डॉक्टरों को अब नहीं पड़ेगी दसवीं की अंकसूची की जरूरत

री रजिस्ट्रेशन के लिए नौ में से सिर्फ 2 दस्तावेजों को ही करना होगा अपलोड

भोपाल. मध्यप्रदेश में अब डॉक्टरों को री रजिस्ट्रेशन के लिए 10वीं की अंकसूची की जरूरत नहीं होगी। री रजिस्ट्रेशन के लिए डॉक्टरों को अब सिर्फ एमबीबीएस और पीजी की डिग्री ही अपलोड करना होगी। मालूम हो कि मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल ने डॉक्टरों के री रजिस्ट्रेशन के लिए निर्देश जारी किया था, जिसमें री रजिस्ट्रेशन के लिए डॉक्टरों की 10वीं 11वीं 12वीं की अंकसूची सहित कुल 9 दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड करने के लिए कहा गया था। इसे काउंसिल द्वारा शुद्धिकरण नाम दिया गया था।

डॉक्टरों ने री रजिस्ट्रेशन के लिए 10वीं की मार्कशीट की अनिवार्यता का विरोध जताया था। डॉक्टरों का कहना था कि कई चिकित्सक ऐसे है जिन्होंने 30 से 35 साल पहले दसवीं की परीक्षा पास की थी, ऐसे में उनके पास मार्कशीट हो यह संभव नहीं नहीं है। पत्रिका ने भी इस मुद्दे को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। खबर प्रकाशित होने के बाद मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल ने नियमों को शिथिल करते हुए अब री रजिस्ट्रेशन के लिए 9 में से दो दस्तावेजों को अनिवार्य किया है। बाकी अन्य दस्तावेजों को वैकल्पिक दस्तावेजों की सूची में शामिल कर लिया।

15 अप्रेल तक री रजिस्ट्रेशन
सिर्फ 10वीं की अंकसूची ही नहीं मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल ने री रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख में भी बदलाव किया है। डॉक्टर अपना रीरजिस्ट्रेशन 15 अप्रेल तक कर सकते हैं।

एरियर न मिलने पर हड़ताल
सातवें वेतनमान का एरियर न मिलने से नाराज गांधी मेडिकल कॉलेज के 300 से ज्यादा डॉक्टर 2 दिन से आंदोलन कर रहे हैं। गुरुवार को ओपीडी में दोपहर 12:00 बजे से 1:00 बजे तक काम बंद कर हड़ताल की। इस दौरान न तो ओपीडी में मरीज देखे गए न ही ऑपरेशन किए गए।

इससे पहले बुधवार को डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर डीन ऑफिस के सामने धरना प्रदर्शन भी किया था। डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाती वह काम बंद हड़ताल में रोजाना एक घंटे की बढ़ोतरी करते जाएंगे। मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन भोपाल के अध्यक्ष राकेश मालवीय ने बताया कि करीब एक माह पहले ही शासन को पत्र लिखकर सातवें वेतनमान का एरियर न मिलने और उसे जल्द उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था।

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