिक प्रश्न पूछने वाले शीर्ष पांच विधायकों में चार भाजपा और एक कांग्रेस के हैं। भाजपा के रामपाल सिंह ने 390, यशपाल सिंह सिसोदिया ने 387, उमाकांत शर्मा ने 381, राजेंद्र पांडेय ने 377 प्रश्न पूछे।
प्रति सदस्य 132 प्रश्न के साथ कांग्रेस दूसरे, सपा (प्रति सदस्य 101) तीसरे स्थान पर रही। कांग्रेस के एक सदस्य ने औसतन 93 प्रश्न किए। बता दें कि 15वीं विधानसभा में लगभग 15 माह कांग्रेस की सरकार रही। सदन में कुल 140 विधेयक पेश किए गए, जिसमें 127 (91 प्रतिशत) पास हुए।
विधानसभा में उपस्थिति के मामले में भी बसपा सबसे अच्छी और कांग्रेस सबसे खराब स्थिति में है। बसपा विधायकों की औसत उपस्थिति 65 दिन, सपा की 65, भाजपा की 130 और कांग्रेस की 127 दिन रही। सर्वाधिक उपस्थिति भाजपा विधायक रामपाल सिंह और यशपाल सिसोदिया की (96 प्रतिशत) रही।
नगरीय विकास विभाग के सर्वाधिक प्रश्न पिछले लगभग पांच वर्ष में सबसे ज्यादा 2205 प्रश्न नगरीय विकास एवं आवास विभाग के पूछे गए। इसके बाद 2056 प्रश्न पंचायत एवं ग्रामीण विकास, 1997 राजस्व, 1769 स्कूल शिक्षा और 1676 लोक निर्माण विभाग के पूछे गए।