मध्य प्रदेश: मायावती की एक विधायक ने कांग्रेस के ‘चाणक्य’ को कर रखा है नाक में दम
भोपाल: मौजूदा दौर में मध्य प्रदेश की राजनीति में अगर कांग्रेस के चाणक्य की बात की जाए तो बस एक ही नाम जेहन में आता है, वह है मुख्यमंत्री कमलनाथ). इस नेता ने पार्टी के युवा और अनुभवी नेताओं को एक मंच पर लाकर 15 साल पुरानी बीजेपी सरकार को राज्य से हटाया है. हालांकि मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के एक विधायक के सामने कांग्रेस (Congress) के चाणक्य बेबस नजर आ रहे हैं. मध्यप्रदेश में कमलनाथ (Kamal nath) सरकार को समर्थन दे रही बीएसपी की विधायक रामबाई सरकार की किरकिरी कराने में लगी हैं. एक तो उनके बयान मुसीबत पैदा कर देते हैं, दूसरी ओर उनकी कार्यशैली सरकार को कटघरे में खड़ा कर देती है.
BSP विधायक ने कर दी थी कर्मचारियों की पिटाई
राज्य में सत्ता बदले सात माह बीत गए हैं. इस दौरान दमोह जिले से बसपा विधायक रामबाई अपने बयानों और कार्यशैली के कारण सबसे ज्यादा सुर्खियों में रही हैं. उन्होंने दिसंबर और जनवरी में आक्रामक रुख अपनाया और कई कर्मचारियों की पिटाई तक कर दी. जब उनका मंत्री बनने का मोह जागा तब उन्होंने कई अटपटे बयान दे डाले.
राजनीति छोड़ने की धमकी दे चुकी हैं BSP विधायक
पिछले दिनों रामबाई ने अपने परिवार को हत्याकांड में फंसाए जाने का मामला उठाते हुए कहा कि जब उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है तो किसे न्याय मिल रहा होगा? इतना ही नहीं, वे अपने पति गोविंद को लेकर विधानसभा परिसर में पहुंच गईं. इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सरकार पर जमकर हमला बोला.
रामबाई का कहना है कि उनके पति पर आरोप साबित हो जाए तो वह राजनीति छोड़ देंगी. साथ ही मीडिया पर भी वह अपना भड़ास निकाल रही हैं.
BSP विधायक की हरकत से सरकार की हो रही किरकिरी
कांग्रेस (Congress) नेता देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड में पथरिया से बसपा विधायक रामबाई के पति गोविद सिह को नामजद किया गया था. उसके बाद दमोह पुलिस ने गोविंद पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था. बाद में इनाम को निरस्त किया और चौरसिया हत्याकांड के आरोपपत्र से उनका नाम ही हटा दिया. पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह कहना है कि इस मामले की जांच की जा रही है.राजनीतिक विश्लेषक गिरिजा शंकर का कहना है कि रामबाई की कार्यशैली से सरकार की किरकिरी हो रही है. सरकार हमेशा कहती है कि कानून अपना काम करेगा, लिहाजा रामबाई के पति के मामले में भी यही होना चाहिए, तभी सरकार की कथनी और करनी एक जैसी नजर आएगी.
एमपी में गठबंधन की सरकार चला रहे हैं कमलनाथ (Kamal nath)
ज्ञात हो कि राज्य में कमलनाथ (Kamal nath) की सरकार अल्पमत वाली है, क्योंकि राज्य विधानसभा के 230 सदस्यों में से कांग्रेस (Congress) के 114 सदस्य हैं. बसपा के दो, सपा का एक और चार निर्दलीय विधायकों के समर्थन से यह सरकार चल रही है. बाहर से समर्थन देने वाले सभी विधायक मंत्री बनना चाहते हैं. रामबाई भी मंत्री बनने को आतुर हैं. लिहाजा, वह सरकार पर तो हमला बोलती रहती हैं, मगर मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal nath) की प्रशंसा करती हैं.