इस्तीफा दे चुके IAS बनाएंगे पॉलिटिकल पार्टी …? भोपाल में वरदमूर्ति बोले- सरकार विफल, सत्ता में शीर्ष पर बैठे लोगों में दूरदर्शिता की कमी
डेढ़ महीने पहले सरकारी नौकरी से इस्तीफा देने वाले IAS वरदमूर्ति मिश्रा अब राजनीति में एंट्री करेंगे। भोपाल में उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नई पार्टी बनाने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा- पिछले पांच-छह साल से मेरे मन में उथल-पुथल मची थी। 26 साल 13-14 जिलों में रहा हूं। गांवों में जो परेशानियां देखीं, उन्हें दूर करने के लिए राजनीतिक दल की शुरुआत करूंगा।
वरदमूर्ति ने शिवराज सरकार पर हमला करते हुए कहा- सिस्टम में रहकर भी अफसर अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित नहीं कर पा रहे हैं। ब्यूरोक्रेट्स की बात सुनने के बजाए सरकार सिर्फ ईवेंट पॉलिटिक्स कर रही है। उन्होंने कहा- मध्यप्रदेश बीज का नकली हब बन गया है। देश में सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश में कंज्यूमर फोरम में नकली बीज के केस दर्ज हैं। यही हाल फर्टिलाइजर का है। संगमरमर का चूरा और फ्लाई ऐश मिलाकर इसकी सप्लाई हो रही है। सरकार के पास इसकी चेकिंग की कोई व्यवस्था नहीं है।
जनता से जुडे़ मुद्दों पर सरकार का ध्यान नहीं
वरदमूर्ति ने कहा वर्तमान में राजनैतिक परिस्थितियां बहुत ही निराशाजनक हो चुकी हैं। सत्ता में शीर्ष पर बैठे लोगों की प्रशासनिक समझ में कमी और दूरदर्शिता के अभाव के कारण आज पूरे मध्यप्रदेश का विकास बाधित हो रहा है। किसी भी सरकार ने जनता से जुड़े मूल मुद्दों पर काम नहीं किया। वर्तमान सरकार तो हर मोर्चे पर विफल है। मध्यप्रदेश के किसान संकट में हैं। शिक्षा व्यवस्था का हाल बेहाल है। बेरोजगारी बढ़ रही है। स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। जनता आज पीने का पानी और बिजली संकट से जूझ रही है। लेकिन, सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है।
मप्र पर लगातार बढ़ रहा कर्ज
कोरोनाकाल के दौरान लगातार मौतें हो रही थी, उस दौरान भी सरकार की कोई कार्ययोजना नजर नहीं आई। सरकार की नाकामियों की वजह से मध्यप्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो चुकी है। प्रदेश की वित्तीय स्थिति भी असंतुलित हो चुकी है। सालाना बजट से भी ज्यादा के ऋणभार का बोझ आज जनता के ऊपर है।
20 साल से हो रही झूठे आंकड़ों की राजनीति
पिछले करीब बीस सालों के शासन में किसी भी सरकार ने मध्य प्रदेश के लोगों का भला नहीं किया। झूठे आकड़ों और इवेंट पॉलिटिक्स करके जनता को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया है। इन बीस • सालों में बेहाल हुई जनता के अधिकारों का सवाल है। ये म प्र का सवाल है। यह मध्य प्रदेश की जनता के अधिकारों का सवाल है।