आप कह रहे विकास हुआ,पर भ्रष्टाचार भी तो बढ़ा?
रेल मंत्री बोले- ईडी-सीबीआई करप्शन पर अटैक कर रहे, हमें आलोचना भी मंजूर …
विधानसभा चुनाव के बीच केंद्रीय रेल, संचार व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिल्ली के अलावा राजस्थान, छत्तीसगढ़ जैसे चुनावी राज्यों में चल रही ईडी-सीबीआई की कार्रवाई को सही ठहराया। कहा- करप्शन पर अटैक करने की कार्रवाई चल रही है। इसके लिए हम आलोचना भी सुनने को तैयार हैं। वैष्णव दैनिक भास्कर के ‘नेताजी न्यूज रूम’ में पाठकों के सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने परिवारवाद और परिवार से टिकट देने पर भी कहा कि भाजपा टैलेंट को तवज्जो देती है। दूसरे दल में पीढ़ियों से पार्टी पर परिवारों का कब्जा है।
परिवारवाद पर
Q. भाजपा परिवारवाद का विरोध करती है, पर परिवार से लोगों को टिकट दे दिए जाते हैं?
कांग्रेस का अध्यक्ष कौन बनता है, पीढ़ी-दर-पीढ़ी एक ही। समाजवादी पार्टी का भी ऐसा है। कोई दूसरा बने तो वह रबर स्टैंप होता है। परिवारवाद का मतलब आप पार्टी को अपनी प्रॉपर्टी मान लेते हैं। टैलेंट से कोई नेतृत्व में सामने आता है तो यह परिवारवाद नहीं है।
Q. पॉलिटिकल नेपोटिज्म भी तो यही है। हर सांसद-विधायक के बेटे-रिश्तेदार की ट्रेनिंग तो हो रही है?
यदि ऐसा होता तो इतने सर्वे करने की जरूरत नहीं पड़ती है। जहां बेटे-बेटी या किसी को टिकट मिला है तो इसे टैलेंट ही समझें।
ईडी की कार्रवाई पर
Q. विकास तो हो रहा है, लेकिन भ्रष्टाचार भी बढ़ रहा है। अंकुश कैसे लगाएंगे?
कई तरह के बदलाव पीएम मोदी ने किए हैं। सरकारी खरीद इलेक्ट्रॉनिक कर दी है। टैक्स असेसमेंट फेसलेस कर दिया। 1500 से ज्यादा पुराने कानून हटाए। दूसरे दल ईडी-सीबीआई के नाम पर आलोचना करते हैं। करप्शन पर अटैक करने के लिए यह आलोचना सुनने को भी तैयार हैं।
बड़े नेताओं के चुनाव पर
Q. विकास के काम इतने हुए हैं तो मौजूदा चुनाव में भाजपा ने केंद्रीय मंत्रियों व सांसदों को क्यों उतारा?
भाजपा में हर व्यक्ति कार्यकर्ता होता है। जब जो आदेश मिलता है तो वो काम करते हैं। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी सांसद चुनाव लड़ रहे हैं। इसमें नया कुछ नहीं है। हर जगह लोग स्वीकार कर रहे हैं कि विकास हुए हैं। दौरे में एक बहन ने कहा कि कांग्रेस सरकार आई तो फिर घूंघट में घुट-घुट कर मरना पड़ेगा।
चुनाव में सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल पर
Q. कई डीप फेक वीडियो आए। शिवराज कांग्रेस तो नाथ भाजपा का प्रचार करते दिखे। कैसे निपटेंगे?
डीप फेक और एआई का यूज कर रियल दिखने वाले वीडियो पर सोशल मीडिया पर तुरंत कार्रवाई की गई है। नोटिस भी दिया है। वीडियो प्वाइंट आउट होने के तुरंत बाद उसे हटाना पड़ेगा। नहीं हटाते तो जिम्मेदारी संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की होगी। अब ऐसा करने वाले बच नहीं सकते।
अपने सियासी भविष्य पर
Q. राजनीतिक गलियारों में आपको राजस्थान के अगले सीएम के रूप में देखा जा रहा है?
बिल्कुल नहीं। मैं बहुत ही साधारण कार्यकर्ता हूं और वही रहना पसंद करता हूं।
Q. सोशल मीडिया पर अश्लील, हिंसात्मक और अपराधिक श्रेणी के कंटेंट पर सरकार लाचार क्यों हैं?
कुछ गलत होता है ताे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को शिकायत करें। 99% सॉल्व होगा। इसके बाद ग्रीवांस अपीलेंट अथॉरिटी में डालें। अथॉरिटी की 85% शिकायतें सुलझा ली हैं।
Q. सालों से मांग होने के बावजूद खरगोन, बड़वानी सहित मप्र के कई जिलों में रेल लाइन नहीं पहुंच पाई?
रेलवे 30-40 वर्षों तक पॉलिटिकल टूल बना दी गई थी। कांग्रेस इसकी दोषी है। सहयोगी दल भी शामिल हैं। लालू यादव तो रेलवे को दुधारू गाय समझते थे। अपने क्षेत्र को देखकर निर्णय लिए जाते थे। 2014 तक रेलवे में साल का निवेश 35-36 हजार करोड़ होता था। नए इंजन, कोच, सेफ्टी, मेंटेनेंस इसी से होता था। मोदी जी ने इसे स्ट्रेटेजिक सेक्टर माना। अब छह गुना 2 लाख 40 हजार करोड़ निवेश हो रहा है। आज चेंज इसीलिए दिख रहा है। साठ साल में रेलवे का विद्युतीकरण 20 हजार किमी हुआ। अभी 10 साल में 40 हजार किमी हुआ। दाहोद-इंदौर का काम वर्षों पहले हो जाना चाहिए था। अब तेजी से हो रहा है। साल भर में ट्रेन शुरू हो जाएगी। भोपाल से इटारसी के बीच चौथी लाइन बन रही है। आपने वंदे भारत देख ली, अब वंदे मेट्रो व वंदे स्लीपर देखोगे।
रेलवे में एआई
Q. एआई का प्रयोग रेलवे में कर रहे हैं, क्या बदलाव होगा?
एआई के बहुत लाभ और कुछ माइनस प्वाइंट हैं। नुकसान वाली चीजों को कंट्रोल करना होगा। एआई की ग्लोबल बॉडी (जीपीएआई) का चेयरपर्सन भारत है। 12 दिसंबर को एआई के वैज्ञानिक दिल्ली आने वाले हैं। इससे भविष्य तय होगा। दिशा एप एआई पर चलता है। चैट कर सकते हैं। ट्रैक की कंडीशन चैक करने, क्राइम कंट्रोल, मेंटेनेंस का काम एआई से कर रहे हैं। तीन-चार वर्षों में रेलवे का चेहरा बदला नजर आएगा।
दुर्घटनाओं से सुरक्षा
Q. क्या तकनीक ला सकते हैं, जिससे हादसों की गुंजाइश खत्म हो जाए?
दुर्घटना को रोकना ही चाहिए। सालाना करीब 70% दुर्घटनाएं कम हुई हैं। बहुत सारे बदलाव किए गए। सेफ्टी में ही एक लाख 8 हजार करोड़ का निवेश किया है। क्रॉसिंग ठीक की गई है। साल के 28-30 स्टेशन इंटरलॉकिंग किए जाते थे, अब यह संख्या बढ़ गई है। सिग्नल में सुधार हुआ है। कवच बनने लगे। जो काम 1990 में होना था, वह अब मोदीजी ने शुरू किया है। आने वाले 3-4 सालों में वेटिंग लिस्ट खत्म हो जाएगी
डबल इंजन सरकार
Q. रेल मंत्री के नाते ‘डबल इंजन’ के नारे को किस तरह देखते हैं?
डबल इंजन का मतलब है कि जो प्रयास राज्य सरकार लगा रही है, उसमें केंद्र की ताकत जुड़ जाए। छग में रेलवे के लिए भूमि अधिग्रहण या कानून-व्यवस्था में राज्य सरकार का सहयोग नहीं मिलता। मप्र में यूपीए सरकार रेलवे के लिए 632 करोड़ देती थी। साल में 10-20 किमी ट्रैक बनते थे। डबल इंजन हुआ तो आज 13,607 करोड़ मिलता है। 80 स्टेशन वर्ल्ड क्लास बना रहे हैं। तीसरी लाइन बिछ रही है।
Q. आप ब्यूरोक्रेट रहे हैं, अफसरों का राजनीति में आने का ट्रेंड बढ़ा है?
देखिए, यह कोई नया नहीं है। पहले भी कई उदाहरण हैं। मणिशंकर अय्यर, यशवंत सिन्हा, मीराकुमार जैसे लोग हैं। परपज क्लियर है तो आप कोई भी हों, अच्छा काम ही करेंगे।
Q.बुजुर्ग, छात्र सबकी रियायत बंद हो गई पर नेताओं की जारी है?
आज भी रेलवे 55% डिस्काउंट दे रहा है। यह 60 हजार करोड़ रुपए होता है। हर यात्री को किसी न किसी रूप में लाभ मिलता है। हम 100 रुपए में सिर्फ 45 रुपए ही चार्ज कर रहे हैं।
Q.कोविड के बाद रेलवे के स्लीपर कोच की संख्या घटाई जा रही है?
65 हजार कोच हैं। इनमें 41 हजार स्लीपर (नॉन एसी) हैं। यही अनुपात पहले था। अभी भी है। कई वर्षों की जड़ता मोदी जी ने खत्म की। लोगों को पच नहीं रहा। इसलिए कुछ न कुछ नैरेटिव बनाया जा रहा है।
Q. रेलवे में लाखों पद खाली हैं। बोर्ड भर्तियां क्यों नहीं निकाल रहा है?
दस साल में पांच लाख रोजगार दिया है। कांग्रेस की दस साल की सरकार में 4.60 लाख भर्तियां की हैं। पिछले डेढ़-दो साल में एक लाख 45 हजार लोगों को रोजगार दिया है।
इन्होंने पूछे प्रश्न
मप्र के अलग-अलग शहरों से आए पाठकों गायत्री सोनवणे, महक कुमारी, दीपक जोशी, सुदर्शन पाटीदार, अर्पित शर्मा, निखिल सोलंकी, पायल जोशी, कमलेश सेन, राहुल गुप्ता, वंशिका पिचानोत और शिवानी राजपूत ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से सवाल पूछे।