एमपी-छत्तीसगढ़ में बागी बिगाड़ न दे खेल ?
एमपी-छत्तीसगढ़ में बागी बिगाड़ न दे खेल, कांग्रेस और बीजेपी को करनी पड़ रही मशक्कत?
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन का दौर खत्म हो गया. कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों को अपने बागी नेताओं से जूझना पड़ा रहा है और अब उनके मान-मनौव्वल के लिए दिग्गज नेताओं को मशक्कत करनी पड़ रही है. यहां जिस तरह से कांटे का मुकाबला दिख रहा है, उसके चलते कई सीटों पर बागी नेताओं के उतरने से चिंता बढ़ गई है.
राजनीतिक दलों को भितरगात की आशंका
बीजेपी को भी अपने ही नेताओं से जूझना पड़ रहा है, जो टिकट न मिलने के चलते निर्दलीय या फिर दूसरी अन्य पार्टियों से चुनावी मैदान में उतरे हैं या फिर भितरगात करने के लिए मन बनाए बैठे हैं. ऐसे में बीजेपी में बागी नेताओं को मनाने का मोर्चा सीएम शिवराज सिंह चौहान, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, पार्टी के प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा और कैलाश विजयवर्गीय जैसे दिग्गजों ने संभाल रखा है. इसके बावजूद कई सीटों पर अभी भी कांग्रेस और बीजेपी दोनों को बागी नेताओं से खतरा बना हुआ है.
जोबट सीट पर कांग्रेस के बागी सुरपाल सिंह निर्दलीय मैदान में उतरे हैं, जो नामांकन अपना वापस नहीं लेते हैं तो कांग्रेस के लिए चिंता बढ़ सकती है. सुमावली सीट से कांग्रेस से टिकट नहीं मिला तो कुलदीप सिंह सिकरवार बसपा से चुनावी मैदान में कूद गए हैं. बड़नगर सीट से कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया तो मोहन सिंह फलदूना निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गए हैं. इसी तरह से भोपाल की उत्तर सीट से नासिर इस्लाम निर्दलीय मैदान में है, जो 2008 में महज ढाई हजार वोटों से चुनाव हार गए थे. इसके अलावा भोपाल उत्तर में कांग्रेस के घोषित प्रत्याशी आतिफ अकील के चाचा आमिर अकील ने नामांकन भरा रखा है. विधायक आरिफ अकील और प्रत्याशी आतिफ अब आमिर को मनाने में जुटे हैं।
बुरहानपुर सीट पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टी के बागी नेता मैदान में उतर गए हैं. बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार चौहान के बेटे हर्षवर्धन सिंह ने निर्दलीय मैदान में है तो कांग्रेस से भी नफीस मंशा खान AIMIM से टिकट लेकर मैदान में उतरे है. रीवा से जिले की मनगवां विधानसभा से विधायक पंचूलाल प्रजापति की पत्नी पूर्व विधायक पन्नाबाई ने निर्दलीय मैदान में उतरे हैं. हुजूर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी नरेश ज्ञानचंदानी के विरोध में पूर्व विधायक जितेंद्र डागा निर्दलीय मैदान में है.
यहां बसपा के नेता दे रहे हैं टेशन
गुना के चाचौड़ा सीट से बीजेपी की पूर्व विधायक ममता मीणा बगावत कर आम आदमी पार्टी से चुनाव मैदान में उतरी हैं. जबलपुर में भी बीजेपी नेता कमलेश अग्रवाल पार्टी प्रत्याशी के विरोध में निर्दलीय पर्चा भर रखा है. सतना में बीजेपी नेता रत्नाकर चतुर्वेदी ने बगावत कर बसपा से टिकट लेकर उतरे हैं. भिंड जिले से बीजेपी के पूर्व विधायक रसालसिंह बागी होकर निर्दलीय उतरे हैं. मुरैना सीट पर बीजेपी ने पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह के बेटे राकेश रुस्तम सिंह को टिकट नहीं दिया तो वो बीएसपी के हाथी पर सवार हैं.
नागौद सीट पर पूर्व विधायक यादवेंद्र सिंह ने कांग्रेस से बगावत कर बसपा से टिकट लेकर चुनाव में उतर चुके हैं. बिजावर में बीजेपी से पूर्व विधायक रेखा यादव अब सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही है. इसी तरह अटेर से पूर्व विधायक मुन्ना भदौरिया निर्दलीय मैदान में कूद गए हैं. सेमरिया सीट पर बीजेपी ने पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी को टिकट नहीं दिया तो वो निर्दलीय उतर गए हैं. इस तरह से छत्तीसगढ़ में रायपुर उत्तर सीट पर कांग्रेस ने अजीत कुकरेजा को टिकट नहीं दिया तो उन्होंने निर्दलीय ताल ठोक दी है.