सांप का जहर का नशा कर रहे हैं लोग  !

क्यों सांप के जहर को माना जाता है सबसे स्ट्रॉन्ग नशा, सप्लाई करना कितना बड़ा अपराध, क्या कहता है कानून?
6 नवंबर को पुलिस ने जिन 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था उनके कब्जे से 20 मिलीलीटर जहर और कोबरा, अजगर, दोमुंहे सांप भी बरामद हुए थे.  
 बिग बॉस ओटीटी-2 में आया एक 26 साल का लड़का रातो रात इंटरनेट सेंसेशन बन गया. इस शो में एल्विश को लोगों ने इतना पसंद किया कि आज शायद ही कोई होगा जो इस नाम को नहीं पहचानता होगा. एल्विश हर दूसरे दिन किसी न किसी वजह से सोशल मीडिया पर ट्रेंड भी करते रहते हैं. 

पिछले दो तीन दिनों से भी वह ट्रेंड पर ही हैं लेकिन इस बार वजह उनके फैंस नहीं बल्कि उन पर दर्ज एफआईआर है. दरअसल एल्विश यादव पर आरोप है कि वह गैंग के साथ रेव पार्टियों में सांप के जहर की सप्लाई करते थे.  

पुलिस ने 6 नवंबर को इस मामले में 5 आरोपियों को पकड़ा था. एल्विश पर भी एफआईआर दर्ज हुई, पूछताछ भी की गई, लेकिन वापस छोड़ दिया गया. 6 नवंबर को पुलिस ने जिन 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था उनके कब्जे से 20 मिली लीटर जहर और कोबरा, अजगर, दोमुंहे सांप भी बरामद हुए थे.  

हालांकि ये पहली बार नहीं जब किसी रेव पार्टी में सांप के जहर का नशा करने की खबर सुनी गई हो. पिछले कुछ सालों में ऐसी कई रिपोर्ट सामने आई हैं जिसमें बताया गया है कि दिल्ली की रेव पार्टियों में सांप के जहर की मांग बढ़ती जा रही है. 

कुछ दिन पहले ही द संडे गार्डियन की एक रिपोर्ट सामने आई थी जिसमें कहा गया था कि दिल्ली की रेव पार्टियों में सांप के जहर से बनी गोलियां या फिर सीधे सांप से कटवाकर नशा करने का चलन तेजी से बढ़ रहा है.

ऐसे में एक सवाल ये उठता है कि आखिर सांप का जहर, जिससे लोगों की जान चली जाती है, उससे कोई नशा कैसे कर सकता है. इस रिपोर्ट में जानते हैं कि क्या वाकई सांप के जहर नशीला होता है?

इस सवाल के जवाब में एपिडेमियोलॉजी विशेषज्ञ डॉक्टर प्रवेश पाठक कहते हैं कि हर सांप जहरीला नहीं होता. कई ऐसे सांप भी हैं जिसमें जहर तो नहीं है लेकिन उनके काटने से इंसान कुछ समय तक अचेत हो जाता है. ड्रग्स का काम भी कुछ ऐसा ही है, ऐसे में ड्रग्स लेने वाले लोग सर्प डंस को बहुत पसंद करते हैं.

उन्होंने आगे कहा कि भले ही सांप का जहर नशीले पदार्थ का काम करता हो लेकिन इसका जहर मिलना इतना आसान नहीं मिलता. यही कारण है कि लोग सीधे तौर पर सांप से कटवाने के लिए भी तैयार हो जाते हैं. उन्हें लगता है कि ऐसा करने से उनकी शक्ति बढ़ गई है.

सर्प दंश के नशे के बारे में भी जान लीजिए 

टाइप-1 

इंडियन जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी एंड फार्माकोलॉजी ने अपने एक स्टडी में शराब का नशा और सांप के नशे में फर्क समझाते हुए 19 साल के लड़के केअनुभव को प्रकाशित किया था. इस रिपोर्ट के अनुसार नशे की लत के कारण 19 साल का वह लड़का हर दिन लगभग 20 सिगरेट पीता था. 

सिगरेट से ज्यादा स्ट्रॉग नशा करने के चक्कर में उस लड़के ने शराब के साथ कोकेन, गांजा और अफीम भी लेना शुरू कर दिया. एक दिन उसके दोस्तों ने उस सांप के जहर से होने वाले नशे के बारे में बताया. पहले तो उसे लगा कि जहर से वह मर सकता है लेकिन जब उसे यकीन दिला दिया गया कि ऐसा कुछ नहीं होगा तो उसने खुद को सांप से डसवाने का तय किया. 

19 साल के उस लड़ने ने पहली बार गांजा फूंकने के बाद अपनी जीभ पर सांप से कटवाया. सांप के काटने के 3 से 4 मिनट बाद ही वह बेहोश हो गया. लेकिन, कुछ घंटों बाद जब उसे होश आया तो वह आधी नींद में था. लड़के के अनुसार जब वह बेहोश था उस वक्त उसका एक्साइटमेंट चरम पर था. उसे लग रहा था मानों वह हवा में है. वहीं सांप से डसवाने के 7 दिन बाद वो पूरी तरह नॉर्मल हुआ और इसके बाद उसने कई बार खुद को सांप से डसवाया.

लड़के के माता-पिता को इस बात की जानकारी मिलने के बाद वह उसे अस्पताल ले गए. जहां डॉक्टर ने जांच की तो उसे पता चला कि उसके मांसपेशी में सांप के काटने से किसी तरह का कोई घाव तक नहीं था. इतना ही नहीं उसका शरीर भी पूरी तरह नॉर्मल था.

स्टडी 2

एक और स्टडी के अनुसार 33 साल का व्यक्ति पिछले 15 सालों से लगातार नशा कर रहा था. उसने 18 साल की छोटी उम्र से ही सिगरेट और शराब पीना शुरू कर दिया था. 24 साल की उम्र तक वह पूरी तरह शराब और तंबाकू के नशे में डूब चुका था और 25 साल में कच्ची अफीम जैसे ओपिऑयड लेना शुरू कर दिया. 

लगातार नशा करने के कारण एक ऐसा वक्त आया जब वो कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं से जूझने लगा. उसे फैटी लीवर की दिक्कतें शुरू हो गईं. इलाज कराने के कुछ महीने पहले अपने ही दोस्तों के जरिए उसने सांप के जहर को भी आजमाया. 

33 साल के उस व्यक्ति का कहना था उसके लिए ये सबसे ज्यादा सस्ता विकल्प था. उसने बताया कि शुरू में उसने खानाबदोश सपेरों की मदद से जीभ की नोक पर सांप से कटवाया. सांप के काटते ही उसके शरीर को झटका लगा. आंखों में धुंधलापन आ गया. कुछ भी साफ दिखना बंद हो गया. करीब एक घंटे के लिए वह ब्लैकआउट जैसी स्थिति में रहा.

लेकिन जब वह जागा तो उसे तेज उत्तेजना महसूस हुई. बीमार शरीर को बेहतर महसूस होने लगा. उसके अनुसार सांप के कटवाने के 3-4 हफ्ते बाद ही उसने बेहतर महसूस करना शुरू कर दिया. 33 साल के उस व्यक्ति के अनुसार सांप का जहर लेने के बाद लगभग 3-4 हफ्तों तक उसे शराब और ओपिऑयड की कोई इच्छा नहीं हुई. लेकिन 3-4 सप्ताह बाद, जहर का असर खत्म होने के साथ ही उसे एक बार फिर नशीली दवा लेने की लालसा होने लगी.

कैसे सांप से कटवाया जाता है 

नशा करने वाले जिन सांपों से खुद का कटवाते हैं उनमें कोबरा, करैत या पेड़ों पर दिखने वाले हरे रंग के सांप होते है. इलाज केंद्र पर आने वाले नशे के आदी लोगों के अनुसार कई ऐसे अड्डे हैं, जहां सिर्फ सांपो को पाला जाता है, बल्कि हल्के मध्यम और गंभीर दंश के जरिए नशा भी दिया जाता है. सांप से कटवाने के लिए उसके सिर पर हल्के औजार या किसी यंत्र से थपकी दी जाती है. फिर सांप की जीभ को कटवाने वाली जगह रखते हैं और वह डंक मार देता है.  इसे इस तरह कंट्रोल किया जाता है कि चुभन सी महसूस होती है

सांप के जहर से क्यों नहीं मरते लोग 

डॉक्टर प्रवेश पाठक इस सवाल के जवाब में कहते हैं कि सीधे इंसानी खून में किसी सांप का जहर पहुंचना खतरनाक होता है. इससे किसी की जान भी जा सकती है. लेकिन कोई व्यक्ति इस जहर को सीधा पी रहा है और उसका मुंह कहीं से कटा हुआ नहीं है, तो वह सीधे पेट में जाता है और डाइजेस्ट हो जाता है. धीरे धीरे पेशाब के रास्ते निकल जाता है. 

हालांकि इसमें भी जहर लेने वाले ध्यान रखने की जरूरत है कि उसके मुह में किसी तरह का छाला या कटा हुआ न हो. ऐसे में जहर का संपर्क उसके खून से हो सकता है और जान भी जा सकती है.                                                                                                                                                                                                                                                  

   सांप का जहर सप्लाई करने पर क्या है कानून

भारतीय संविधान के वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 में पौधों के अलग अलग प्रजातियों और जंगली जानवरों से बने उत्पादों के व्यापार के विनियमन एवं नियंत्रण के लिए नियम बनाए गए हैं.

वकील अनिल कुमार ने एबीपी से बातचीत करते हुए बताया कि किसी भी जंगली जानवर को रखना, उसका किसी तरह से इस्तेमाल करना…वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के सेक्शन 49 और सेक्शन 49 B के तहत एक आपराध माना गया है. ऐसे में कानून का उल्लंघन करने वाले को तीन से सात साल तक की सजा का प्रवधान है.

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