सपा, बसपा, गोंगपा ने 2018 में 37 जगह बिगाड़े थे समीकरण !
सपा, बसपा, गोंगपा ने 2018 में 37 जगह बिगाड़े थे समीकरण, इस बार भी असरदार
ये थीं 37 सीटें… सुमावली, मुरैना, दिमनी, अंबाह, भिंड, पिछोर, बीना, निवाड़ी, दमोह, पन्ना, रामपुर बघेलान, सिरमौर, सेमरिया, देवतालाब, देवसर, धौहानी, ब्योहारी, विजयपुर, सबलगढ़, जौरा, अटेर, लहार, ग्वालियर ग्रामीण, भितरवार, करैरा, पोहरी, पिछोर, कोलारस, अशोकनगर, चंदेरी, देओरी, पृथ्वीपुर, बालाघाट, बैहर, परसवाड़ा, वारासिवनी और कटंगी।
एक नजर… कई जगह हार-जीत के मार्जिन से अधिक वोट ले गए ये दल
- मुरैना में कांग्रेस की जीत का मार्जिन 13.79% था, जबकि बसपा को 13.99 % वोट मिले थे।
- पिछोर में कांग्रेस 1.31 प्रतिशत वोट से जीती, बसपा को 2.31% वोट मिले।
- बीना में भाजपा मात्र 0.5 % वोट से जीती, बसपा प्रत्याशी को 5.45 % वोट मिले थे।
- पन्ना में भाजपा 12.18% वोट से जीती जबकि बसपा प्रत्याशी को 13.42% वोट मिले थे।
- ब्यौहारी में भाजपा को कांग्रेस से 20.72% वोट अधिक मिले, बसपा और गोंगपा मिलकर 26.55% वोट ले गए।
2023 में भी मुकाबले को दिलचस्प बनाया
सपा-बसपा का यूपी से सटे विंध्य, ग्वालियर -चंबल और बुंदेलखंड में तो गोंडवाना का विंध्य और महाकौशल के आदिवासी इलाकों में परंपरागत वोट बैंक रहा है। ये पार्टियां इस बार भी 35 से ज्यादा सीटों पर प्रभाव डालेंगी। बसपा का प्रभाव बढ़ सकता है क्योंकि उसका अब गठबंधन गोंगपा से है। दोनों के बढ़े हुए वोट कई सीटों पर बड़े दलों को दिक्कत देंगे।
बसपा-गोंगपा साथ मैदान में
सपा के कुल 69 उम्मीदवार इस बार मैदान में हैं, जबकि बसपा ने 175 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। जबकि गोंगपा जो बसपा के साथ गठबंधन में है, ने 54 सीटों पर टिकट दिए हैं।
भाजपा-कांगेस के बागी तीसरे मोर्चे में
बसपा से कांग्रेस के कुलदीप सिकरवार, यादवेंद्र सिंह, वहीं भाजपा के बागी संजीव कुशवाह, रसाल सिंह आदि मैदान में हैं। भाजपा के बागी मुन्नासिंह भदौरिया, अमिता बागरी आदि सपा से उतरे हैं। नगर निगम सिंगरौली जीतने के बाद आप भी पूरी ताकत से मैदान में हैं।